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Archana Pardhi

Archana Pardhi

@archaanapardh8
(4)

तेरे बदन की खुशबू में ये असर क्या कहें,
जैसे रूह छू जाए, मगर बदन से होकर

आँधी में भी जो चलते रहे, वो मंज़िल के चिराग़ बने,
आसान राहों के ख़्वाब देखे, वो रास्ते में ही ख़ाक बने।

- Archana Pardhi

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हैलो
मैं यहां न ई हूं क्या कोई बता सकता है अकाउंट वैरीफाई कैसे होगा
- Archana Pardhi

तुम ही हो शिव मेरे

तुम ही हो शिव, मेरे नाथ अनादि,
कल्पों से बहते अमृत के साधि।
काल के पथ पर ज्वालित दीप,
शाश्वत सत्य, तुम अचल, अतीत।

त्रिनेत्र प्रखर, कराल विलासी,
प्रलय से पहले, शांति निवासी।
विनाशकारी, सृजन के सुत,
तांडव में तुम, समाधि में युक्त।

शूलधारी, शरणागत त्राता,
नाद में नर्तन, योग का गाता।
शिवोहं की प्रतिध्वनि बनकर,
चेतन जगत का मंगल गाथा।

गंगाधर, करुणा के सागर,
शंकर, संहारक, संजीव सुचर।
विष पीते, हरते भव पीड़ा,
भस्म रमाये, मृकुटी क्रीड़ा।

तुम ही हो ध्येय, तुम ही हो धारा,
तुमसे ही युग, तुम ही सहारा।
अखंड, अजर, अमर, अनंत,
तुम ही हो शिव, सत्य स्वरूपांत॥

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