The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
दर्द ए इश्क आशिकी का गहना है अपनी बेबफाई में इसे बदनाम क्यों करते हो ।
मुझे आदत नहीं दूसरों के अल्फाज चुराने की लिखना मेरा शौक नहीं मेरे जीवन का हुनर है
जिंदगी से बडा कोई खेल नहीं यहाँ अपनों की खुशी के लिए जीती बाजी भी हारनी पडती है
आज मेरी खामोशी मुझसे बोली,जरा मुझे भी हंसा दो तुझे देख दर्द मुझे भी होता है, अपने लिए न सही मेरे लिए ही मुस्कुरा दो
मुझे अपने लिए एक यारी चाहिए वाहन है खाली मेरा एक सवारी चाहिए
भुवन स्वराज उन हैंसलों का नाम है जो तिनके से तलवार व तलवार से तिनके काम लेता है हौंसले हैं तो हार कैसी
है कोई जो मुझे अपना दीवाना बना ले है कोई जो मुझसे मेरा गम छुडा ले मुझमें समाने आए अनेकों है कोई जो मुझको खुद मे समाले प्यासा हूँ मैं सदियों से शायद मेरी प्यास सरवर न बुझा पाऐगा मेरे इश्क दी प्यास बुझाने को कोई रसदार समंदर आयेगा मैं वह बिकाऊ फूल नहीं जो हर दर पर चढ जाएगा यह चढे शीष पर त्रिभुवि के या जंगल में मिट जाऐगा क्या बनी है कोई हीर मेरे लिए जो मुझपर वारी जाएगी मुझ सूखे पतझड के मौसम में इश्क का रंग चढाएगी है कोई इस जहाँ में क्या जो मेरा साया बनकर आऐगी अपनी कदंबिनी बांहो के झूले पर थपकी मार सुलाएगी है कोई जो खुद को मुझ पर फिदा कर पाऐगा उस प्रेमी की आंखों में ये भुवन अमिय समाऐगा। गर हमें पाना इतना आसां होता तो हमारे दीदार को अश्क खुद न रोता भुवन/भुवि स्वराज
राज द्रोह या कर्म मोह किसको गले लगाऊं मैं मातृभूमि की रक्षा को जीवन अर्पण कर जाऊं मैं
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser