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तिरंगेसे लिपटकर । लंबी नींद में सो जाऊँ।। सब कहें बहादुर थीं। यह सुनने के लिए, हँसते हुए अपने देश के लिए में मर जाऊं ।। written by Dhara pandya ..
इकरार नहीं। इनकार नहीं। तु मिले तो, किसी का एतबार नहीं।। लेखिका धारा पंड्या,
दोस्त: हम आपकों कहां नजर आए?? हम: पहले आप prem में नजर आए। आज वहेम में नजर आए। ओर अब थोडे दिनों बाद, डैम में नजर आए।। लेखिका "धारा पंड्या "
ના કોઈનાં વિરોધમાં, ના કોઈની સાથ માં . આપણે મસ્ત, આપણી life માં.. written by -Dhara pandya..
दिल हुआ बेकाबू ,तेरे आने के बाद। कितना संभाला उसे, तेरे जाने के बाद।। लेखिका, "पंड्या धारा"
ए मोहब्बत है ना!,ईतना इकरा क्यु रहीं हो। दिल में चाहत है ना, ईतना घबरा क्यु रहीं हो। । written by Dhara pandya..
ए इश्क है हुजूर, first, second ,third बार नहीं होता। ये दिल का सौदा है, यु सरेआम नहीं होता। । written by pandya dhara..
हर रिश्ते ने ठुकराया था। मेरे दोस्तों ने अपनाया था।। मे चाँद सा हु, ये कहकर मुझे सम्भाला था। । written by dhara pandya..
हमारे पापा हमारा जीवन हैं । तो उसमे बसने वाली जान हमारी माँ है ।। हमारे भैया हमारा दिल हैं। तो उसमे धडकनें वाली धडकन हमारी बहेन है।। उन्होंने हमें प्यार दिया, हमने उन्हे सनमान दिया। ये वही लोग हैं जिन्होने, हमारी अच्छी-बुरी हर जिद को पूरा किया ।। ईश लिए हमें खुदा माफ करना क्यु की, हम तुम्हारी जगह उन्हे दे रहे हैं ।। हम जानते हैं कि, आपकी वजह से हमारा अस्तित्व है। लेकिन उनके बिना हम कुछ नहीं है। । इसलिए उन्हे,हम हमारा खुदा के रहे हैं।। written by Dp dhara pandya.. -Dhara Pandya
उनके शहर जाने का ,पैगाम आया था । हमने सिर्फ, उस एक गली को छोड़ दिया । जहाँ कभी वो खडा था ।। written by Dp.
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