Ram Temple Pran Pratishtha - 17 in Hindi Anything by Kishanlal Sharma books and stories PDF | राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 17

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 17

और सैनिक अंगद को राजसभा के अंदर लेकर आये थे।अंगद को बैठने के लिये आसन नही दिया तब,उन्होंने स्वयं आसन बनाया

वह राम के दूत है और शांति प्रस्ताव लेकर आये हैं, तब रावण ने तंज कसा और राम को डरपोक बताया तब अंगद ने याद दिलाया कि उसके पिता बाली ने कैसे उसे घुमाया था।

और अंगद ने ही अपना पैर धरती में जमा दिया जिसे कोई नही हिला पाया।

युद्ध शुरू होने से पहले विभीषण ने भी अपने बड़े भाई रावण को सीता को लौटाने की सलाह दी।रावण इससे नाराज हो गया और उसे लंका से निकाल दिया।वविभीषण की नजर में सीता का हरण अनैतिक था,इसीलिए वह राम से आ मिले।

रावण ने सभा मे पूछा"राम की सेना हमारे द्वार पर आ गई है, क्या करना है?"उससे डरने की क्या जरूरत है

दरबारियों के कहने पर रावण खुद अकेला लड़ने आ गया,पर उसे अहसास हो गया कि इतना आसान नहीं है।जितना उसने सोचा था।

और फिर राम व राम की सेना में युद्ध शुरू हुआ।इस युद्ध मे रावण के एक एक करके योद्धा मारे गए।एक समय इस युद्ध का रुख मेघनाथ ने पलट दिया,जब उसके बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए।राम की सेना में सन्नाटा छा गया।तब विभीषण ने सुसेन वैध का नाम बताया जिसे हनुमान घर से उठा लाये।

उन्होंने संजीवनी बूटी लानी की सलाह दी जिस दुष्कर काम को वीर हनुमान ने पूरा किया और लक्ष्मण कि जान बचाई।

राम रावण युद्ध के बारे में अलग अलग मत है लेकिन यह सत्य है कि दसवीं के दिन राम का वध हुआ।यह आठ दिन के युद्ध के बाद सम्भव हुआ।

युद्ध के खत्म होने पर राम ने विभीषण का लंका के राजा के रूप में अभिषेक किया,और विभीषण से रावण का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा।

सीता को अग्नि परीक्षा भी देनी पड़ी और फिर पुष्पक विमान से राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौट आये

राम के लौटने पर अयोध्या में दीवाली मनाई गई।अयोध्या को दीपो से सजाया गया।जिस सीता को रावण के चुंगल से छुड़ाने के लिए राम ने युद्ध किया उसी सीता को आरोप लगने पर निर्वासित भी किया, ऐसे समय मे जब वह गर्भवती थी।

सीता वन में वाल्मीकि आश्रम में रही,जहाँ पर लव कुश का जन्म हुआ।

राम ने कितने साल राज किया।यह अलग अलग मान्यता है।कुछ पौराणिक ग्रन्थ के अनुसार 11000 साल तक राज किया।

राम के बाद उनके पुत्र कुश ने उनकी गद्दी सम्हाली और राज किया।इस तरह अयोध्या में राम की  67 पीढ़ियों ने राज किया।

राजा  बद्ध हल जो राम की  पीढ़ी के 32 वे शक्ति शाली राजा थे।वह महाभारत यानी द्वापर के समय थे।उस युद्ध मे विश्व के सभी राजा शामिल हुए।ये कौरवों की तरफ से लड़े और अभिमन्यु द्वारा मारे गए थे।

अयोध्या में जिस जगह राम का जन्म हुआ पौराणिक व ेेतीहसिक मान्यता के अनुसार राजा विक्रमादित्य न2 राम मंदिर का निर्माण कराया था।यह1गुप्त काल मे हुआ।गुप्त काल चौथी से छठी शताब्दी क़े  बीच मे रहा

उसके बाद भी समय समय पर जीर्णोद्धार इस मंदिर का होता रहा।

राम हिंदुओ के आराध्य है, और हर हिन्दू के दिल मे बसे हैं।

उनके आदर्श, शिक्षा और धर्म की वख्या आज भी याद की जाती है।