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किसी का इंतज़ार ऐसे न था किसी के लिए प्यार ऐसे न था। खोया तो है क़रार पहले भी पर ये दिल बेक़रार ऐसे न था।। - दीपक
चाहे कोई भी सफर हो चाहे कैसी भी डगर हो। परवाह नहीं मुझें जरा भी जो तू मेरा हमसफ़र हो। - दीपक
ना ही वो मुझे संवार पाया, और ना ही मैं उसे बदल पाया। कुछ ऐसा रिश्ता रहा वक़्त से, जो वक़्त ने हर वक़्त निभाया। - दीपक
कुछ लोग बादलों की तरह भटकते हैं इधर - उधर कभी बरस जाते हैं इधर कभी बरस जाते हैं उधर - दीपक
मंज़िल की तलाश में मैं भटकता रहा इधर उधर मिल जाती मंजिल मुझे जो आ जाती तू नज़र - दीपक
ज़िन्दगी वो दौड़ है जिसमें न जीत है न हार है हर किसी की है अपनी दिशा हर किसी की अपनी रफ्तार है - दीपक
भूल जाना ही बेहतर हैं पर भूल जाना मुमकिन नहीं चाहे भूला दे हम सारा जमाना पर तुझे भुलाना मुमकिन नहीं। - दीपक
"When Life Gives You Lemons ... - Part 2" by Prateek Dave read free on Matrubharti https://www.matrubharti.com/book/19911599/when-life-gives-you-lemons-part-2
प्रिय ज़ख्म, कुछ दिन तो हरे रहो। शायद कोई आ जाए, दवा लेकर। - दीपक
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