Arjun Nandani ke Ghar in Hindi Drama by Neetu Ruhil books and stories PDF | Arjun Nandani ke Ghar

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Arjun Nandani ke Ghar


वेदिका मुस्कराई, नया टीचर है... और अजीब बात ये है कि क्लास में ही मेरे Collage में पढता था! लेकिन मुझे पहले भी वो इतना पसंद नहीं था और अभी पता नहीं क्यों मुझे उसका बर्ताव अजीब लगता है.

ईशान, कोई बात नहीं जब तक वो कुछ उल्टी सीधी हरकत ना करें तब तक देख अगर तुझे कोई परेशान करें या तेरे साथ बदतमीजी करें तो मुझे बता देना।

अशोक जी, बच्चों क्या कर रहे हो जल्दी से तैयार हो जाओ मिश्रा जी का फोन आया था वह लोग बस दस मिनट में पहुंचने वाले हैं।

लताजी, वेदिका क्या कर रही है बेटा जा यहां की तैयारी हो गई है बाकी का मैं कर लूंगी जा जल्दी से तू भी कपडे चेंज कर ले देख किचन में खराब हो गए हैं और देख जाकर नंदिनी तैयार हुई है या नहीं वेदिका जी मम्मी अभी देखती हूं.

वेदिका जल्दी से नंदिनी के Room में जाकर देखते हैं तो नंदिनी आईने के सामने खडी होकर अपनी ड्रेस लगा लगा कर देख रही थी और उसके चेहरे पर काफी परेशानी नजर आ रही थी।

जैसे वो बहुत ज्यादा परेशान हो वेदिका क्या हुआ है! दी आप इतनी परेशान क्यों हैं नंदिनी देखना छोटी मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है।
मैं क्या पहनू वेदिका दि आप तो हर ड्रेस में सुंदर लगती हैं कुछ भी पहन लीजिए और वैसे भी आपकी सुंदरता आपकी सिंपल सिटी में है।

आप जितनी सिंपल रहती हैं उतनी ही ज्यादा सुंदर लगती हैं इसमें इतना सोचने की जरूरत नहीं है ये कहते हुए वो एक पिंक Color की शिफॉन की साडी निकालकर नंदनी को देती है.

वेदिका, भी आप यह साडी पहन कर लिए जल्दी से तब तक मैं आपके लिए और चीज निकाल देता हूं उसके बाद मुझे भी कपडे चेंज करने हैं नंदिनी तू जा जब तक कपडे चेंज कर ले वेदिका हांडी यह सही रहेगा।
वैसे भी मम्मी है ना बहुत गुस्से में हो गई है क्योंकि वो लोग आने वाले हैं ये सुनकर नंदिनी के हाथ पैर कांपने लगते हैं और उसे घबराहट होने लगती है वेदिका रिलैक्स दी आते ही थोडी ना आपको बुला लेंगे।

आप जल्दी से जाइए और साडी पहन कर आइए, नंदिनी वॉशरूम चली जाती है अपनी साडी लेकर इधर वेदिका भी अपना एक सिंपल सा ब्लू Color का सूट लेकर चेंज करने लगती है।
थोडी देर बाद वेदिका कपडे चेंज करके खडी थी। तभी वॉशरूम का दरवाजा खुलता है और नंदनी बाहर आती है नंदनी इस वक्त उस पिंक Color की साडी में बहुत सुंदर लग रही थी उसके बाल जो उसकी कमर तक आ रहे थे उसने उनका मैसी बना बनाया हुआ था।

वेदिका पास जाकर कहती है दी आइए जल्दी से मैं आपको तैयार कर देता हूं। नंदिनी आईने के सामने बैठ जाती है! वेदिका जल्दी से नंदिनी के बालों की एक लंबी सी छोटी बना देती है और कुछ खुले बालों की लैटे उसके चेहरे पर आगे छोड देती है।

हल्का सा मेकअप करती है क्योंकि नंदिनी को ज्यादा मेकअप करना पसंद नहीं था इसीलिए वो बस काजल लगाती है होठों पर हल्के सी पिंक Color की लिपस्टिक और माथे पर एक स्टोन जैसी छोटी सी बिंदी जिसमें नंदिनी बहुत खूबसूरत लग रही थी।

वेदिका अपने दोनों हाथों से वेदिका की नजर उतारते हुए दी सच्ची आज आपको किसी की नजर ना लगे, आप इतनी प्यारी लग रही हैं। देखिए ना पहली बार आपने साडी पहनी है और आप पहली बार में ही कितनी सुंदर लग रही है.

वेदिका, अच्छा दि अब आप तैयार हो गई हैं, मैं जब तक मम्मी के पास जाकर एक बार सारी तैयारी देख लेती हूं, नंदिनी अपने हाथों को मसलते हुए वेदिका मुझे बहुत घबराहट हो रही है और बहुत डर भी लग रहा है पता नहीं सब कैसे होगा।

वेदिका दी आप इतना क्यों डर रही हैं आप तो बहुत बहादुर है आप तो हमेशा मुझे कहती हैं कि मुझे ऐसे डरना नहीं चाहिए, और अब आप ऐसे डर रही हैं.

थोडी देरबाद.

घर की बेल बजती है ईशान जाकर दरवाजा खोलता है तो वहां पर मिश्रा जी खडे हुए थे मिश्रा जी को देखकर ईशान नमस्ते अंकल जी कब से हम आपका ही इंतजार कर रहे हैं.
 
मिश्रा जी, जानता हूं बेटा थोडी देर हो गई, लेकिन अभी अभी मेरे मेरे पास दीवान साहब का फोन आया था कि वो लोग पहुंचने वाले हैं। इसीलिए मैं देखो जल्दी- जल्दी आ गया इतनी देर में उन्हें बाहर गाडी रुकने की आवाज आती है.

ईशान अंदर जाकर अपने पापा और मम्मी को भी बाहर बुला लेता है अशोक जी जब बाहर आते हैं तो मिश्रा जी को देखकर उनसे हाथ मिलाते हैं और उन्हें घर आने के लिए शुक्रिया करते हैं मिश्रा जी अरे यह सब छोडिए और अपने होने वाले संबंधियों का स्वागत कीजिए.

इतनी देर में गाडी से उतरकर घर के दरवाजे पर एक सदस्य और उनके साथ एक मिडिल एज महिला आकर खडी होती हैं वह आकर हाथ जोडते हैं और नमस्ते करते हैं तो मिश्रा जी कहते हैं लिए भाई साहब हम आपको मिलवाते हैं.

मिश्रा जी, अशोक जी ये है शेखर दीवान और ये है कमला जी उनकी पत्नी तभी वहां पर एक लडका और आता है, उसे देखकर मिश्रा जी कहते हैं और ये है इनके छोटे नवाब विहान दीवान.

अशोक जी और लता जी अपने दोनों हाथ जोडकर नमस्ते भाई साहब और कमल जी से भी लता जी नमस्ते दोनों भी उन्हें बडे प्यार से नमस्ते करते हैं शेखर जी तो सामने आकर अशोक जी से हाथ मिलाते हैं और गले मिलते हैं।

तभी मिश्रा जी अपने आसपास देखते हैं तो उन्हें अर्जुन दिखाई नहीं देता इसीलिए वो शेखर जी की तरफ देखकर कहते हैं, शेखर जी क्या अर्जुन नहीं आए हैं.

शेखर जी, अरे मिश्रा जी बस आ ही रहा है उसे जरूरी कम से हेड क्वार्टर जाना पड गया था उसने कहा कि वह सीधा आ जाएगा इतनी देर में बाहर एक जीप आकर रूकती है। उसमें से अर्जुन बाहर निकलता है.

अर्जुन की पर्सनैलिटी ही इतनी Attractive थी कि कोई देखे तो देखा ही रह जाए छह फुट का लंबा चौडा शरीर सिल्की बुरे बल आंखों पर गॉगल्स लगाएं ब्लू जींस व्हाइट शर्ट पहने एक हाथ में ब्रांडेड वॉच वह अपनी जीप से उतरकर घर के अंदर आता है।

तो सब उसे दरवाजे के पास ही खडे दिखाई देते हैं। वो आगे आता है और हाथ जोडकर सबसे नमस्ते करता है अशोक और लता जी तो अर्जुन को देख कर बहुत खुश हो जाते हैं उन्हें यकीन नहीं होता कि उनकी बेटी की किस्मत में इतना अच्छा जीवनसाथी है ईशान भी अर्जुन को देखकर काफी खुश हो जाता है.

शेखर जी, अपने मजाकिया अंदाज में क्या अशोक जी हम दरवाजे पर ही खडे रहकर बात करने वाले हैं अशोक जी थोडी शर्मिंदगी से माफ कीजिएगा।
भाई साहब वह बातों में ध्यान ही नहीं रहा आई आई और वह उन्हें अंदर लिविंग Room में ले जाकर आदर सहित सोफे पर बैठने के लिए कहते हैं, सब वहीं पर आराम से बैठ जाते हैं.


शेखर जी, अरे अशोक जी आप तो हमें अपने परिवार से मिलवाइए। अशोक जी हां भाई साहब यह है मेरी पत्नी लता जी यह मेरा बेटा ईशान यह पुणे से बिजनेस मैनेजमेंट की तैयारी कर रहे हैं।

इनका फाइनल ईयर है, उसके बाद यह अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करना चाहता है शेखर जी अरे वह यह तो बहुत अच्छी बात है बेटा अशोक जी, और ये मेरी छोटी बेटी वेदिका इसने आज ही सरकारी स्कूल में सरकारी टीचर की Job ज्वाइन की है।

वेदिका और ईशान आगे बढकर उन सबके पैर छूते हैं। शेखर जी और कमल जी खुश रहिए बेटा और खूब तरक्की कीजिए। अशोक जी और मेरा छोटा बेटा एमबीबीएस के लिए शिमला के Collage में Admission लिया है.

उसका ये सेकंड सेमेस्टर है और मेरी बडी बेटी के बारे में तो मिश्रा जी ने आपको बता ही दिया होगा कि वो फैशन डिजाइनर में फाइनल ईयर में है और कुछ समय बाद ही उसकी इंटर्नशिप लगने वाली है।

शेखर जी अरे हां हां मिश्रा जी ने हमें सब कुछ बताया है और हमें बहुत खुशी हुई आपसे मिलकर सच कह तो नंदिनी बिटिया की फोटो देखने के बाद और आपके परिवार के बारे में जानने के हम नंदिनी बिटिया को ही अपने घर की बहू बनाना चाहते हैं देखिए इसीलिए हम बिना वक्त गंवाए आपके घर आ गए.

शेखर जी, आप मेरे परिवार से तो मिल ही लिए हैं लेकिन मैं आपको यह भी बता देता हूं मेरा छोटा भाई अविनाश और उसका परिवार अभी पुणे में है बहुत जल्द वे आएंगे, तो मैं आप सबको मिलवाऊंगा। अशोक जी बिल्कुल भाई साहब हम भी सबसे मिलकर बहुत खुश होंगे.

थोडी देर बाद लता जी सबके लिए चाय नाश्ता लगा देती हैं कमला जी बहन जी चाय नाश्ता तो होता रहेगा, अब हमें हमारी नंदिनी बिटिया से भी मिलवा दीजिए। जिसके लिए हम यहां आए हैं, लता जी हां हां क्यों नहीं बहन जी आप सब नाश्ता चाय नाश्ता लीजिए मैं अभी उसे बुला कर लाती हूं.

लता जी, सीडीओ की तरफ जाती हैं और वेदिका की तरफ देखते हैं तो वेदिका भी उनके पीछे ऊपर वाले Room में जाती है वहां जाकर देखते हैं तो नंदिनी तैयार होकर आईने के सामने बैठी हुई थी लता जी अपनी बेटी को देखकर थोडी इमोशनल हो जाती है लेकिन जल्दी अपने आंसुओं को छुपा कर बहुत प्यारी लग रही है।

मेरी बेटी किसी की नजर ना लगे नंदिनी मम्मी हमें बहुत घबराहट हो रही है। लता जी नंदिनी का हाथ अपने हाथों में लेते हुए बेटा घबराने की आवश्यकता नहीं है आप जैसी हमारे सामने रहती हैं बिल्कुल सिंपल वैसे ही उनके सामने रहना और कुछ भी अपने चेहरे पर बनावटी करने की आवश्यकता नहीं हम चाहते हैं।

जैसे हमारी बेटी है वैसे ही उनको पसंद आए और जितना हमने जानना है काफी अच्छे लोग हैं.

वेदिका, हां दी जीजू वाकई बहुत हैंडसम है आप देखेंगी तो देखती रह जाएगी, और उसका हाथ पकड चलिए सब आपका इंतजार कर रहे हैं।

लता जी भी अपनी बेटी का एक हाथ पकडती हैं और उन्हें सीडीओ से नीचे लेकर आने लगते हैं लिविंग Room में बैठे सभी की नजर जब सीडीओ पर जाती है शेखर जी और कमला जी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

जैसा उन्होंने नंदिनी को फोटो में देखा था वैसे ही उन्होंने नंदिनी को पाया उनके चेहरे से खुशी जा नहीं रही थी विहान भी नंदिनी की तरफ देखता है तो उसकी चेहरे पर भी स्माइल आ जाती है फिर वो अपने भाई अर्जुन की तरफ देखता है।

जो एक टक सीडीओ की तरफ ही देख रहा था और पलके झपकाना भी भूल गया था विहान ये देखते हुए अपने भाई की कोहनी पर हाथ मारता है और उसे कहता है भाई सब आपको ही देख रहे हैं।
ये सुनकर अर्जुन थोडा हडबडा जाता है और अपनी नजरें नीचे कर लेता है विहान को जोर से हंसी आ जाती है।

लेकिन न चाहते हुए भी अर्जुन की नजरे दोबारा नंदिनी की तरफ जाती है क्योंकि नंदिनी इतनी प्यारी लग रही थी उस पिंक Color की साडी में और उसकी लंबी चोटी उसके माथे की वो बिंदी अर्जुन को अपनी तरफ अट्रेक्ट कर रही थी वो चोरी चोरी से नंदिनी को देखने लगता है.