MAIN AGAR KAHU DILO KI JUBA in Hindi Poems by MASHAALLHA KHAN books and stories PDF | मै अगर कहूं दिलो की जुबा

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मै अगर कहूं दिलो की जुबा

     <••••• मै अगर कहूं दिलो की जुबा - 1 •••••>

{1}

चांद का सितारो मे होना भी सच है 

फूलो का काटो मे होना भी सच है

हो अगर खाश शक्स ही गमो की वजाह 

तो इस दिल का तन्हाई मे रोना भी सच है .

{2}

इन लम्हो से एक भी लम्हा होगा नही अब कम

तुम प्यार हमसे करते हो अब प्यार करेंगे हम

मिलने हम तुमसे अब रोज आयेंगे 

तेरे दिल से नजदिकिया अब बड़ायेगे हम

जाने कितनो के पहले थे नजदीक हम

फिर भी तन्हाईया और तन्हा रहे हम

वैसे हम तो हर मर्तबा वफा दार थे 

फिर भी सितम दर सितम रहे सहते हम

एक तू था तो अब तक बाकी है हम

वरना घूट घूट कर कब का मर जाते हम

अपनी गलतियो को अब सुधारेंगे 

तुझे ही बेहन्ताह अब चाहेंगे हम .

{3}

लबो पर तुम्हारे नही है हसी

तुम्हारे गमो का मै गुन्हेगार हूं

मुझे मालूम है तू कभी कुछ कहेगा नही

मगर मे जानता हूं मै खता वार हूँ

नशा मेरे दिल का ना तुम सह सकोगे

उठाओ ना बोतल मै एक शराब हू 

मुकम्मल है इश्क और मुकम्मल हो तुम

बस मुझसे दूर रहना मै ही खराब हूँ .

{4}

है फरार इश्क मे कोई अब तक

बेकरार है इश्क मे कोई अब तक

ये नशा इश्क का है ये शराब छोड़ो यारो

लत लग जाये तो ना बचा कोई अब तक .

{5}

ख्वाब मे एक तस्वीर बनाई है

चेहरा तेरा है और तू ही नजर आयी है

यू तो अक्सर होता हूँ तुझसे रूबरू

बस इतना करीब तेरी ये तस्वीर ही आयी है .

{6}

दरखतो पर हम भी मकां अपने बनायेंगे

हम भी परिन्दे आसमा तक हम भी आयेंगे

ये जमी की गुजारिशे बस तुम्ही करो

फलक से सितारे तो हम तोड़ लायेंगे .

{7}

वो चाहे तुझे वो सवारे तुझे

तेरी गलतिया वो बताये तुझे

तू यू बेवजाह जो उलझता फिरे

वो हर मर्बता बचाया तुझे

वो खामोश है बस तेरी ही सूने 

अपने दिल की कुछ ना बताये तुझे

तू ही बेशर्म है जो उसका नही

वो तो ख्वाब मे भी बस चाहे तुझे 

है इंतेजार मे वो एक अरसे से तेरे

तेरी हा मिले तो वो अपनाये तुझे .

{8}

एक ख्याल लिखूंगा तेरे जाने के बाद

जब तन्हा रहूंगा और आयेगी याद

किसी ख्वाब मे तू आ मिलना मुझे

गिले शिकवे शायद हो जाये माफ

मेरी बेबसी तू समझ ना सका

तेरी क्या कमी थी मे कहे ना सका

हुये दुर तुम और शिकायत मे हम 

क्या झूठा था तेरा ऊर्म भर का साथ

खिलोना नही ये दिल था मेरा 

बहुत दर्द हुआ है टूट जाने के बाद .

{9}

मेरे बिमार दिल को दवा देने आया

देर से सही मगर खुदा का शुक्र है वो आया

है उदास वो और उदास होने आया

थोड़ा डरा है लगता है कुछ कहने आया

कहे दो उसे हम उससे अब खफा है ही नही

क्यू दूर खड़ा है क्या सजा सहने आया

मुझे माफ कर दो जो खता है मेरी

मगरूरे मन मेरा तुम्हे समझ नही पाया

पास मे तो आ जरा जी भर के देखू तुझे

सांसे उखड़ रही है लगता है अब जाने का वक्त आया .

{10}

कल की हिफाजत हम आज नही कर सकते

जो मुकद्दर मे होगा वो अन्जाम होगा

दुवा मेरे रब से बस ये ही है मेरी

बुरे दोर मै भी वो मेरे साथ होगा .

{11}

जो तूने कहा वो तराना लिखूंगा

तेरे दिल की बाते और फसाना लिखूंगा

अगर दिल करे तो मिल आ जरा

मै मोजूद हूंगा जहा ठिकाना तेरा

बहुत कर लिया है सबर मेरे दिल ने 

अब इसकी सुनूंगा और मौहब्बत बुनुंगा 

नासमझ ना बन तू सब जानता है

मै हर एक सांस मे बस तुझे ही चुनूंगा

अब ना लिखूंगा किसी की कही

बस तेरे दिल के नगमे मोहब्बत लिखूंगा .

{12}

तेरी खुशबुओ मे ऐसे उलझे है हम 

जमाने भर की खुशिया लुटाने लगे

मेरे दिल की धडकन से तेरे दिल की धड़कन को

मौहब्बत की ये धुन हम सुनाने लगे

अगर ख्वाव आये तो बस तेरा ही आये

निन्दो से सोदा  हम करने लगे

हवाओ के झोको से बारिसो की बूंदो से

मौहब्बत के मोसम को हम बदलने लगे

सच कहते है तुम पर अब हम मरने लगे

हा हम कहते है तुमसे हम मौहब्बत करने लगे .

{13}

वो एक चोर था जो मुझको मुझसे चूरा गया 

अपने धड़कते दिल की धड़कन मुझको वो सूना गया 

मिठी मिठी बातो मे मुझको वो फसा गया

चंद रोजो की मुलाकाते थी मुझको अपना बना गया

एक बाजार था जिसको मेरी चाहात थी

 नाजाने कैसे वो मुझको वहा पहुंचा गया

 बस खुश रहना एक तमन्ना थी मेरी

पर वो मुझको रोना सिखा गया 

जालिम था दिलो का वो मुझको इतना तड़फा गया

खत्म करके भी मुझको ना भरा दिल

जो मेरी कब्र तक वो आ गया

अब किस गलती का पश्तावा है उसे

जो इतने आंसू बहा गया .

{14}

वो नजरे तुम्हारी अब अब तक याद है मुझे 

तुम घंटो तक निहारो वो याद है मुझे

मगर कोई बात हम करना सके

वो ठहराव दिल का याद है मुझे

ना कदम मेरे उठे ना तुने इशारा दिया

मौहब्बत दिल मे थी जुबा पर आ ना सकी

अब बची बस यादे है तेरी और बचे कुछ मलाल है मुझे .

{15}

हवाओ ने हमे जिना सिखाया

दरख्तो ने साया और खाना खिलाया

ये झरने ये नदिया ये झीले और समुद्र

इनका वजुद बस पानी से आया

तू अभी गुरुर मे है तू समझ ना सकेंगा

जाने कितने जनो ने तुझे बादशाह बनाया

करी है गुलामी तूने भी कभी

कैसे तेरे मन ने उसको है भुलाया

अगर मांगता है मदद कोई तेरी

तुने अपना हाथ कभी ना बड़ाया

गेर भी क्या अब करेंगे भरोसा

अपनो को भी कितना है सताया 

और वक्त है अभी भी संभल जा जरा

जाने कितने बादशाह को उसने जमी पे है 

लाया .

{16}

किसी को की परवाह नही

यहा कोई किसी का सगा ही नही

अगर तुम सोचते हो कि सब है मेरे

शायद अपनो ने अब तक ठगा ही नही

तुम हेरान होगे ये भी जान कर

कि निन्दो ने ख्वाबो को चूना ही नही

और सोचो ठंडे मन से तुम भी हो ऐसे 

कभी मै के आगे सोचा ही नही .


❤️•••MASHAALLHA •••❤️