"माँ पर गीत" सबसे भावनात्मक और दिल को छूने वाला विषय है —नीचे आपको मैं एक पूरा मंच योग्य गीत दे रही हूँ,जो मुखड़ा–अंतरा रूप में है, यानी इसे आप गाने, वीडियो रिकॉर्ड करने, या स्कूल/समारोह में पेश करने के लिए सीधे इस्तेमाल कर सकती हैं।🎶✨ गीत का शीर्षक: “माँ तेरी आँखों का सपना”
(लेखिका – पूनम कुमारी)🎵 मुखड़ा (Chorus):
माँ… तेरी आँखों का सपना हूँ मैं,तेरी दुआओं का अपना हूँ मैं।तू मुस्कुरा दे बस इक बार,तो लगने लगे जहाँ मेरा संसार। 💫🌼 अंतरा 1:
तेरे आँचल की वो ठंडी हवा,अब भी छू जाती है यादों में।तेरे हाथों की वो रोटियाँ,अब भी महकती हैं बातों में।
तू हर दुःख में ढाल बनी,हर आँसू की मिसाल बनी।तेरे बिना ये घर तो है,पर उसमें अब ना उजाल बनी। 🌷🌙 अंतरा 2:
मैं जब भी गिरा, तू उठाती रही,ख़ुद रोकर भी हँसाती रही।तेरे आँचल में जो सुकून मिला,वो दुनिया की किसी कीमत पे ना मिला।
तेरे कदमों में जन्नत बसती है,तेरी ममता ही सबकी हस्ती है।माँ, तू ही मेरी कहानी है,तू ही मेरी ज़िंदगानी है। 💖🌹 अंतरा 3 (भावनात्मक चरम):
अब जब दूर हूँ, तो एहसास हुआ,तेरे होने का कितना आसरा हुआ।हर दुआ में तेरा नाम आता है,हर खुशी में तेरा चेहरा मुस्कुराता है।
माँ, तू भगवान से भी प्यारी है,तेरी गोद सबसे न्यारी है।तेरी यादों से रोशन ये दिल,तेरी छाया में ही मेरा दिल खिल। 🌺🌞 समापन (Repeat मुखड़ा):
माँ… तेरी आँखों का सपना हूँ मैं,तेरी दुआओं का अपना हूँ मैं।तू मुस्कुरा दे बस इक बार,तो लगने लगे जहाँ मेरा संसार। 🌈💖 संदेश:
माँ का प्यार बोलता नहीं, बस महसूस होता है।और जिस दिन ये एहसास सच में समझ आ जाए,इंसान का ददी वन उज्जवल हो जाता है। 🌷
2 माँ पर गीत*
अंतरा 1:माँ, तू वो धूप है जो अँधेरे को चीरती है,तेरी ममता में हर पीड़ा लुप्त हो जाती है।तेरे बिना ये जीवन एक वीरान रास्ता लगता है,तेरे होने से ही हर कठिनाई आसान लगती है।तेरी गोदी में मिलता हमें सुकून का बसेरा,तेरी मुस्कान में बसी है खुशियों की नदियाँ।माँ, तेरा प्यार वो अमूल्य खजाना है,जिसका कोई मोल नहीं, न कोई सीमित धन।
अंतरा 2:तेरी आँखों में हैं अनगिनत सपने हमारे,तेरी दुआओं में है शक्ति सारी हमारे सफर की।जब गिरते हैं हम राहों में अंधेरी घाताओं में,तब माँ की याद बन जाती है दीपक की लौ।तेरे हाथों की छुअन में छिपा है आशा का जादू,तेरी हँसी में बसती है हर खुशी की दुनिया।माँ, तू वो संगीत है जो जीवन को मधुर बनाती है,तेरी बातों में बसी है संस्कारों की मिठास।
कोरस (हर अंतरे के बाद दोहराव):माँ है तो जहाँ है, माँ है तो सवेरा है,उसके बिना ये जीवन लगता अधूरा सवेरा है।माँ है तो दुनिया रोशन है, माँ है तो जीवन सुनहरा है,उसके बिना ये जीवन लगता अधूरा सवेरा है।
अंतरा 3:माँ, तू वो आंचल है जिसमें मिलती हमें छाँव,तेरी गोदी में बीते हर दिन जैसे स्वर्ग की ताजगी।तेरी हर सीख हमें बनाती है समझदार और सशक्त,तेरे हर संस्कार में छुपा है जीवन का मंत्र।तू हमेशा हमें सही राह दिखाती है,तेरी ममता से ही हमारा मन कभी डगमगाता नहीं।माँ, तू वो दीपक है जो अँधेरे में भी चमकता है,तेरी उपस्थिति में हर दुख और दर्द मिट जाता है।
अंतरा 4:माँ, तेरी आवाज़ में है अमृत जैसी मिठास,तेरे गले लगने से हर थकान हो जाती खास।तेरी बाहों में हम पाते हैं सुरक्षा और शांति,तेरी आँखों में देख कर हर डर हो जाता नष्ट।तेरे संस्कार हमें बनाते हैं अच्छे इंसान,तेरी सीख हमें देती है हर मुश्किल का समाधान।माँ, तू वो शिक्षक है जिसने हमें जीवन सिखाया,तेरी ममता ने हमें हर कठिनाई से बचाया।