She's not a girl, she's my life in Hindi Love Stories by Wow Mission successful books and stories PDF | वो लड़की नहीं, ज़िंदगी है मेरी

Featured Books
  • કાળી ટીલીનું પ્રાયશ્ચિત

    ઓહોહો... વાત જ જાણે એવી હતી કે આખા ગામની છાતી પર જાણે કાળો ડ...

  • અપેક્ષા

       જીવન મળતા ની સાથે આપણે અનેક સબંધ ના સંપર્ક માં આવીએ છીએ....

  • આયનો - 2

    ​️ કેદ થયા પછીની સ્થિતિ: ધૂંધળી દુનિયા​આયનાની અંદરનો કારાવાસ...

  • ટેલિપોર્ટેશન - 3

    ટેલિપોર્ટેશન: વિલંબનું હથિયાર​અધ્યાય ૭: વિલંબનો અભ્યાસ અને ન...

  • The Madness Towards Greatness - 5

    Part 5 :" મારી વિદ્યા માં ઊણપ ના બતાવ , તારા કાળા કર્મો યાદ...

Categories
Share

वो लड़की नहीं, ज़िंदगी है मेरी

💞 वो लड़की नहीं, ज़िंदगी है मेरी
कभी-कभी ज़िंदगी में कोई ऐसा मिल जाता है, जो हमें खुद से ज़्यादा समझता है… जो बिना कुछ कहे हमारे दिल की हर बात जान लेता है।
आरव के लिए “वो लड़की” ऐसी ही थी — अनाया।
🌸 मुलाक़ात
कॉलेज का पहला दिन था। भीड़ में सब अपने-अपने दोस्तों को ढूंढ रहे थे, और आरव बस खामोश खड़ा था, अपनी पुरानी यादों के बीच खोया हुआ। तभी एक आवाज़ आई —
“Excuse me… ये सीट खाली है?”
आरव ने सिर उठाया, और जैसे वक्त वहीं थम गया। हल्की गुलाबी ड्रेस, खुले बाल, आंखों में मासूमियत और मुस्कान… वही पल उसकी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पल बन गया।
“हाँ, खाली है,” उसने बस इतना ही कहा, पर दिल में जैसे हजारों ख्वाहिशें जाग गईं।
वो लड़की क्लास में बैठी, और आरव की ज़िंदगी में बस गई — बिना बताए, बिना पूछे।
💌 शुरुआत
धीरे-धीरे बातें बढ़ीं। पहले नोट्स मांगने के बहाने, फिर क्लास प्रोजेक्ट्स में साथ काम करते-करते, और फिर बिना किसी वजह के बस बातें करने की आदत बन गई।
अनाया में कुछ अलग था — वो दुनिया से अलग, सच्ची और बेहद ईमानदार थी।
एक दिन कैंटीन में उसने हँसते हुए कहा,
“आरव, तुम बहुत कम बोलते हो… पर जब बोलते हो, दिल छू लेते हो।”
आरव बस मुस्कुरा दिया।
क्योंकि उसे डर था कि अगर उसने ज़्यादा बोल दिया… तो उसके होंठों से वो तीन शब्द निकल जाएंगे, जिनसे उसकी दुनिया बदल जाएगी।
🌧️ एहसास
एक शाम बारिश हो रही थी। कॉलेज से लौटते वक्त दोनों बस-स्टॉप पर फँस गए। अनाया ने आसमान की ओर देखा —
“कितनी खूबसूरत है बारिश ना…”
आरव ने उसकी ओर देखा —
“बारिश नहीं… तुम खूबसूरत हो।”
वो पहली बार था जब आरव ने अपने दिल की बात कह दी थी।
अनाया मुस्कुरा दी, कुछ नहीं बोली — बस हल्के से कहा,
“चलो भीगते हैं…”
उस शाम दोनों भीगते रहे — और उस बारिश ने उनके बीच एक अनकहा रिश्ता लिख दिया।
❤️ प्यार
दिन हफ्तों में, हफ्ते महीनों में बदलते गए। अब आरव की सुबह अनाया की “गुड मॉर्निंग” से शुरू होती थी, और रात उसके “गुड नाइट” से खत्म।
दोनों के बीच सब कुछ इतना सच्चा था कि लगता था जैसे ज़िंदगी ने इन्हें साथ ही बनाया हो।
पर हर कहानी में एक मोड़ होता है…
💔 जुदाई
अचानक एक दिन अनाया का फोन आया, आवाज़ काँप रही थी —
“आरव… पापा का ट्रांसफर दिल्ली हो गया है। मुझे अगले हफ़्ते जाना पड़ेगा…”
आरव कुछ पल चुप रहा, फिर बस इतना बोला —
“कभी-कभी ज़िंदगी हमारी नहीं होती, पर लोग हमारे होते हैं। और तुम… हमेशा मेरी रहोगी।”
अनाया ने फोन काटने से पहले कहा —
“तुम्हें नहीं पता, आरव… तुम सिर्फ मेरी पसंद नहीं, मेरी आदत हो।”
उस दिन दोनों रोए — चुपचाप, अपने-अपने कमरे में।
🕰️ वक़्त बीतता गया
दोनों अलग शहरों में, अलग ज़िंदगियों में खो गए।
सालों बीत गए, सोशल मीडिया पर कभी-कभी एक-दूसरे की तस्वीरें दिख जातीं, पर बात करने की हिम्मत किसी में नहीं थी।
आरव अब नौकरी में था, कामयाब भी, पर खुश नहीं।
हर खुशी अधूरी थी, हर हँसी के पीछे खालीपन।
वो हर शाम उस बस-स्टॉप से गुजरता था जहाँ उसने अनाया को बारिश में भीगते देखा था।
🌹 फिर मुलाक़ात
एक दिन ऑफिस से लौटते वक्त उसे अचानक वही हँसी सुनाई दी — वही हँसी जो सालों से उसकी यादों में थी।
पीछे मुड़ा…
और सामने अनाया थी।
वो अब डॉक्टर बन चुकी थी। आँखों में वही चमक, मुस्कान में वही सुकून।
दोनों कुछ पल एक-दूसरे को देखते रहे — जैसे वक्त रुक गया हो।
आरव बोला,
“इतने सालों बाद भी… तुम वैसी ही हो।”
अनाया मुस्कुराई —
“और तुम वैसे ही… दिल के सच्चे।”
दोनों कैफे में बैठे, पुरानी बातें याद कीं।
अनाया ने कहा —
“आरव, ज़िंदगी ने बहुत कुछ सिखाया… पर एक बात कभी नहीं बदली — मेरा एहसास तुम्हारे लिए।”
आरव की आँखों में आँसू थे, उसने कहा —
“तुम्हें पता है, मैं किसी से क्यों नहीं मिला इतने सालों में?
क्योंकि मुझे हमेशा लगता रहा कि तुम लौटोगी।”
💞 आख़िरी पल
कुछ महीनों बाद अनाया की तबियत अचानक बिगड़ने लगी।
डॉक्टर ने बताया — “Late stage cancer…”
आरव का दिल टूट गया। उसने हर दुआ में बस उसका नाम लिया।
हर रात उसके पास बैठता, उसका हाथ थामे —
“तुम ठीक हो जाओगी… मैं हूँ ना।”
अनाया मुस्कुराई —
“अगर ज़िंदगी रही तो ज़रूर…
और अगर नहीं रही, तो याद रखना… मैं तुम्हारी हर सांस में रहूँगी।”
आखिरी दिन उसने धीरे से कहा —
“आरव… मुझे डर नहीं लगता जाने से, क्योंकि मुझे पता है… तुम मुझे भूलोगे नहीं।”
उसकी आँखें बंद हो गईं।
आरव ने उसका हाथ पकड़कर कहा —
“वो लड़की नहीं… ज़िंदगी है मेरी।”
🌷 आज भी
सालों बीत चुके हैं।
आरव अब हर सुबह अनाया की तस्वीर के सामने दीप जलाता है, और मुस्कुराता है —
क्योंकि वो जानता है, कुछ लोग सिर्फ साथ नहीं देते…
वो ज़िंदगी बन जाते हैं।
कभी-कभी प्यार का अंत नहीं होता, बस एक नई शुरुआत होती है — यादों में, दुआओं में, और दिल की धड़कनों में।
💔 “वो लड़की नहीं, ज़िंदगी है मेरी” —
एक ऐसी कहानी, जो बताती है कि सच्चा प्यार सिर्फ साथ रहने का नाम नहीं…
कभी-कभी, उसे यादों में ज़िंदा रखने का नाम है। 🌹
तो दोस्तों अगर आपके दिल में भी कोई लड़की है 
तो अपने सच्ची मोहब्बत का नाम कमेंट करें 😍💞