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पत्थर मार मार कर पत्थर कर दिया मुझको जमाने वालों ने। और आज वो कहते हैं कि तुम्हारे आंसू क्यों नहीं निकलते। -amar morey
अधूरी ख्वाहिशों की कोई इंतहा नहीं होती । यह पूरी होकर भी कभी पूरी नहीं होती।
मैं करता रहूंगा ढोंग मेरे ज़ख्मों के भर जाने का। पर मेरे ज़ख्म अपना फर्ज निभाते रहेंगे मुझे दर्द देकर।।
पराए लोगों के दिए गए तानों से शायद आप खुद को उपहार भी लें। पर जब आपके अपने ही आपको जख्म देने लगे तो उन जख्मों का क्या करेंगे आप।
कई जगह मेरी शख्सियत पर शीशे के टुकड़ों के क्योंकि वह शीशे कभी आईना हुआ करते थे जब तक न दिखाया वह आइना मैंने किसी को तब तक मेरे दुश्मन भी मेरे अपने हुआ करते थे
जिस समय हम ईश्वर से अपने लिए सफलता मांग रहे होते हैं। उसी समय सफलता ईश्वर से त्याग मांग रही होती है ईश्वर है तो विश्वास विश्वास है तो त्याग और त्याग है तो सफलता अटल सत्य।
हम सब की एक कहानी और हम सब किसी ना किसी की कहानी से जुड़े हैं किसी की कहानी में हम हीरो हैं तो किसी की कहानी में विलेन पर दुनिया हमारे बारे में क्या सोचती है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप स्वयं जानते हैं कि आप किसके लिए अच्छे हो इसलिये जिसके लिए अच्छे हैं उसके लिए अच्छे बना रहे और जिसके लिए बुरे हैं उसे कुछ साबित मत कीजिए अपने कर्म करते रहिए स्वतः ही सब कुछ साबित हो जाएगा।
बहुत खूबसूरत था वो वक्त जब मेरी महफिले जवां हुआ करती थी। और आज वीराने मुझ पर तरस खाते हैं। -amar morey
खुद को देने वाला वक्त गवां कर तन्हाइयों में खुद से बात करने का हुनर पाया है मैंने खोकर खुद की शख्सियत किसी की मोहोब्बत को पाया है। -amar morey
बड़ा मुश्किल है तेरी यादों के धागों को सुलझाना। मैं खुद उलझ चुका हूं कई बार उन्हें सुलझाते सुलझाते।
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