The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Deepak Pawar लिखित कहानी "शापित खज़ाना - 10" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19932023/cursed-treasure-10
Deepak Pawar लिखित कहानी "शापित खज़ाना - 9" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19931761/cursed-treasure-9
शापित खजाना का 8 वां अंक प्रकाशित हो चुका है अगले अंक को समझने के लिए अवश्य पढ़ें 8वां अंक 12 अंक तक इसका समापन की कोशिश कर रहा हु ।9 वां अंक सबमिट किया जा चुका है वह भी जल्द आएगा । आपका शुक्रिया । धन्यवाद जो आपने पसंद किया यह उपन्यास
Deepak Pawar लिखित कहानी "मै भी इंसान हूँ" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19931545/i-am-also-human
https://www.matrubharti.com/book/19930899/love-you एक प्रेम कहानी है जिसमे रोमांस नही पर विश्व युद्ध है पानी के लिए और एक दूसरे के लिए प्रेम । जरूर पढ़ें और मुझे रिप्लाय जरूर दे ।। प्यार है तुमसे ।।
तेरा गलियों से यूं गुजरना अच्छा लगता है चलते चलते यू तेरा मुस्कुराना अच्छा लगता है वो जो ख़ामोशी की तेरी आदत और गेसुओं का लहराकर मुड़कर देखना अच्छा लगता है । तू कहे ना कहे ये शिकायती निगाहें ,झुकर शर्माना अच्छा लगता है । -Deepak Pawar
कंधे पर जिम्मेदारी आगई क्या ? बच्चों के भविष्य की चिंता बढ़ गई क्या ? कितना जिये हो कि अब भी आरजु है । चल भाई हँसते है ,खेलते है ,दौड़ते है एक दिन निकाल कर ..मिलकर .. जिंदा अभी भी है हम , तुम्हे कहि बुढ़ापे का डर सता रहा है क्या ? -Deepak Pawar
समझ लेती मुझे तो जल्दबाजी नही करती यूं.. मैंने ही पगली तुझे आज़ाद रहने दिया था ... बस नासमझी में दुबारा वही भूल करदी यूं.. की अब अपने आप पर पछतावा था .. काश खुल कर बता देता तुमको ,तुम्हे खोना ग़वारा ना था -Deepak Pawar
मै शायर नहीं पेशेवर मग़र ईतना बता देता हूं। तुम्हारे लबो की रंगत पर बस यूं ही कुछ कह देता हूं। अब यह तुम्हारी मर्जी है, इसे इश्क कहो या ना कहो.. मगर प्यार है यह.. मैं कह देता हूँ । -Deepak Pawar
ज़्यादा मत सोचों सोचने पर भी दिमाग़ हिल जाता है.. इंसान बनकर रहो । क्योकि जानवर भी शिकार सोच समझ कर करता है.. माध्यम, मध्यम से गुज़र जाओ बस। अक़्सर ज़्यादा सोचना दीवाना बना जाता है.. -Deepak Pawar
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser