[📍Location: पार्क के एक कोने में — शाम की हल्की हवा, चारों तरफ़ हरियाली और कुछ खेलते हुए बच्चे।]
Aaru बेंच पर बैठी है और उसके पास खड़ा है Aarav (असल में Yuri the Alien)। उसके चेहरे पर सवाल हैं, और Aarav की आँखों में… सिर्फ़ कन्फ्यूजन।
Aaru (धीरे से मुस्कुराते हुए):
"तुम आजकल कहाँ रहते हो Aarav? मिलते भी नहीं, कॉल भी नहीं उठाते…"
Aarav (थोड़ा रुककर):
"मैं… कहीं दूर था।"
Aaru (जिज्ञासु होकर):
"क्या? तुम्हारा कोई घर नहीं है क्या अब?"
Aarav (संयम से):
"घर है… पर यहाँ नहीं। बहुत दूर है…"
Aaru का माथा सिकुड़ जाता है।
पास बैठा एक छोटा सा डॉग Alien को घूर रहा है।
Aaru (हँसकर):
"तुम्हारा मतलब क्या है 'बहुत दूर'? अब कहाँ रहते हो?"
Aarav (रुककर):
"अभी तो… यहीं आया हूँ। सोचा नहीं कि कहाँ रुकूंगा।"
Aaru (शक भरे स्वर में):
"अरे, पर तुम तो यहीं रहते थे ना… तुम्हें क्या हो गया है?
तुम्हारी कोई नौकरी है क्या अभी?"
Aarav मन में सोचता है:
“ये ‘नौकरी’ क्या होती है? ये धरती वाले हर बात को इतना जटिल क्यों बनाते हैं?”
Aaru:
"तुम कुछ बोलते क्यों नहीं Aarav?"
Aarav (अचानक, बेमौके):
"क्या तुम मुझसे शादी करोगी?"
Aaru एक पल के लिए हक्की-बक्की रह जाती है।
Aaru (चकित होकर):
"क्या…?"
पीछे से डॉग ज़ोर से हँसता है —
🐶:
"हाहा! देखा! Alien लड़का शादी के लिए घुटनों पे नहीं, सीधे बेंच पे खड़ा हो गया!"
लोग मुड़कर देखते हैं —
"ये कुत्ता क्यों भौंक कर हँस रहा है?"
"अरे कितना ज़्यादा expressive है ये!"
Aaru भी मुस्कुरा देती है।
Aaru (मुस्कान दबाते हुए):
"Aarav… तुम्हें पता है ना मैं शादीशुदा हूँ… और मेरा एक बेटा भी है।"
Alien (Aarav) डॉग की तरफ़ मुड़कर गुस्से में कहता है —
"तुम मेरा पीछा क्यों कर रहे हो… और हँस भी रहे हो?"
डॉग भौंकते हुए दौड़ जाता है।
🐶:
"बचाओ! एलियन को फिर से 'फीलिंग्स' आ रही हैं!"
Aaru (परेशान होकर):
"Aarav! क्या हो गया है तुम्हें? तुम कुत्तों से बात कर रहे हो! तुम्हारी तबियत ठीक है?"
Aarav (धीरे से):
"जब से मैं… I mean… मैं धरती पर आया हूँ, सब अजीब लग रहा है।"
Aaru मन में सोचती है:
"अजीब बातें कर रहा है… शायद इसकी नौकरी चली गई है… घर भी नहीं है… और अब डर के मारे शादी की बात कर रहा है।
बेचारा… और मुझसे छुपा भी रहा है। लेकिन मैं इसे यूँ अकेले नहीं छोड़ सकती…"
Aaru Aarav का हाथ पकड़ती है।
Aaru (दृढ़ता से):
"चलो Aarav।"
Aarav (हैरानी से):
"कहाँ?"
Aaru (साफ़ स्वर में):
"मेरे घर। जब तक तुम्हें नौकरी और रहने की जगह नहीं मिलती, तुम मेरे साथ रहोगे।
मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगी।"
Aarav (सचमुच उलझा हुआ):
"पर मुझे तो सिर्फ शादी करनी है… और एक बच्चा चाहिए… फिर मैं चला जाऊँगा…"
Aaru मन में:
"इसका दिमाग़ हिल गया है क्या? या फिर कोई बहुत बड़ा झटका लगा है…"
Aaru (साफ़ और शांत स्वर में):
"ठीक है। मैं तुम्हारी शादी भी कराऊँगी। लेकिन उससे पहले — नौकरी चाहिए, घर चाहिए।
फिर देखेंगे शादी और बच्चा।"
Aarav (धीरे से):
"पर तुम मेरी मदद क्यों कर रही हो?"
Aaru मुस्कुराती है।
Aaru (धीरे, पर सच्चाई से):
"क्योंकि मैं तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड हूँ।
और दोस्त… अपने दोस्त को कभी मुश्किल में अकेला नहीं छोड़ते।"
अध्याय - Alien का पहला पारिवारिक झटका
सड़कें भीड़ से भरी थीं। टैक्सियाँ, कारें, मोटरसाइकिलें शोर मचाती आगे बढ़ रही थीं। इंसान हर दिशा में दौड़ते दिख रहे थे — कोई मोबाइल पर बात करता, तो कोई अपने फोन में गुम था।
Aarav, जो असल में एक Alien था, चुपचाप Aru के पीछे चलते हुए चारों ओर की गतिविधियों को गौर से देख रहा था।
> "ये पृथ्वी अब काफी विकसित हो गई है," उसने मन ही मन सोचा।
"लोग एक-दूसरे से दूर होकर भी किसी डिब्बे में देखकर बात कर रहे हैं... ये सब इंसानों ने किया है। लेकिन फिर भी कुछ अधूरा है... शायद इंसानी सोच में फर्क इसका कारण है।"
तभी अचानक Aru ने उसका हाथ पकड़ा और मुस्कराते हुए एक संकरी सी गली की ओर खींच लिया। Aarav थोड़ा हड़बड़ा गया।
“क... कहां ले जा रही हो?” उसने पूछा।
Aru पीछे मुड़ी, “घर... और कहाँ?”
Aarav रुककर बोला, “तुम्हारा घर इतना अंदर?”
Aru ने कोई जवाब नहीं दिया। वो सिर्फ मुस्कराई और गली में आगे बढ़ गई — दाएं, फिर बाएं, फिर एक और मोड़। तभी रास्ते में एक बूढ़ी अम्मा मिलीं। उन्होंने Aru को रोका।
“अरे Aru बेटा, कैसी है? कोई नौकरी मिली?”
Aru ने हँसकर जवाब दिया, “दादी, अभी नहीं, लेकिन चिंता मत करो... मिल जाएगी। और हाँ, ये मेरा दोस्त है — बहुत समय बाद मिला है।”
बूढ़ी दादी ने Aarav को ऊपर-नीचे देखा और बोलीं,
“अरे... कितना हैंडसम लड़का है। मेरे पति जवानी में ऐसे ही दिखते थे।”
Aarav ने सिर झुकाया और हल्की मुस्कान के साथ कहा,
“मेरी भी जल्दी शादी होने वाली है, आप ज़रूर आइएगा।”
Aru ने झटका दिया — मन ही मन सोचा, ‘फिर से ये अपनी बकवास शुरू...’फिर से शुरू हो गया इसका पागलपन। कोई फिल्टर ही नहीं है इस इंसान में!"
“दादी, हम चलते हैं। फिर मिलते हैं,” कहकर वो Aarav को लेकर आगे बढ़ गई।
गली के एक कोने में एक छोटा-सा घर था — बाहर से साधारण, पर साफ़-सुथरा। Aru ने दरवाज़ा खोला।
“आओ, अंदर आओ,” उसने कहा।
घर में कोई और नहीं था। Aru ने उसे हॉल के एक कोने में बैठाया,
“तुम बैठो, मैं फ्रेश हो कर आती हूँ।”
Aarav बैठ गया। दीवारों पर टंगी तस्वीरें उसकी नजरों में उतरीं। एक फोटो में Aru की गोद में एक छोटा बच्चा था — लगभग एक साल का — और साथ में खड़ा था एक मुस्कुराता इंसान... शायद Aru का पति।
तभी पीछे से किसी के कदमों की आहट हुई।
“Hello Aarav!”
Aarav ने पीछे मुड़कर देखा — एक अनजान आदमी बच्चे को गोद में लिए खड़ा था।
“तुम कौन हो?” Aarav थोड़ा सतर्क हो गया।
“अरे, मज़ाक मत कर, मैं Joy हूं। Aru का पति,” वो हँसा, “और ये Avi है — हमारा बेटा।”
Aarav चौंका, पर मुस्कराने की कोशिश की।
Joy Avi को उसकी ओर बढ़ाते हुए बोला —
“लो, Avi के अंकल आ गए। Avi, बोलो हेल्लो!”
Aarav ने बच्चे को पहली बार गोद में उठाया।
उसका Alien दिमाग सोच में डूब गया।
> “ये एक इंसानी बच्चा है... क्या ऐसा ही बच्चा मुझे चाहिए? क्या इसे ले जा सकता हूँ? लेकिन प्रोटोकॉल के हिसाब से उसमें मेरा DNA होना चाहिए…”
Avi की आंखें बड़ी-बड़ी थीं। वो उसे टकटकी लगाए देख रहा था।
> "क्या ये मुझे पहचान गया?" Aarav के मन में झटका लगा।
तभी…
छपाक!
Avi की पॉटी सीधे Aarav के हाथ पर गिर गई।
Aarav चीख पड़ा, “ये... ये क्या है? ये तो जहरीला लग रहा है! बदबू! क्या तुम लोग मुझे मारना चाहते हो??”
Joy पेट पकड़कर हँसने लगा,
“अरे नहीं भाई! Dipar पहनाना भूल गया था। तुम्हें पॉटी से कौन मारेगा?”
Aarav का चेहरा पूरी तरह बिगड़ चुका था।
“ये मनुष्यों का हथियार है क्या? ये तरल बम जैसा है!”
Joy हँसी रोकते हुए बोला,
“तुम सच में बहुत फ़नी हो यार।”
तभी बाथरूम से Aru की तेज़ आवाज़ आई,
“क्या हो रहा है यहाँ?! Avi क्यों रो रहा है??”
वो तेजी से बाहर आई और सामने का दृश्य देखकर ठिठक गई — Aarav के कपड़े गंदे हो चुके थे, Joy ज़ोर से हँस रहा था, और Avi मासूमियत से मुस्कुरा रहा था।
Aru ने दोनों को घूरा।
“ये सब क्या तमाशा है?”
Joy बोला,
“तुम्हारा दोस्त अब officially एक uncle बन चुका है!”
Aru ने Aarav को देखा — Alien होने के बावजूद वो पूरी तरह इंसानी अराजकता में उलझा पड़ा था।
Continue......
By Pooja kumari