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कभी कभी मन के तरकश से निकले यादों के तीर खुद का ही सीना छलनी करते हैं।
there is only one place, heaven or hell. now it's up to you, what you made.
हमने तो बस दिल के जज़्बात उकेरे थे, दर्द था तो गज़ले बन गई।
इससे तो हम झूठे ही अच्छे थे, सच कहा तो खटकने लगे।
एक लेखक झुटा होता है, उसका कल्पना से परिपूर्ण होना उतना ही आवश्यक हैं जितना सांस लेना।।
अभावों में रहना कोई बुरी बात नहीं है, खवाईशे तो लोग मरने के बाद की भी बताते है।
बहुत छाले है उसके पांव में, कमबख्त उसूलों पर चलता होगा। - गुलज़ार साहब
बार बार किसी को सहारा देना, उसे धीमा ज़हर देने के बराबर है।
मेरी मानो तो एहसान लेना चाहिए। क्युकी कहीं ना कहीं एहसान अपनों को अपना मानने का एहसास दिलाता है। दूसरे शब्दों में एहसान केवल अपने करते है।
भावनाएं व्यक्ति को कमज़ोर बना देती हैं......
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