shri vedik jyotish gyan in Hindi Mythological Stories by Astrodb books and stories PDF | श्री वैदिक ज्योतिष ज्ञान

The Author
Featured Books
Categories
Share

श्री वैदिक ज्योतिष ज्ञान

नीचभंग राजयोग

*वैदिक ज्योतिष में नीचभंग राजयोग क्या होता है, इसका असर और प्रभाव कब, कैसे और क्या होता है, इसके क्या लाभ हैं?*
     
नीचभंग राजयोग वैदिक ज्योतिष का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली योग है। यह योग तब बनता है जब कोई ग्रह नीच राशि में होने के बावजूद उसका नीचत्व भंग (नष्ट) हो जाता है, और वह जातक के जीवन में राजयोग जैसा फल देने लगता है।।

 नीचभंग राजयोग क्या है?

नीचभंग" का अर्थ है – नीचता का भंग होना।
राजयोग" का अर्थ है – राजसी सुख, पद-प्रतिष्ठा, सफलता, उच्च स्थान।

नीचभंग राजयोग तब बनता है जब कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में स्थित होकर भी विशेष परिस्थितियों में अपना नीच प्रभाव खो देता है और शुभ फल देने लगता है।

 नीचभंग राजयोग बनने की प्रमुख शर्तें:

कुंडली मे कोई ग्रह अपनी नीच राशि मे विराजमान हो तो नीच का ग्रह कहते है यदि ग्रह उसकी नीचता को भंग करता है तो नीचभंग राजयोग कहलाता है नीचता निम्न प्रकार से भंग हो सकती है-

■1-यदि कोई ग्रह नीच राशि मे हो ,नीच राशि या उच्च राशि का स्वामी चन्द्र से केंद्र मे हो अर्थात 1,4,7,10 स्थान मे हो नीचभंग राजयोग वनता है

■2- यदि ग्रह नीच राशि मे हो उस राशि के स्वामी की युति या दृष्टी होने पर नीचभंग हो जाता है।

■3- यदि ग्रह नीच राशि मे हो उस ग्रह नीच राशि -उच्च राशि का स्वामी दोनो मे से एक भी चन्द्र से केंद्र मे हो तो नीचभंग हो जाता है

■4-यदि ग्रह नीच राशि का हो उच्च +नीच राशि का स्वामी परस्पर केन्द्र मे हो तो नीच भंग हो जाता है ।

■5- यदि कोई ग्रह नीच राशि मे हो नीच+उच्च राशि के स्वामी दोनो या एक लग्न से केंद्र मे हो तो नीचभंग हो जाता है राजयोग का निर्माण होता है ।

■ 6 - कुंडली में नीच राशि मे विद्यमान हो वह नवांश मे उच्च राशि मे विद्यमान होने पर नीचभंग हो जाता है राजयोग के फल प्रदान करता है।

 नीचभंग राजयोग का असर और प्रभाव:

शुरुआती जीवन में संघर्ष, लेकिन मध्य या उत्तरार्ध में उन्नति, सफलता और सम्मान।

व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठकर स्थिरता, पद और प्रसिद्धि प्राप्त करता है।

जीवन में होनहार, नेतृत्व क्षमता, आत्मबल और संघर्ष से विजय पाने की शक्ति मिलती है।

कई बार यह योग जातक को राजनीति, प्रशासन, व्यापार, या उच्च पद पर पहुँचाता है।

 नीचभंग राजयोग का प्रभाव कब दिखता है?

जब उस ग्रह की महादशा या अंतरदशा आती है।

नीचभंग ग्रह या संबंधित योग का कोई ग्रह गोचर में बलवान होता है।

कुंडली के अन्य ग्रहों और भावों के अनुसार भी समय तय होता है।

उदाहरण:
यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा वृश्चिक (नीच राशि) में है, और मंगल (वृश्चिक का स्वामी) केंद्र में हो, या चंद्रमा पर गुरु की दृष्टि हो – तो नीचभंग हो सकता है। जब चंद्रमा की महादशा या मंगल/गुरु की महादशा आएगी, तब इसका फल मिलेगा।

नीचभंग राजयोग के लाभ:

सामाजिक और पेशेवर जीवन में उच्च सफलता।

बाधाओं को पार करने की अद्वितीय शक्ति।

नेतृत्व, प्रशासनिक या सरकारी पद प्राप्त करने की संभावना।

धन, पद, सम्मान, यश की प्राप्ति।

जीवन में बड़ा बदलाव जो आमतौर पर अचानक और चमत्कारी होता है।

 कुछ जरूरी बातें:

नीचभंग राजयोग को केवल ग्रह की स्थिति से नहीं, बल्कि संपूर्ण कुंडली के अनुसार देखा जाता है।

यदि अन्य योग अशुभ हों, तो यह योग अपना पूर्ण फल नहीं दे पाता।

योग का प्रभाव तब ही आएगा जब उस ग्रह की महादशा -अंतरदशा सक्रिय हो।

नीचभंग राजयोग जन्म कुंडली से ही विचारणीय होता है अन्य वर्ग कुंडली का उपयोग गहराई से अध्ययन के लिए किया जाता है जिसका आधार जन्म कुंडली ही होती है अतः योगो के लिए जन्म कुंडली को ही देखा जाना तर्क संगत है ।

नीचभंग राजयोग के फलस्वरूप प्रारंभ काल मे संघर्ष के बाद उत्तम सफलता प्राप्त होती है राजयोग का फल प्राप्त होता है।

इति शुभ....