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Diksha

Diksha

@diksha3673


Diksha

Diksha

Diksha

तेरी यादों की तर्ज़ पर चल रही हैं बारिशें
कब कहाँ बरस जाएँ, कोई कह नहीं सकता

सुनो साहिबा बड़ी शिद्दत से पिरोया है खुद में तुझको
कि
अब मेरे शब्दों। में नहीं मेरे लहजों में हो तुम