Song on Environment – Keep this world green in Hindi Poems by Poonam Kumari books and stories PDF | पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा

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पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा

🌿 पर्यावरण पर गीत – “हरा-भरा रखो ये जग सारा”

✍️ लेखिका – पूनम कुमारी🌏 प्रस्तावना (गीत से पहले)

पर्यावरण हमारे जीवन का सबसे बड़ा आधार है।हवा, पानी, पेड़, मिट्टी और सूर्य — यही तो वह शक्तियाँ हैं जिनसे हमारा जीवन चल रहा है।लेकिन आज मनुष्य अपनी सुविधाओं के लिए प्रकृति को नुकसान पहुँचा रहा है।पेड़ काटे जा रहे हैं, नदियाँ गंदी हो रही हैं, और हवा जहरीली बनती जा रही है।

इन्हीं विचारों को ध्यान में रखते हुए यह प्रेरणादायक गीत “हरा-भरा रखो ये जग सारा” लिखा गया है,जो बच्चों, युवाओं और सभी नागरिकों को यह संदेश देता है किअगर हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, तभी धरती मुस्कुराएगी।

यह गीत स्कूल कार्यक्रमों, वृक्षारोपण अभियानों,या सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाने के लिए एकदम उपयुक्त है 🌳🎵🎶 गीत शीर्षक: “हरा-भरा रखो ये जग सारा”

(लेखिका – पूनम कुमारी)🌼 पहला पद: धरती माँ का आशीर्वाद

धरती माँ की गोद में, फूलों का घर प्यारा,साँसों में बसी है खुशबू, झरनों का गहवारा।नीला आकाश, हरियाली का किनारा,हरा-भरा रखो ये जग सारा। 🌿

(दोहराएँ)हरा-भरा रखो ये जग सारा।🌺 दूसरा पद: पेड़ों का महत्व

पेड़ों को मत काटो भाई, ये हैं जीवन का सहारा,इनसे ही मिलती है हमको, ठंडी छाया प्यारा।पंछी गाते शाखों पर, हवा करे इशारा,साफ रखो धरती प्यारी सारा। 🌏💧 तीसरा पद: नदियों की पुकार

नदियाँ रोती हैं जब गंदा पानी कोई बहाए,मछलियाँ भी तड़प उठें, जब ज़हर उनमें समाए।आओ सब मिलकर वादा करें, अब न ये गलती दोबारा,जल बचाओ, जीवन बचाओ, यही है नारा। 💧🌞 चौथा पद: प्रकृति का संदेश

सूरज बोले – रोशनी बाँटो, अँधेरा मत फैलाओ,धरती बोले – प्यार से जीना, न मुझको सताओ।बच्चों की मुस्कान कहे, स्वच्छ बनाओ नज़ारा,हरा-भरा रखो ये जग सारा। 🌱🌈 कोरस (सभी मिलकर गाएँ)

पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ,माँ धरती का मान बढ़ाओ।स्वच्छ हवा का ये इशारा —हरा-भरा रखो ये जग सारा। 🌍💭 गीत का संदेश (विस्तार से)

यह गीत हमें याद दिलाता है कि —हमारे छोटे-छोटे कदम भी बड़ी बदलाव ला सकते हैं।अगर हर व्यक्ति साल में केवल एक पेड़ लगाए,अगर हर घर प्लास्टिक का उपयोग कम करे,अगर हम नदियों में कचरा फेंकना बंद करें,तो हमारी धरती फिर से हरी-भरी और स्वच्छ बन सकती है।

हम सबको मिलकर यह प्रण लेना चाहिए कि —“मैं अपने पर्यावरण की रक्षा करूँगा, पेड़ लगाऊँगा, और जल-बिजली की बर्बादी नहीं करूँगा।”यही गीत का असली अर्थ है 💚🌿 लेखिका के शब्दों में

“जब धरती पर हरियाली लौटेगी,तभी मुस्कान लौटेगी इंसान के चेहरे पर।यही सोचकर मैंने यह गीत लिखा —ताकि हर बच्चा, हर नागरिकपर्यावरण से फिर से जुड़ सके।”

धरती माँ की गोद में, फूलों का घर प्यारा, साँसों में बसी है खुशबू, झरनों का गहवारा। नीला आकाश, हरियाली का किनारा, **हरा-भरा रखो ये जग सारा।** 🌿

 

(दोहराएँ) **हरा-भरा रखो ये जग सारा।**

  

### 🌺 **दूसरा पद**

 

पेड़ों को मत काटो भाई, ये हैं जीवन का सहारा, इनसे ही मिलती है हमको, ठंडी छाया प्यारा। पंछी गाते शाखों पर, हवा करे इशारा, **साफ रखो धरती प्यारी सारा।** 🌏

  

### 🌧️ **तीसरा पद**

 

नदियाँ रोती हैं जब गंदा पानी कोई बहाए, मछलियाँ भी तड़प उठें, जब ज़हर उनमें समाए। आओ सब मिलकर वादा करें, अब न ये गलती दोबारा, **जल बचाओ, जीवन बचाओ, यही है नारा।** 💧

चौथा पद**

 

सूरज बोले – रोशनी बाँटो, अँधेरा मत फैलाओ, धरती बोले – प्यार से जीना, न मुझको सताओ। बच्चों की मुस्कान कहे, स्वच्छ बनाओ नज़ारा, **हरा-भरा रखो ये जग सारा।** 🌱

  

### 🌈 **अंतिम पंक्तियाँ (कोरस)**

 

पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ, माँ धरती का मान बढ़ाओ। स्वच्छ हवा का ये इशारा — **हरा-भरा रखो ये जग सारा।** 🌍

✍️ – पूनम कुमारी📢