How Would She Be in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | जाने वो कैसी होगी रे

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जाने वो कैसी होगी रे

🌹 जाने वो कैसी होगी रे 🌹

कॉलेज का पहला दिन था। नई किताबें, नया माहौल, नए चेहरे और नयी उम्मीदें… राहुल के दिल में हल्की-सी बेचैनी थी। वो सोच रहा था – “कितने सारे लोग हैं यहाँ, लेकिन क्या कोई ऐसा होगा जिससे मेरी जिंदगी सच में बदल जाएगी?”

क्लास के बीचों-बीच बैठकर वो अपने इर्द-गिर्द देख रहा था। तभी उसकी नजर पड़ी – दरवाजे से एक लड़की अंदर आई। सफेद कुर्ते पर नीली दुपट्टा ओढ़े, लंबे खुले बाल हवा से खेलते हुए… मानो किसी फिल्म का पहला सीन हो। राहुल की आंखें ठहर-सी गईं। दिल ने धीरे से कहा –

“जाने वो कैसी होगी रे… जो मेरी दुनिया में कदम रखेगी।”

पहला सामना

लड़की ने आकर बगल की सीट पर जगह ली। उसने मुस्कुराकर कहा –
“हाय, मैं साक्षी हूँ।”
राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। उसने हड़बड़ाकर जवाब दिया –
“ह-हाय, मैं राहुल।”

उसके बाद क्लास भर राहुल का ध्यान पढ़ाई से ज्यादा साक्षी की मुस्कुराहट पर था। जब भी वो हंसती, लगता जैसे पूरी दुनिया उजाला हो गई हो।

दोस्ती की शुरुआत

दिन बीतते गए। प्रोजेक्ट्स, असाइनमेंट्स और कैंटीन की चाय – सब कुछ अब दोनों साथ में होने लगा। राहुल को एहसास हो गया था कि वो साक्षी से सिर्फ दोस्ती नहीं, उससे कहीं ज्यादा चाहता है।

पर हर बार जब दिल कहता – “इसे बता दे…”, दिमाग डर जाता – “अगर मना कर दिया तो दोस्ती भी चली जाएगी।”

इजहार की कोशिश

एक शाम कॉलेज कैंटीन में दोनों चाय पी रहे थे। हल्की बारिश हो रही थी। राहुल ने हिम्मत करके कहा –
“साक्षी, क्या मैं तुमसे कुछ पूछ सकता हूँ?”
साक्षी मुस्कुराई – “हाँ, क्यों नहीं?”
राहुल बोलने ही वाला था कि अचानक उसके फ्रेंड्स आ गए और माहौल बदल गया। दिल की बात दिल में ही रह गई।

साक्षी का राज़

कुछ दिनों बाद कॉलेज में अफवाहें फैलने लगीं कि साक्षी की शादी कहीं तय हो चुकी है। राहुल को जैसे किसी ने अंदर से तोड़ दिया। वो सोचता रहा – “क्या सच में ये मेरी किस्मत नहीं है?”

उस रात उसने अपने डायरी में लिखा –
“जाने वो कैसी होगी रे… जो मेरे लिए बनी होगी। शायद साक्षी नहीं।”

सच्चाई का खुलासा

अगले दिन साक्षी खुद राहुल से मिली। उसकी आंखें नम थीं। उसने धीरे से कहा –
“राहुल, मुझे तुमसे कुछ कहना है। लोग जो बोल रहे हैं वो सच नहीं है। मेरी शादी कहीं तय नहीं हुई। सच तो ये है कि… मैं भी तुमसे कुछ कहना चाहती थी।”
राहुल हैरान रह गया।
“क्या?”
साक्षी ने शर्माते हुए कहा –
“मैंने जबसे तुम्हें पहली बार देखा था, तभी से मन में बस एक ही ख्याल था – जाने वो कैसा होगा रे… और अब पता चला कि वो तुम हो।”

नई शुरुआत

राहुल के लिए वो पल किसी सपने से कम नहीं था। दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा। बारिश की बूंदों के बीच वो हंसी, वो एहसास, सब कुछ जैसे किसी फिल्म का जादुई सीन हो।

अब हर दिन कॉलेज का सबसे खूबसूरत पल वो होता, जब राहुल और साक्षी साथ होते। एक-दूसरे की हंसी, नाराजगी और छोटी-छोटी बहसें ही उनकी मोहब्बत की पहचान बन गईं।

इमोशनल मोड़

फाइनल ईयर आते-आते राहुल को जॉब का ऑफर मिला – शहर से बहुत दूर। वो दुविधा में था – करियर या प्यार? साक्षी ने उसे समझाया –
“जिंदगी में सपनों का पीछा करना जरूरी है। मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे जितनी दूर क्यों न जाओ।”

राहुल की आँखों में आंसू थे। उसने सोचा – “सच में, ये वही लड़की है जो मेरी दुनिया बदल सकती है।”

कहानी का अंत

कुछ साल बाद राहुल वापस लौटा। उसके हाथ में एक रिंग थी और दिल में वही पुराना सवाल –
“जाने वो कैसी होगी रे…”

लेकिन इस बार जवाब उसके सामने था। साक्षी उसकी बाहों में थी, उसकी आँखों में पूरा आसमान बस गया था।

उस दिन राहुल को समझ आया –
“जाने वो कैसी होगी रे…? वो बिल्कुल ऐसी होगी, जैसी मेरी साक्षी है।”


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🌹 कहानी समाप्त 🌹

Story pasand aaye to follow jarur kare.