Do Dil Kaise Milenge - 42 in Hindi Love Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दो दिल कैसे मिलेंगे - 42

Featured Books
Categories
Share

दो दिल कैसे मिलेंगे - 42

मैं जानना चाहता हूँ लेकिन "

विक्रम साइड में देखता है औऱ अपने मुँह से निकले खून को साफ करके कहता है.. " आयो अधिराज , तुम्हारा हीं इंतज़ार था " आद्रीक अधिराज सुनकर उसे घूरते हुए पूछता है.. " कौन है तू? एकांक्षी के पीछे क्यू पड़ा है.. " विक्रम हॅसते हुए कहता है.. " एकांक्षी तो सिर्फ मेरी है, फिर मैं उसके पीछे पडू या उसके साथ रहु मेरी मर्ज़ी  " अधिराज उसे कॉलर से पकड़कर उसे पंच दिखाते हुए कहता है.. " ऐसा कभी नहीं होगा, वो बरसो से मेरी है औऱ हमेशा रहेगी, " विक्रम उसे धक्का देकर खुदसे दूर करके कहता है... " नहीं अधिराज वैदेही तेरी थी लेकिन एकांक्षी मेरी होंगी, इस बार में तुझे उसके पास भी नहीं आने दूंगा.. " अधिराज भौहे सिकोड़ते हुए कहता है.. " कौन है तू.. शायद मुझे याद आ रहा है.. " औऱ हैरानी भरी आवाज में कहता है.. " माणिक तुम हो...?.. " विक्रम शातिराना अंदाज में हॅसते हुए कहता है.. " सही पहचाना अधिराज.. " तान्या उसे हैरानी भरी नज़रो से देखते हुए कहती है... " तुम हो.. लेकिन तुम तो मर चुके थे..! माणिक कहता है... " हा मर चुका था, लेकिन अब दोबारा मुझे मेरा शरीर मिल चुका है.. " अधिराज गुस्से में कहता है.. " तो तुम इस बार भी मेरे औऱ वैदेही के बीच आगये " माणिक गुस्से में अधिराज के गले को पकड़कर कहता है.. " तुम भी तो मेरे औऱ वैदेही के बीच आये थे, मुझे याद है वैदेही न क्या कहा था..अगर वो तुमसे प्यार नहीं करती तो मुझे चुनती.. इस बार मैंने वो झंझट हीं खत्म कर दिया.. " अधिराज उसे दूर करके पूछता है.. " क्या किया तुमने..?.. " विक्रम तीखी हसीं हॅसते हुए कहता है.. " जानना चाहते हो , तो देखो.." माणिक खुदके पंच करता है जिससे उसे काफ़ी खून बहने लगता है औऱ चिल्लाता है.. " मुझे छोड़ दो अधिराज.. मुझे छोड़ दो.. तुम मुझे क्यू मार रहे हो.. " तान्या औऱ अधिराज दोनों एक दूसरे को देखकर माणिक के नाटक को समझने की कोशिश कर रहे थे लेकिन क्वेश्चन मार्क से खड़े थे, माणिक दोबारा कुछ बोलता उससे पहले हीं उसके पीछे से आवाज आती है... " क्या हुआ विक्रम ..?.. " माणिक दोनों की तरफ मुस्कुराता है  औऱ हुए पीछे मुड़ता है ..

" एकांक्षी  " इतना कहते हीं माणिक लड़खड़ाने का नाटक करके जैसे हीं गिरता है, एकांक्षी उसे पकड़ते हुए पुछती है " तुम्हारी ये हालत किसने की?.. इतना खून..?.. " अधिराज औऱ तान्या अभी भी कुछ समझने की कोशिश कर रहे थे , तभी माणिक कहता है... " एकांक्षी वो अधिराज, " एकांक्षी उसे समझते हुए पुछती है.. " क्या अधिराज?.. क्या तुम्हारा ये हाल अधिराज ने किया है?.. " माणिक झूठी उदासी भरी आवाज में कहता है.. " हा, वो फिरसे तुम्हारी शक्तियों का इस्तमाल करने के लिये आ चुका है.. " अधिराज जोकि बहुत देर से उसकी झूठी बाते सुन रहा था गुस्से में उसे धक्का देता है औऱ एकांक्षी के हाथ को पकड़कर कहता है... " ये झूठ बोल रहा है, एकांक्षी " एकांक्षी झटके से अपना हाथ छुड़ाती हुई कहती है... " कौन हो तुम..?.. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की.. " अधिराज धीरे से उसका हाथ छोड़ते हुए कहता है... " मैं हीं अधिराज हूँ " 

अब एकांक्षी का क्या रिएक्शन होगा..?.