Quotes by अंजु पी केशव अना in Bitesapp read free

अंजु पी केशव अना

अंजु पी केशव अना

@anaat8174
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हैंगओवर

अनिता जी की बाँछे खिली जा रही थीं। घंटे भर से बेटे-बहू की खुसुर-पुसुर चल रही थी। सुबह से बहू की तबीयत खराब है। सर भारी है और सुस्ती छाई हुई है, ऐसा बेटे नें माँ को बताया था। बहू को दो बार उल्टियांँ करते भी सुना था अनिता जी नें और मन के लड्डू थे कि फूटे ही जा रहे थे। रविवार होने के कारण सभी इत्मीनान में थे। बेटे नें चाय बना कर खुद भी पी और माँ को भी दे दिया । अब पता नहीं रसोई में क्या ढ़ूँढ़ रहा है। अनिता जी नें चुपके से झाँक कर देखा। उसनें नींबू के अचार की बरनी से अचार निकाल कर प्लेट में डाला और बाहर आकर इधर-उधर नजर डाली फिर कमरें में चला गया। शायद मुझसे छुपा रहा है। इतनी पढ़ी-लिखी और नौकरीपेशा बहू शादी के दो महीने के भीतर ही खुशखबरी देगी, ये तो अनिता जी नें सोचा ही नहीं था लेकिन अब है तो है। इसमें छिपाने की क्या बात है। शायद शरमा रहे हैं दोनों। डाक्टरी जाँच के बाद बताएँगे शायद। मन में एक अलग ही कहानी चल रही थी लेकिन उत्सुकता पर लगाम न थी और वो चुपके से बेटे के पीछे चल दीं कि शायद कोई भनक मिले। खिड़की से अंदर बहू अचार खाती हुई दिखी और बेटा चहलकदमी करता हुआ, थोड़े गुस्से में दिखा।
"तुमसे नींबू पानी माँगा था न ये क्या ला के दे दिया? " बहू की नाखुश आवाज आई।
"जो दे दिया सो खाओ... ज्यादा नखरे मत दिखाओ। एक तो बात नहीं सुनती हो और कही भी आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती हो।" बेटे के लहजे में खीझ सी थी।
" अब ऐसा क्या हो गया हनी..? " बहू के लहजे से उब झलक रही थी।
"क्या हो गया... सुबह से माँ से बहाने बनाता फिर रहा हूँ। उन्हें पता चल गया तो कितनी इंबैरिसमेंट होगी.... मुझे तो समझ नहीं आता कि हैंडल नहीं होता है तो पीती क्यों हो.... और वो भी सीधा वाइन... उठो अब और जा कर ठंढ़े पानी से नहाओ तो हैंगओवर उतरेगा........"
अंदर बेटे की नसीहतें तो जारी थी और बाहर माँ के मन के सारे लड्डू चकनाचूर हो गये थे। अपने कमरे में जाते हुए अब उन्हें अपने ही पाँव भारी-भारी लग रहे थे।

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