Quotes by Dil se kalam Tak in Bitesapp read free

Dil se kalam Tak

Dil se kalam Tak

@dilsekalamtak711812


🌿 कविता – छोड़ना भी एक जीत है 🌿

कभी लगता है…
सारी दुनिया का बोझ
हमारे ही कंधों पर रख दिया गया हो,
हर रिश्ता, हर उम्मीद, हर जिम्मेदारी
हमें खींचती रहती है—
और हम चुपचाप निभाते रहते हैं।

पर अंदर से…
धीरे-धीरे दरारें बनने लगती हैं,
मुस्कान के पीछे आंसुओं का सैलाब छुपने लगता है।
लोग कहते हैं — "हिम्मत रखो"
पर कोई नहीं समझता,
कि हिम्मत सिर्फ पकड़ने में नहीं,
कभी-कभी छोड़ने में भी होती है।

छोड़ना मतलब हारना नहीं,
बल्कि अपनी टूटी हुई रूह को
फिर से जोड़ना है।
यह वो कदम है
जब इंसान अपने घावों को
मरहम देता है,
अपनी थकी हुई साँसों को
आराम देता है।

रिश्ते अच्छे लगते हैं,
सपने खूबसूरत लगते हैं,
पर जब वही हमें तोड़ने लगें…
तो उन्हें दिल से विदा कर देना ही
सबसे बड़ी बहादुरी होती है।

क्योंकि असली जीत वही है,
जब हम टूटकर भी उठ खड़े हों,
खुद को आईने में देखें
और कह सकें —
"हाँ, मैं बिखरा जरूर था…
पर मैंने खुद को फिर थाम लिया।"

_____दिल से कलम तक _____

✍️
प्रेमलता आर्मों

#DilKiBaat #Heartfelt #EmotionalQuotes #LifeTruth #SelfLove #BrokenButStrong #HealingJourney #Zindagi #InstaThoughts #DeepFeels #दिलसेकलमतक
#dilsekalamtak
#dilsekalamtak1 #PremlataArmoWrites #PremlataArmo #feelings #explorar #explore #instapost #poemoftheday #poems #fbpost2025シ

Read More

"ख़ामोशी की जीत"

मैं भी उन्हीं नासमझों में से हूँ,
जो सब जानकर भी अनजान बन जाती हैं।
जानती हूँ—
कब, कहाँ, कितनी बार मुझे मूर्ख बनाया गया,
हर मीठे लफ़्ज़ में छुपा स्वार्थ,
हर मुस्कान की ओट में छिपी मंशा,
और हर वादे में कैद अधूरी नीयत—
सब कुछ मेरी नज़रों से ओझल नहीं।

फिर भी… मैं चुप रहती हूँ।
क्योंकि सच की तलवार,
रिश्तों की नाजुक डोर को बहुत आसानी से काट देती है।
हर कान सच सुनने का हौसला नहीं रखता,
और मैं अपने दिल की शांति
बेकार की बहसों और तानों की आग में
जलने नहीं देती।

मेरी यह चुप्पी हार नहीं,
बल्कि चुनाव है—
अपने सुकून को बचाए रखने का,
अपनी गरिमा को थामे रखने का।

कभी-कभी जानकर भी अनजान रह जाना
सबसे बड़ी समझदारी होती है।
क्योंकि हर धोखे का जवाब शब्दों में नहीं,
कुछ जवाब नज़रों के सन्नाटे में छिपे रहते हैं।

और मैं… उसी सन्नाटे में
अपनी स्त्री-सुलभ ताक़त,
अपना सम्मान,
अपनी जीत—
सब सम्भाल कर रखती हूँ।

ताकि जिसे लगा कि उसने मुझे मात दे दी,
वह कभी जान न पाए—
असली जीत तो मेरी ख़ामोशी में थी।

__दिल से कलम तक _

_@dil_sekalamtak1_

.
.
✍️
Premlata Armo

#KhamoshiKiJeet #DilSeKalamTak #InnerStrength #SilentVictory #SelfRespect #EmotionalPower #WordsUnspoken #StrengthInSilence #PremlataArmo #DilSe
#ɪɴsᴛᴀᴘᴏsᴛ #viralreels #explorarpage

Read More

🌸 Poem: दिल से निकली बात

दिल से निकली बातें छुपाई नहीं जातीं,
ये आँखों के आँसुओं में झलक ही जातीं।
कभी चुप्पियों में ढलकर सिसक जातीं,
कभी काग़ज़ पर उतरकर सुकून दिला जातीं।

ये बातें बोझ नहीं, दुआओं का सहारा हैं,
टूटे दिल के लिए जैसे कोई किनारा हैं।
जब कोई सुने इन्हें दिल से, तो जादू हो जाता है,
जैसे सूखी ज़मीं पर पहला पानी बरस जाता है।

दिल से निकली बातें हमें जोड़ देती हैं,
अजनबियों को भी अपना बना देती हैं।
ये सिर्फ लफ़्ज़ नहीं, ये रूह की आवाज़ हैं,
हर दर्द, हर खुशी का यही असली राज़ हैं।

तो मत रोकना इन्हें—
कभी कविता, कभी कहानी, कभी गीत बना लेना,
और देखना, दुनिया भी इन्हें दिल से अपना लेगी,
क्योंकि दिल से निकली बातें, सीधा दिल तक जाती हैं।

____दिल से कलम तक ____


✨ Tags
#DilSeNikliBatein #PremlataArmo #DilSeKalamTak #HeartTouchingStory #HindiPoem #LifeLessons #EmotionalLines #Motivation

Read More

🌸 Story: पहली बारिश की याद

Writer: Premlata Armo

बरसात का मौसम हमेशा से ही कुछ खास होता है। पहली बूंद ज़मीन पर गिरते ही मिट्टी की खुशबू दिल को भीतर तक छू जाती है। लेकिन हर किसी की ज़िंदगी में “पहली बारिश” सिर्फ मौसम नहीं लाती, बल्कि ढेर सारी यादें भी साथ लेकर आती है।

रीमा के लिए भी पहली बारिश सिर्फ पानी की बूंदें नहीं थी, बल्कि बचपन से लेकर जवानी तक का वो अनमोल हिस्सा थी जो उसके दिल के बहुत करीब था।

बचपन में जब पहली बारिश होती, तो वो अपनी माँ के साथ छत पर दौड़ जाती। माँ हँसते हुए कहतीं—“भीग जाएगी तो बीमार पड़ जाएगी।” लेकिन रीमा का जवाब हमेशा एक ही होता—“माँ, ये बारिश दवा है, बीमारी नहीं।” और सच में, बारिश की वो बूंदें उसके दिल को जितना सुकून देतीं, उतनी कोई दवा नहीं दे सकती थी।

गाँव की गलियों में बच्चे बारिश में दौड़ते, मिट्टी में खेलते और कागज़ की नावें तैराते। रीमा भी हर साल अपनी छोटी-सी नाव बनाती और उसे नाली के पानी में छोड़ देती। जब नाव बहते-बहते दूर चली जाती, तो वो सोचती—“काश मेरी ज़िंदगी भी ऐसे ही बेफ़िक्र बहती चली जाए।”

समय गुज़रता गया। बचपन से निकलकर कॉलेज की दहलीज़ पर कदम रखते ही पहली बारिश का रंग भी बदल गया। अब बारिश सिर्फ मिट्टी की खुशबू नहीं लाती थी, बल्कि दिल में अनकहे जज़्बात भी जगाती थी।

कॉलेज का वो दिन रीमा कभी नहीं भूल सकती। पहली बारिश शुरू हुई थी। पूरी क्लास खिड़की से बाहर झाँक रही थी। सब हँसते, शोर मचाते हुए मैदान की ओर भागे। रीमा भी दोस्तों के साथ भीगने निकली। लेकिन उसी पल उसकी नज़र आरव पर पड़ी—जो बारिश में भीगते हुए चुपचाप आसमान की ओर देख रहा था।

उसकी आँखों में कुछ अलग ही कहानी थी। रीमा का दिल अनजाने एहसासों से भर गया। पहली बार उसे लगा कि बारिश सिर्फ भीगने का नाम नहीं, बल्कि दिल के छुपे जज़्बातों को बाहर निकालने का ज़रिया भी है।

उस दिन के बाद से बारिश और आरव जैसे एक-दूसरे से जुड़ गए। हर साल पहली बारिश आती, तो दोनों एक-दूसरे को याद करते। कभी कॉलेज की कैंटीन में बैठकर चाय और पकौड़े खाते, तो कभी छत पर खड़े होकर बारिश की बूंदें गिनते।

लेकिन ज़िंदगी हमेशा हमारी चाहतों की तरह नहीं चलती। कॉलेज खत्म होते ही आरव को दूसरे शहर नौकरी के लिए जाना पड़ा। जाते-जाते उसने रीमा से कहा—“हर साल जब पहली बारिश होगी, तुम मेरी याद करना। मैं जहाँ भी रहूँगा, तुम्हारे साथ भीग रहा होऊँगा।”

आज सालों बाद भी रीमा हर पहली बारिश पर छत पर जाती है। बूंदों को हथेलियों में समेटती है और आँखें बंद करके वही एहसास ढूँढती है। मिट्टी की वही खुशबू, दिल में वही धड़कन, और कानों में वही आवाज़—“हर बारिश में मैं तुम्हारे पास हूँ।”

उसके लिए पहली बारिश सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि उसकी यादों की सबसे खूबसूरत किताब है। एक ऐसी किताब, जिसमें बचपन की मासूमियत भी है, माँ की हँसी भी है, दोस्तों का शोर भी है और आरव का प्यार भी।

रीमा अक्सर सोचती है—
“शायद पहली बारिश हमें इसलिए इतनी यादगार लगती है, क्योंकि वो हमें हमारे अपनेपन से जोड़ देती है। चाहे वो बचपन हो, दोस्ती हो, या मोहब्बत… पहली बारिश हमेशा दिल की गहराई में छुपी सबसे प्यारी यादों को बाहर ले आती है।”

Read More

🌸 Poem: पहली बारिश की याद

पहली बूंद जैसे ही गिरी ज़मीं पर,
मिट्टी की खुशबू ने दिल को छू लिया भीतर।
आँखें बंद करते ही बीते साल लौट आए,
बचपन की गलियों में फिर वही रंग छा गए।

कभी हम कागज़ की नाव बना कर,
बरसाती पानी में उसे तैराते।
दोस्तों के संग भागते-दौड़ते,
खुद भीगते, हँसते और खिलखिलाते।

माँ की आवाज़ दूर से आती—
“रुक जाओ! भीग गए तो बुखार हो जाएगा।”
पर उस डाँट में भी प्यार छुपा होता,
जैसे बारिश का संगीत दिल में समा जाता।

फिर जवानी आई, मौसम वही रहा,
लेकिन एहसासों का रंग नया चढ़ा।
कॉलेज की कैंटीन, पकौड़ों की खुशबू,
चाय की प्याली और दिल की धड़कनों का राग शुरू।

वो पहली बारिश, जब नज़रें मिलीं,
भीगे हुए लम्हों में मोहब्बत पली।
बारिश की हर बूंद ने नाम लिखा,
दिल के कागज़ पर एक ख्वाब खिला।

कभी छत पर खड़े होकर आसमान निहारा,
कभी भीगी सड़कों पर हाथों में हाथ थामा।
हर साल पहली बारिश हमें याद दिलाती,
कि प्यार भी बारिश की तरह सबकुछ भिगो जाती।

आज बरसों बाद भी जब पहली बूंदें गिरती हैं,
दिल फिर उसी कहानी में लौटकर सिहरती है।
हथेली में पकड़ती हूँ वो नन्हीं-सी बूंद,
मानो उसमें छुपा हो मेरा पूरा बचपन और सुकून।

पहली बारिश आज भी मेरे लिए दुआ है,
जिसमें माँ की डाँट भी है, दोस्तों की हँसी भी है,
और उस अनकहे प्यार की याद भी है,
जो मेरे दिल में अब तक ज़िंदा है।

शायद इसी लिए—
पहली बारिश कभी बूढ़ी नहीं होती,
वो हमेशा दिल की किताब का पहला पन्ना बनी रहती है।

_______दिल से कलम तक ______

✍️
प्रेमलता आर्मों

✨ Tags:
#पहलीबारिशकीयाद #PremlataArmo #DilSeKalamTak #HeartTouchingPoem #HindiPoetry #RainMemories #EmotionalLines #PremlataArmoWrites
#poem

Read More

"उम्मीद की रौशनी"

अँधेरे सफ़र में जब राह खो जाती है,
थकान से हर उम्मीद सो जाती है।
तभी एक नन्हीं सी किरण मुस्कुराती है,
दिल कहता है — "ज़िंदगी फिर से खिल जाती है।"

टूटे सपनों के बीच भी चमक है कहीं,
जैसे बंजर ज़मीन पर हरियाली हो यहीं।
जो थाम ले उस रौशनी की डोर को,
वो पा ले मंज़िल अपने हर शोर को।

उम्मीद वो चिराग़ है, जो बुझता नहीं,
आँधियों से भी डरकर झुकता नहीं।
ये सिखाती है हर बार गिरकर उठना,
और आँसुओं में भी मुस्कान ढूँढना।

तो चाहे कितने भी तूफ़ान आएं ज़िंदगी में,
मत खोना भरोसा अपनी बंदगी में।
क्योंकि अँधेरों को हराती है वही किरण,
जो दिल से कहे — "कल फिर होगा सुनहरा सवेरा।"

___दिल से कलम तक ___

✍️
प्रेमलता आर्मों

#UmeedKiRoshni #DilSeKalamTak #PremlataArmo #HeartTouchingPoem #Motivation #Inspiration #Hope #Life #PoetryLovers #hindipoem #premlataarmowrites #dilsekalamtak

Read More

“Dil Se Kalam Tak – मेरी लेखनी की शुरुआत”

दिल की आवाज़ जब कलम से मिले,
हर लफ़्ज़ में जादू सा खिले।
यहाँ हर बात है दिल से निकली,
जो रूह तक जाए, छू जाए दिली।

आपका स्वागत है इस सफ़र में खास,
जहाँ लिखते हैं हम अपने दिल के एहसास।
दिल से कलम तक ये मेरी दुनिया है,
जहाँ हर जज़्बात की होती है जुबां यहां।

आइए जुड़िए इस प्यार के जहान से,
जहाँ हर कहानी है दिल की शान से।

____dil se kalam tak____
✍🏻
प्रेमलता आर्मो

Tags
#DilSeKalamTak

#PremlataArmo

#HindiPoetry

#PoetryCommunity

#WritersOfIndia

#Emotions

#SoulfulWords

#KalamKiTaqat

#HindiQuotes

#Feelings

Read More