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आकर बैठा था चाँद मेरे पहलु में सितारों जैसे चमकने के वो दिन थे। चाँदनी -Chãndñi .
તુ કહે તો સંભળાવું તને આખી ઘટના તુ ચાહે તો ફક્ત આંખો વાંચી શકે છે -Chãndñi .
मेरी तन्हाई,मेरी खामोशी और मेरी उदासीयो से डरो.. ये बंजारापन जींदगी है मेरी मेरी उलझनों से डरो.. ◆चाँदनी शाह -khwabeeda
इस चश्म-ए- बे-ख़्वाब पे कोई ख़्वाब और न रखो, हर बात पर बोसा आप हमारी पेशानी पर न रखो। ✨ख़्वाबीदा -Chãndñi .
वो तितलीयाँ अक्सर जल्दी मारी जाती है, जो आग की चकाचौंध में दिवानी हो जाती है। -Chãndñi ikhwabeeda
ये धूप सुनहरी सुहानी हो रही है, हवा कुछ महेकी महेकी हो रही है, सुना है वो ठहेरे है आके हमारे शहेर मानो सुबह शाम दिवानगी हो रही है। ~ख़्वाबीदा
झुक जाती है मेरी नज़रे वो आंखे नही फेरता, वो तकते तकते देखो मुझे ही तकने लगा है, अक्सर वो कहेता है में दिलमें नही पर दिल हूँ , वो ही बन के धडकन मेरी अब धडकने लगा है, नही आती ये दुनियादारी समजमें मुझको, वो प्यारा शख्स मुझे और प्यारा लगने लगा है। ~✨ख़्वाबीदा -Chãndñi .
वो पूछते है राज़ इन आँखों की चमक का बता दे हम उन्हें आंखों में भर कर लौटे है? हैरत है लोगो को इस महकते जिस्म पर बता दे की हम उन्हें गले लग कर लौटे है? ~ख़्वाबीदा
આંસુ માટે તો ક્યાં જગ્યા જ છે ચાંદની હમણાં, આ આંખે આવી વસ્યા છે કંઇ કેટલાયે શમણાં.. -Chãndñi .
न गुज़र जानबूझकर मेरी गली से.. तेरी खुशबू हम अब भी पहचानते है, तु कुछ याद करने फिर चलता है, हम तुझ में देरतलक खोये रहते है। -Chãndñi ikhwabeeda
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