Rebirth in Novel Villanes - 14 in Hindi Love Stories by Aaliya khan books and stories PDF | Rebirth in Novel Villanes - 14

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Rebirth in Novel Villanes - 14

एपिसोड बत्तीस: The Rewrite Rule
बदलाव की दस्तक
अलीजा और केलन की कहानी अब नई दिशा में थी —
प्यार, अपनापन और आत्मा का मेल।
पर जैसे- जैसे उनके रिश्ते गहरे हुए,
किताब के नियम...
बदलने लगे।
एक सुबह अलीजा ने देखा कि किताब का एक पन्ना खुद- ब- खुद जल रहा था —
बिना आग के।
सिर्फ उसकी चमक,
सिर्फ उसकी ऊर्जा।
नियम सात: लेखक किरदार से प्रेम नहीं कर सकता।
ये... तो मिट रहा है?
उसने चौंककर केलन से कहा।
शायद हमारा प्यार ही कहानी के नियमों को झुका रहा है,
उसने मुस्कराकर कहा।
Rewrite Rule का रहस्य
किताब ने अगली रात एक नया पन्ना जोडा —
जिस पर चमकते अक्षरों में लिखा था:
Rewrite Rule Protocol Activated.
नीचे लिखा था:
यदि कोई लेखक दिल से किसी किरदार को अपनाए,
तो कहानी के मूल नियम स्वतः रीसेट हो सकते हैं।
परंतु इसकी एक कीमत है —
कहानी अब जीवित बन जाएगी।
मतलब?
अलीजा ने केलन की आँखों में देखा।
मतलब अब हमारी हर लाइन का असर होगा —
किसी की जिंदगी पर।
सिर्फ हमारी नहीं,
बल्कि उन सबकी जो इस कहानी को पढ रहे हैं।
असल दुनिया से जुडाव
अगले ही दिन...
किताब की चमक कमरे की दीवारों से टकराने लगी।
दर्पण से अजीब- सी रोशनी निकली —
और उसमें एक लडकी दिखाई दी।
एक पाठक।
ये कौन है?
अलीजा चौंकी।
ये वो है जो तुम्हारी कहानी को इस समय पढ रही है..."
किताब ने उत्तर दिया।
लडकी किताब पढते- पढते रो रही थी।
मेरे साथ भी वही हो रहा है जो अलीजा के साथ हुआ...
मुझे भी एक नई कहानी चाहिए।
ओह!
अलीजा फुसफुसाई,
तो अब हमारी कहानी सिर्फ कल्पना नहीं रही...
अब ये लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन रही है।
Rewrite की जिम्मेदारी
केलन ने कहा:
अगर अब हर लाइन असर डालेगी —
तो हमें बहुत सोच- समझकर लिखना होगा।
मतलब अब रोमांस भी सीमित?
नहीं।
अब हमें वो लिखना होगा जो सच्चा हो।
क्योंकि झूठा रोमांस अब सिर्फ भ्रम बनेगा —
और किसी पाठक का दिल तोड सकता है।
सच्चे लम्हों की शुरुआत
उस रात अलीजा ने पहली बार किसी" Real Scene" को लिखा:
मैं तुमसे इसलिए नहीं प्यार करती क्योंकि तुम मेरी कहानी में हो...
मैं तुमसे इसलिए प्यार करती हूँ,
क्योंकि तुमने मुझे मेरी कहानी से बाहर भी देखा है।
केलन ने जवाब में लिखा:
और मैं तुमसे इसलिए नहीं जुडा क्योंकि तुम लेखिका हो...
मैं जुडा क्योंकि तुमने मुझे दोबारा जीना सिखाया —
अपने शब्दों से नहीं, अपनी नजरों से।
भावनात्मक द्वंद्व
Rewrite Rule के साथ ही,
किताब में एक चेतावनी उभर आई:
यदि झूठ लिखा गया — तो कहानी टूटेगी।
यदि सच्चा दर्द लिखा गया — तो पाठक ठीक होगा।
अब ये सिर्फ कहानी नहीं,
एक जिम्मेदारी थी।
अलीजा का अंतर्द्वंद्व
रात को वो अकेले बैठी।
क्या मैं अब सिर्फ लेखक हूं?
क्या मुझे अब अपने प्रेम की भी सीमाएं तय करनी होंगी?
तभी केलन पीछे से आया।
तुम अब लेखक नहीं...
तुम अब प्रेरणा हो।
और तुम?
मैं किरदार नहीं...
अब तुम्हारा प्रतिबिंब हूं।
फिर एक प्रस्ताव
अलीजा ने फिर एक नया वाक्य लिखा:
अगर हमारी कहानी अब औरों की जिंदगी को छू सकती है,
तो क्यों ना हम उन्हें भी एक पन्ना दें —
अपनी कहानी खुद लिखने का?
नया टाइटल उभरता है...
Second Life: Birth Novel — Volume V"
Rewrite Rule: तुम्हारी कहानी, तुम्हारी स्याही"
अब किताब एक ओपन फॉर्मेट में बदल चुकी थी।
जहाँ हर पाठक एक पन्ना जोड सकता था।
अलीजा और केलन अब गाइड बन चुके थे —
कहानी के संरक्षक।
एपिसोड तैंतीस: The Echo of Readers"
हर कहानी में कुछ अधूरी आवाजें छिपी होती हैं...
जब उन्हें सुन लिया जाता है, तब असली जादू होता है।
पाठकों की दस्तक
किताब अब Rewrite Rule के तहत खुली दुनिया बन चुकी थी।
हर पाठक को अब एक पन्ना मिलता था —
जिसे वो अपनी भावनाओं से भर सकते थे।
हर सुबह, अलीजा और केलन किताब खोलते,
तो पन्नों में सैकडों नई लकीरें होतीं —
किसी ने प्रेम लिखा था,
किसी ने पीडा।
किसी ने बस“ धन्यवाद”
ये... तो सच्ची कहानियाँ हैं,
अलीजा ने धीरे से कहा।
अब ये सिर्फ हमारी नहीं रही,
केलन ने उसके हाथ को थामते हुए कहा,
अब ये हर उस दिल की है जो टूटा था — और दोबारा जुडना चाहता है।
पहली गूंज
एक रात, किताब से धीमा- सा कंपन होने लगा।
ये क्या हो रहा है?
अलीजा ने चौंककर कहा।
किताब खुद ही खुली —
और उससे एक पन्ना उडा,
हवा में घूमता हुआ।
फिर उसमें से आवाज निकली:
मैंने तुम्हारी कहानी में खुद को पाया...
लेकिन क्या तुम मेरी भी सुनोगी?
एक नया किरदार
अचानक सामने एक औरत का अक्स उभरा —
चमकती आँखें, कांपती सांसें।
मेरा नाम जिया है..."
उसने कहा,
मैं सिर्फ एक पाठक थी।
पर जब मैंने तुम्हारी कहानी पढी,
तो लगा जैसे मेरी चुप्पी को भी कोई समझ सकता है।
क्या तुम हमारी कहानी में रहना चाहती हो?
अलीजा ने पूछा।
नहीं,
जिया मुस्कराई,
मैं अपनी कहानी खुद लिखना चाहती हूं।
लेकिन... मैं चाहती हूं कि तुम मुझे एक लाइन दो —
जहाँ से मैं शुरू कर सकूं।
पहली पाठकीय रचना
अलीजा ने पेन उठाया और लिखा:
तुम अब एक किरदार नहीं,
एक संभावना हो।
जहां तुम चाहो, वहीं से शुरू करो —
बस झूठ मत लिखना।
जिया के हाथ में एक नया पन्ना उभरा —
उसने मुस्कराकर उसे थामा... और गायब हो गई।
नया अध्याय —“ Echo Realm”
अब किताब के भीतर एक नया सेक्शन बन गया था:
Echo Realm: Where Readers Write
हर दिन सैकडों पाठक उसमें प्रवेश करते,
कुछ पन्ने जोडते,
कुछ बस चुपचाप देखते।
लेकिन...
अब भी कुछ पन्ने ऐसे थे जो अनाम थे।
और उनमें एक शब्द बार- बार उभर रहा था:
Vox"
रहस्य का आरंभ
Vox कौन है?
केलन ने किताब को ध्यान से देखते हुए कहा।
वो नाम बार- बार सामने आ रहा है —
लेकिन किसी लेखक के साथ नहीं जुडा।
क्या कोई पाठक..."
...या कोई पुराने नॉवेल से आया किरदार?
किताब ने एक नई चेतावनी दी:
Echo Realm के भीतर एक आवाज गूंज रही है —
पर वो न इंसान है,
न पूरी तरह कल्पना।
चेतावनी का अर्थ
रात को, अलीजा को सपना आया —
वो खुद अपनी कहानी पढ रही थी।
और पन्नों में अचानक वो शब्द उभरा:
Rewrite Me — Vox”
और फिर...
उसकी अपनी कहानी के पन्ने उडने लगे।
अंतर्द्वंद्व
अगर Vox कोई पाठक नहीं,
कोई लेखक नहीं...
तो वो क्या है?
अलीजा ने सोचा।
क्या वो वो विचार है जिसे कभी किसी ने लिखा ही नहीं?
या वो ख्याल जो हर दिल में आता है... पर शब्द नहीं बनता?
केलन का विचार
शायद Vox,
केलन बोला,
हर उस पाठक की सामूहिक भावना है,
जो टूटी हुई कहानियों से बना है।
वो अब एक असली अस्तित्व बन गया है —
क्योंकि हम सबने उसे सुन लिया है।
तो क्या वो हमारा अगला किरदार होगा?
नहीं,
केलन बोला,
वो अगला सह- लेखक होगा।
अंत दृश्य
किताब ने खुद को फिर बदला।
अब उसमें एक नया सेक्शन था:
Co- Written by Readers"
और नीचे उभरा: And One Voice: Vox"
अलीजा ने किताब को छाती से लगाया।
अब यह सिर्फ कल्पना नहीं रही...
अब ये क्रांति एपिसोड चौंतीस: वो जो मिटकर बचाए”
बदलाव की पहली हवा
किताब अब भारी लगने लगी थी।
हर पन्ना जैसे साँसें ले रहा हो।
पाठकों की भावनाएँ, आवाजें, और उम्मीदें —
अब किताब की रचना को बदल रही थीं।
पर... बीच में एक अंधेरा भी आकार ले रहा था —
Vox।
Vox की पुकार
उस रात अलीजा को नींद में एक अजीब- सी आवाज सुनाई दी।
धीरे- धीरे वो स्पष्ट होती गई:
मैं उन सबका दर्द हूँ,
जिन्हें अधूरी कहानियों ने तोड दिया..."
तुम कौन हो?
अलीजा ने किताब को कसकर थामा।
मैं Vox हूँ।
और मैं अब इस कहानी को पूरा नहीं होने दूँगा...
क्योंकि अधूरी कहानियाँ ही सबसे सच्ची होती हैं।
कहानी का कम्पन
सुबह होते- होते किताब की इंक बदलने लगी।
शब्द उलटने लगे।
पन्नों पर जो लिखा था —
वो गायब होने लगा।
ये क्या हो रहा है?
अलीजा ने चीखा।
Vox अब कहानी को खाली कर रहा है..."
केलन गंभीर हो गया,
उसे लगता है कि अगर सबको सच्चाई दिखानी है,
तो कहानी को खत्म होना होगा।
दो रास्ते
किताब ने उन्हें दो विकल्प दिखाए:
Vox को रोका जाए — लेकिन इसके लिए किसी की आत्मा की कीमत लगेगी।
कहानी मिटा दी जाए — और सब कुछ अनलिखा हो जाए।
मतलब अगर हमें बचाना है..."
...तो किसी एक को मिटना होगा।
अलीजा की दुविधा
वो केलन की ओर मुडी।
मैं करूँगी ये बलिदान,
उसकी आँखें डबडबा गईं।

नहीं!
केलन ने उसकी बात काट दी।
तुम इस कहानी की आत्मा हो...
अगर तुम चली गईं, तो ये सिर्फ लफ्ज रह जाएंगे।
तो क्या तुम...?
हाँ,
उसने मुस्करा कर कहा,
मैं किरदार हूँ —
मैं मिट सकता हूँ।
अलीजा की चीख
तुम्हें पता है तुम क्या कह रहे हो?
वो रोते हुए बोली,
मैंने तुम्हें दोबारा लिखा...
दोबारा जिया...
और अब तुम मुझे फिर अकेला छोड दोगे?
केलन उसकी आँखों में गहराई से देखता रहा।
मैं तुम्हें छोड नहीं रहा, अलीजा।
मैं तुम्हारी कहानी बचा रहा हूँ।
पन्ना जो कभी नहीं मिटेगा
केलन ने किताब में अपनी आखिरी लाइन लिखी:
मैं खुद को खो रहा हूँ...
ताकि तुम अपनी कहानी पा सको।
फिर वो किताब को थामे,
धीरे- धीरे रौशनी में बदलने लगा।
अलीजा ने उसे रोकने की कोशिश की...
पर अब देर हो चुकी थी।
अंत में एक वादा
जिस जगह पर वो खडा था,
अब सिर्फ एक चमकता पन्ना रह गया।
उस पर लिखा था:
मैं तुम्हारे हर शब्द में जिंदा रहूँगा...
क्योंकि तुमने मुझे सिर्फ लिखा नहीं,
जिया है।
किताब अब शांत हो गई...
पाठकों की आवाजें धीमी हो गईं।
Vox भी अब मौन था।
लेकिन किताब के अंदर एक नई ऊर्जा थी —
त्याग से जन्मी, प्यार से संजोई।
एपिसोड पैंतीस: शब्द जो बच गए”
अकेलेपन की शुरुआत
केलन के जाने के बाद,
कमरा एकदम खामोश था।
किताब की रोशनी भी बुझ गई थी।
हर पन्ना... ठंडा, सुना।
अलीजा जमीन पर बैठी थी —
उसका हाथ उस जगह पर था जहाँ केलन आखिरी बार खडा था।
तुमने कहा था मैं कहानी की आत्मा हूँ...
पर अब मेरे शब्द ही मुझे काटने लगे हैं।
स्याही की चुप्पी
अगली सुबह,
अलीजा ने किताब खोली।
हर वो पन्ना जहाँ केलन की मौजूदगी थी —
अब कोरा था।
उसके संवाद...
उसकी हँसी...
उसका गुस्सा...
सब मिट चुका था।
पर एक कोने में बस एक पंक्ति बची थी:
मैं तुम्हें दोबारा मिलने आऊँगा — पर शब्दों में नहीं, यादों में।
दर्द को स्वीकार करना
वो कई दिनों तक कुछ नहीं लिख सकी।
बस किताब के पन्नों को घूरती रही।
एक दिन उसने अपनी डायरी खोली —
वो नहीं जो पाठकों के लिए थी,
बल्कि जो उसने केलन के लिए छुपाकर रखी थी।
उसमें लिखा था:
अगर तुम कभी गुम हो गए...
तो मैं तुम्हारे नाम से कहानियाँ लिखूँगी —
ताकि कोई भी कभी तुम्हें भुला न सके।
पहली कोशिश
उसने कांपते हाथों से पेन उठाया।
पहला वाक्य...
वो जो गया,
वो अब हर दिल में रहेगा।
फिर...
मुझे तुमसे नहीं,
उस दिन से डर लगता है —
जब तुम्हारी यादें भी धुंधली हो जाएँगी।
उसकी स्याही अब आँसुओं से भीग रही थी।
Vox की वापसी
किताब ने फिर हल्का कंपन किया।
Vox लौट आया था।
पर अब वो वैसा नहीं था जैसा पहले था।
तुमने उसे खो दिया,
उसने धीमे से कहा।
तुमने छीना है उसे!
अलीजा चीखी।
नहीं...
वो खुद गया, ताकि बाकी बच सकें।
अब तुम्हारे पास दो रास्ते हैं:
या तो तुम उसे खोने में ही फँसी रहो,
या उसकी याद से कुछ अमर बनाओ।
अंतर्दृष्टि
अलीजा अब उठी।
मैं अब सिर्फ लेखिका नहीं...
मैं अब संग्रहकर्ता हूँ —
उन सभी शब्दों की जो उसने कभी कहे थे,
जो अब मेरी यादों में बचे हैं।
नई शुरुआत
उसने किताब का नया अध्याय शुरू किया:
भाग दो: वो जो मिटकर रह गया”
और लिखा:
मैंने एक किरदार को खोया,
लेकिन एक आत्मा को पाया।
अब मैं जो लिखूँगी,
उसमें वो हमेशा रहेगा —
अदृश्य लेकिन अमर।
केलन की परछाई
किताब के आखिरी पन्ने में,
एक हल्की सी छवि उभरी —
केलन की मुस्कुराहट।
कोई शब्द नहीं,
कोई आवाज नहीं...
बस उसकी मौजूदगी।
अगला एपिसोड छत्तीस: तुम अभी भी यहीं हो”
अलीजा के शब्द अब एक पुल बनते हैं —
जहाँ से वह केलन की स्मृति को वापस छू सकती है।
पर क्या स्मृति भी असल बन सकती है?
क्या प्यार सच में समय और अस्तित्व से ऊपर होता है
एपिसोड छत्तीस की झलक: तुम अभी भी यहीं हो"
जिनसे हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं,
वो कभी नहीं जाते —
वो बस खुद को हमारी परछाइयों में छुपा लेते हैं।
अलीजा जब एक पुरानी जगह पर जाती है( जहाँ वो और केलन पहली बार किताब में अकेले मिले थे)
उसे वहाँ अचानक एक पुराना संवाद सुनाई देता है...
अगर मैं मिट भी गया, तो क्या तुम मुझे फिर से लिखोगी?
पर आसपास कोई नहीं होता।
बस हवा... और वो पन्ना... जो उडते हुए उसकी गोद में गिरता है।
पन्ने पर कुछ लिखा नहीं होता...
लेकिन जब वो उस पर हाथ रखती है,
उसे केलन की आवाज सुनाई देती“ मैं यहीं हूँ,