Burn for Revange in Hindi Drama by neha books and stories PDF | Burn for Revange

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Burn for Revange

 एक लड़की एक बड़े से घर के हॉल में खड़ी थी और जोर से चिल्ला रही थी कि मिस्ट ओबेरॉय बाहर निकलिए आज में आप को chodhu गी नहीं आप की हिम्मत कैसे हुवी मेरे दोस्तों को दमकी देने की ।

वहीं हॉल में दस लोग खाना खा रहे थे जब उन सब ने ये चिलाने की आवाज सुनी तो वो  हैरान थे  लेकिन वह पर बैठे 50 साल के आदमी के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई उस आदमी की स्माइल  देख कर वह पर बैठे सब लोगो का खाना नीचे नहीं उतर रहा था क्योंकि जो आदमी सामाने bhata हुआ है  ये अंडर वर्ल्ड के एक समय डॉन हुआ करते थे लेकिन अपनी सब से छोटी बेटी के  होंने के बाद इन्होंने अंडर वर्ल्ड को छोड़ दिया था ताकि की अपनी फैमिली  का ध्यान तक सके 

बाहर जो लड़की चिल्ला रही है वो है इनकी सब से छोटी बेटी जो तूफान से कम नहीं इसके जो मन में आता है बोल देती है सामने को है नहीं देखती कि कौन है आखिर एक माफिया की जो बेटी है 

उस 50 साल के आदमी ने भी चिल्ला कर कहा पहले आके खाना खालों उस के बाद बात करे गए

हमारी कहानी की मेंन लीड अवनी है अवनी जो आपने घर में सबसे छोटी है  किसी की नहीं सुनती कभी कभी अपने पापा की बात मान लेती है लेकिन मानती वो ही बाते है जो अवनी को अपने लिए सही लगती है 

अवनी के पापा का नाम है राजवीर जिन की पूरे घर में चलती है यहा तक राजवीर की बात काटने की हिम्मत राकेश ओबेरॉय मतलब राजवीर के पापा की भी हिम्मत नहीं होती है लेकिन इस घर की छोटी बेटी अवनी ये कर सकती है वो राजवीर ओबेरॉय के बात को काट सकती है और उन पर हक भी चला सकती है 

अवनी ने भी होल से ही चिल्ला कर कहा नहीं मैं खाना नहीं खऊंगी जब तक आप मुझे मेरे सवालों का जवाब नहीं दे देते ।

राजवीर जी ने भी चिल्लाकर कहा तो ठीक है मुझसे बात मत करना

अवनि ने चिल्ला कर  फिर से कहा आप दुनिया के सबसे बेकार पिता है जो अपने बच्चों को खुश  नहीं देख सकते आपकी वजह से आज मेरे सारे दोस्त मुझसे नाराज है अब आने दो आपके दोस्तों को  घर पर मैं उनकी ऐसी खाथीररदारी करु गी की वह वापस इस घर में  कभी नहीं आएंगे ।

अवनी ऐसा बोलते बोलते डायनिंग एरिया के पास आ चुकी थी अवनी कि चेयर उसके पापा के पास रखी हुई थी लेकिन अवनी गुस्से के कारण उनके पास नहीं बैठी और दूर जाकर बैठ गई 

घर वाले जो तब से इन दोनों बाप बेटी का झगड़ा देख रहे थे और से इंजॉय कर रहे थे अवनी की इस हरकत से उन सब के चेहरे पर डर आ चुका था 

अवनी को भी इस बात का ध्यान नहीं रहा था कि उसने  अभी क्या किया 

राजवीर जी ने गुस्से से  कहा मैंने तुम्हें कितनी बार कहा है मेरे पास बैठा करो 

अवनी ने अपनी जीभ दांतों तले दबाते हुए अपने मन में कहा अवनी डर्लिंग क्यों मॉन्स्टर को जगा रही तुम्हें पता है ना मॉन्स्टर अपने असली रूप में आ जाएगा

अवनी ने अपने चेहरे पर एक बहुत ही प्यारी स्माइल लाकर कहा पापा मैं तो मजाक कर रही थी आप तो गुस्सा होग गए चलो आज आपको खाना आपकी प्यारी बेटी खिलाए गी 

तभी एक लड़का दो शायद अवनी से एक या डेढ़ साल बड़ा होगा उसने बडबडाते हुए कहा जब इस चुहिया को पता है पापा उससे इस बात से गुस्सा होते हैं इसको तो कुछ नहीं कहते लेकिन हम सब की वाट लग जाती और हम सबको पनिस किया जाता है अवनी ने उसे लड़के की यह बात सुन ली थी जब अपने पापा के पास जा रही थी तो उसे लड़के की चेयर बीच में थी जिस कारण अवनी जाते समय अपने हाथ की मुट्ठी बनाकर उस लड़के की कमर पर जड़ दिया लड़के के चेहरे पर दर्द भरे भाव आगए थे उस लड़के ने  से चिल्लाकर कहा चुहिया तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे  मरने  की इतना कहते ही उस लड़के को अपनी गलती का अहसास हुआ उसने मुड़कर  अपने पापा की ओर देखा