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Sargam Singh

Sargam Singh

@agyat9885gmail.com2354


હું ભૂલી ગઈ એ મારી ભૂલ બની ગઈ

उस दिन, उस समय, उस पल जरुरी था तुमसे दुर जाना,
लेकिन अंदाजा हमको भी था तुम्हारे दर्द का ।

शायद रोए होगे तुम हमसे बिछडकर किसी और के कंधे पर,
शायद कोसा होगा उस लम्हे को जब मिले थे हम तुमसे पहली बार,
शायद दी होगी गालियाँ उसी प्यार को जिस की कसमें तुम खाया करते थे,
शायद आंसू भरकर अपनी आँख में प्यार ना करने की भी दी होगी सलाह।

मगर क्या करते हम
शर्त तुम्हारे और तुम्हारे प्यार के बीच जो थी।
इसलिए हमने बिन पूछे तुम्हे चुना और बिन कहे नाता तोडा।

आज भी करते है प्यार तुम्हारी उन छोटी छोटी आदतों को,
आज भी करते है याद उन बेवजह की गुस्ताखीयों को,
आज भी कटती है जिंदगी सिर्फ तुम्हारी यादों के सहारे,
आज भी चुभते है खंजर तुम्हारी नफरत के मेरे प्यारे।

आज भी डरते है कि तुम को कहीं खो ना दे हम,
इसलिए डायरी में सब से छुपाकर रखते है हम।

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