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Chavda Dharmi

Chavda Dharmi

@chavdadharmi3794


जिस नज़ाकत से
समंदर की लहेरे
पैरो को छूती है... यकीन नही होता इन्होंने भी कभी कस्तियाँ डुबाई होंगी..

-Dh@rmi

बेपनाह प्यार था
बेपरवाह लोगो से
पर जिस दिन की इस दिल ने खुद से मोहब्बत
जिंदगी भी उसपे फ़िदा हो गई -Dh@rmi.

मंज़िल को पता नहीं
सफर ने कितना कुछ छिन लिया उनसे
~Dh@rmi

यु तो ए ज़िन्दगी
तेरे सफर से शिकायते बहुत थी
मगर दर्द दर्ज कराने पहुँचे
तो कतारे बहुत लम्बी थी
-dh@rmi