punarjanm in Hindi Short Stories by Meenakshi Verma books and stories PDF | पुनर्जन्म

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पुनर्जन्म

साक्षी अपने मां बाप और छोटे भाई के साथ बस से सफर को जा रही थी बस जा रही थी मसूरी रास्ते में पेड़ पहाड़ देखते हुए वह मसूरी पहुंच जाते हैं साक्षी का छोटा भाई अनुज मंदिर देखता है और कहता- है चलो चलो पहले मंदिर चलते हैं मम्मी कहती है ठीक है पहले मंदिर दर्शन कर लेंगे फिर आगे मसूरी जाएंगे वैसे भी हम थक गए हैं अब होटल जाकर डिनर करेंगे और सो जाएंगे। साक्षी समान उतार के मंदिर के हाथों में रख देती है और सभी लोग के मंदिर के अंदर जाते हैं तभी एक बूढ़ा साक्षी की तरफ भागता हुआ आता है और कहता है "बिटिया तू आ गई बिटिया मैं तेरा इंतजार कर रहा था। "साक्षी का पापा एकदम से आगे आते हैं कहते हैं "अरे कौन है तू पीछे हट!" साक्षी भी घबरा जाती है साक्षी की मम्मी कहती है "अरे यह कौन है इसे हटाओ। "बूढ़ा फिर से जोर से बोलता है "अरे बिटिया मैं हूं तेरा बाबा तू मेरी नूरी है।" साक्षी के पापा चिल्लाते हैं "अरे कौन नूरी यह कोई नूरी बुरी नहीं है।" बूढ़ा फिर उनके पास जाता है। अपने मालिक पहले से एक फोटो निकाल कर दिखाता है "देखो यह मेरी नूरी है... यह मेरी नूरी है।" तस्वीर हूबहू वह बिल्कुल साक्षी से मिलती है। सभी फोटो देखकर चौंक जाते हैं। बाबा फिर से बोलते हैं "यह मेरी बेटी नूरी है आपसे 25 साल पहले यह मर गई थी पर मैं यकीन नहीं किया आज देखो फिर से वापस आ गई तुम्हारी बेटी के रूप में।" साक्षी की मम्मी भी फोटो देखकर कहती है "अरे यह तो बिल्कुल मेरी बेटी जैसी है लगता है उनकी बेटी की शक्ल मेरी बेटी से मिलती है इसलिए इनको भूलावा हो रहा है।"

"नहीं नहीं मुझे कोई भूलावा नहीं हो रहा यह मेरी बेटी नूरी ही है कितने सालों बाद मेरा इंतजार खत्म हुआ मैं भी भगवान के आगे माथा टेक के आता हूं।" ऐसा कहकर बाबा मुड़ के भगवान के मंदिर के अंदर जाने लगे। उनके जाने पर साक्षी बोली "पापा हो सकता है मैं उनकी बेटी ही हूं मेरा पुनर्जन्म हुआ हो मुझे यकीन हो रहा है यह फोटो देखकर यह देखो इसके चेहरे पर बाई तरफ तिल है और मेरे भी बाईं तरफ तिल है यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं हो सकता हो सकता है मैं उनकी बेटी रही हूं और अब दोबारा जन्म लेकर आपके घर आई हूं आपको उनकी बात का विश्वास करना चाहिए और उनसे प्यार से पेश आना चाहिए।" 

"बेटे तुम नहीं जानती हो सकता है यह कोई फ्रॉड हूं और हमें पागल बना रहा हो।" तो साक्षी टोकती है "नहीं पापा मुझे नहीं लगता कि यह कोई फ्रॉड है उनकी हालत देखो फटे कपड़े देखो!"तभी एक आदमी बीच में आकर बोलता है "यह बाबा तो कई सालों से इसी मंदिर के बाहर बैठते हैं मैं उन्हें कई सालों से देखा आ रहा हूं जो मिलता है खा लेते हैं और यहीं बैठे रहते हैं आज तक कभी इस तरह की बात नहीं करी इन्होंने पता नहीं इस लड़की को देखकर कैसे भागे आए हो सकता है यह लड़की इन्हीं की बेटी नूरी हो।"

उधर बाबा मंदिर के अंदर जाते हैँ और घंटा बजाकर वहीं गिर गए। तब शोर मचा और भीड़ अंदर जमा हो गई भीड़ में से एक आदमी की आवाज आई "अरे वह बाबा तो गुजर गया।"