The first rain and the rain of love in Hindi Short Stories by Naresh Damor books and stories PDF | पहली बारिश और प्यार की बारिश

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पहली बारिश और प्यार की बारिश

सर्दियों के आखिरी दिन थे और monsoon की पहली बारिश शहर पर फुहारों की तरह गिर रही थी। Meera अपनी छतरी के नीचे खड़ी थी, हाथ में कॉलेज के notes, और बारिश की बूंदों में भीगी सड़कों को देख रही थी। उसे हमेशा से बारिश पसंद थी, लेकिन आज कुछ अलग सा लग रहा था।

“कितनी भी बारिश हो, पर मुझे campus तक जाना ही होगा,” उसने सोचा और अपनी छतरी संभाली। उसी समय, एक तेज़ हवा का झोंका आया और उसके notes उड़ने लगे।
“ओह नहीं!” Meera ने चिल्लाया। तभी किसी ने तेजी से उन्हें पकड़ लिया।

“तुम्हारा ये notes?” आवाज़ आई। Rohan था, छतरी के नीचे खड़ा, गीले बाल और मुस्कान।
“धन्यवाद!” Meera ने हल्की हँसी के साथ कहा।
“कोई बात नहीं। लगता है बारिश ने आज तुम्हारे लिए मज़ाक किया,” Rohan ने चुटकी ली।

पहली नजर में ही कुछ अजीब सा connection हुआ। उन्होंने एक साथ हँसी साझा की और छतरी के नीचे कुछ कदम चलते हुए conversation शुरू की। Rohan photography का student था और Meera literature में, लेकिन उनके interests surprisingly similar थे।

“तुम हमेशा किताबों में खोई रहती हो?” Rohan ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“हां… और लगता है मुझे आज कोई interruption चाहिए था,” Meera ने जवाब दिया।
छोटी-छोटी बातें और shared laughter ने धीरे-धीरे उनके बीच comfort और bonding पैदा कर दी।

अगले कुछ हफ़्तों में, बारिश और भी कई बार शहर पर आई। हर बार Meera और Rohan campus gate, library और park में मिलते। कभी किताबों पर discussion, कभी photography tips, कभी playful teasing—हर interaction उनके रिश्ते को deepen कर रहा था।

एक दिन, बारिश तेज थी और दोनों पार्क में फंस गए। Rohan ने Meera के लिए अपने बैग से दो extra umbrellas निकाले। “हम साथ चलें?” उसने पूछा।
“बिल्कुल,” Meera ने मुस्कान के साथ कहा।

छतरी के नीचे चलते हुए, Rohan ने अपनी camera निकाली। “तुम्हारे expressions और rain में इस park की ambiance—perfect photo opportunity।”
Meera थोड़ी embarrassed हुई, लेकिन Rohan की genuine enthusiasm ने उसे comfortable बना दिया। बारिश में भीगते हुए, उनके बीच की chemistry और noticeable हो गई।

लेकिन perfect bonding हमेशा smooth नहीं रहती। एक afternoon, Meera ने देखा कि Rohan किसी और लड़की के साथ बहुत हँस रहा है। उसके दिल में हल्की jealousy और confusion हुई। उसने सोचा, “क्या मैं सिर्फ एक friend हूँ उसके लिए?”
रात को Meera ने अपनी feelings को express करने की कोशिश की, लेकिन words stuck हो गए।

अगले दिन, Rohan ने Meera को library में देखा। उसने directly कहा, “Meera, क्या कुछ गलत हो गया? तुम मुझे avoid कर रही हो।”
Meera ने थोड़ी hesitation के बाद अपनी confusion share की। Rohan ने उसे softly hold करते हुए कहा, “मैंने सिर्फ laugh किया था, तुम्हारे importance से कोई फर्क नहीं पड़ा। मैं… मैं तुम्हें पसंद करता हूँ।”

Meera की आँखों में चमक लौट आई। उसने धीरे से कहा, “मैं भी… मुझे तुम्हारे साथ feel होता है।”
उस क्षण, बारिश की हल्की बूंदें उनके ऊपर गिर रही थीं, और park की हर चीज़ cinematic लग रही थी। उनका first romantic confession monsoon की perfect backdrop में हुआ।

अगले हफ़्तों में, उनके relationship में small adventures और bonding moments बढ़ते गए। Campus की library, park walks, rainy rooftop talks—हर जगह उनकी shared memories बन रही थीं। कभी laughter, कभी small arguments, लेकिन हर बार trust और understanding उन्हें और करीब लाता रहा।

Rohan ने एक afternoon, Meera के लिए एक small photography exhibition organize किया। हर फोटो में उनके shared moments captured थे—rainy walks, library laughs, rooftop sunsets। Meera ने देखा और आँखों में tears of happiness आ गई।
“हर memory special है, और तुम्हारे बिना incomplete होती,” Rohan ने कहा।
Meera ने softly जवाब दिया, “और अब मैं जानती हूँ कि ये feelings हमेशा साथ रहेंगी।”

Story का climax एक rainy evening में आया। दोनों park में बैठे, छतरी के नीचे, city lights और soft moonlight के बीच। Rohan ने धीरे से कहा,
“Meera, मुझे लगता है मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूँ। क्या तुम… मेरे साथ रहोगी?”
Meera ने मुस्कान के साथ कहा, “हाँ, Rohan। मैं भी तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ।”

और पहली बारिश ने, जो शुरुआत में सिर्फ बूंदें थी, उनके प्यार को एक cinematic और unforgettable याद में बदल दिया।