Wo pahli Baarish ka Wada - 6 in Hindi Love Stories by Rekha Rani books and stories PDF | वो पहली बारिश का वादा - 6

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वो पहली बारिश का वादा - 6

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🌸 पहला मोड़ – नील और सिया के रिश्ते की उलझन

कॉलेज का माहौल अब बदल चुका था। पहली बारिश की वो जादुई मुलाकात, धीरे-धीरे एक गहरी दोस्ती में बदल रही थी। सिया को लगता था कि नील उसके दिल की हर धड़कन को सुन सकता है। जब भी वो परेशान होती, नील बिना पूछे समझ जाता।

परंतु, रिश्ते सिर्फ महसूस करने से नहीं निभते, कभी-कभी हालात और समाज की अपेक्षाएँ भी बीच में आकर सवाल खड़े कर देती हैं।

सिया मेडिकल की टॉपर थी। उसके माता-पिता चाहते थे कि वह सिर्फ अपने करियर पर ध्यान दे। दूसरी तरफ नील, जो इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था, उसके सपने बहुत बड़े थे—अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना।

एक शाम कैंपस के बगीचे में बैठकर दोनों चुप थे।

"नील, कभी लगता है कि हम दोनों की राहें अलग-अलग हैं?" सिया ने धीमे स्वर में पूछा।

नील ने उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कुराया, "राहें अलग हो सकती हैं, पर मंज़िल तो एक ही होगी... तू और मैं।"

सिया का दिल पिघल गया, मगर उसके भीतर एक डर भी था—क्या उनके सपनों का बोझ उनके रिश्ते को कमजोर कर देगा?


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🌸 दूसरा मोड़ – पहली नज़दीकियाँ

कॉलेज का कल्चरल फेस्टिवल आने वाला था। सिया और नील को एक साथ ड्रामा प्रतियोगिता में चुना गया। कहानी थी—दो प्रेमियों की, जिनकी किस्मत उन्हें बार-बार मिलाती और जुदा करती।

रिहर्सल के बहाने दोनों का वक्त साथ बीतने लगा। मंच पर जब सिया को नील की आँखों में देखकर संवाद बोलना होता, तो वो सच्चाई और अभिनय के बीच का फ़र्क भूल जाती।

एक रात, जब प्रैक्टिस देर तक चली, तो बारिश शुरू हो गई। दोनों छत के नीचे खड़े थे। ठंडी हवा और बारिश की बूंदें जैसे पुराने वादों को याद दिला रही थीं।

नील ने अचानक उसका हाथ थाम लिया—
"सिया, ये सिर्फ नाटक नहीं है... ये हमारी कहानी भी है।"

सिया ने आँखें बंद कर लीं। उसने जवाब नहीं दिया, लेकिन उसके होंठों पर हल्की मुस्कान और आँखों में चमक ने सब कह दिया।


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🌸 तीसरा मोड़ – समाज की बेड़ियाँ

फेस्टिवल में उनका नाटक हिट हो गया। सबने उनकी जोड़ी की तारीफ़ की। लेकिन यही तारीफ़ सिया के घरवालों तक पहुँची, और उनके मन में चिंता बढ़ गई।

सिया के पापा ने एक दिन सख्त लहजे में कहा—
"तुम यहाँ पढ़ाई करने आई हो, न कि लड़कों से दोस्ती करने। हम चाहते हैं कि तुम्हारा भविष्य सुरक्षित हो। नील जैसे लड़के सिर्फ सपनों की बातें करते हैं, हक़ीक़त में कुछ नहीं कर सकते।"

सिया को चोट लगी। उसे गुस्सा भी आया और दुख भी।

वो सोचने लगी—क्या नील सिर्फ सपनों में खोया है? क्या सचमुच उसका भविष्य अस्थिर है?


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🌸 चौथा मोड़ – नील का संघर्ष

नील ने इन तानों को अपने दिल पर लिया। उसने तय किया कि वो सिर्फ सपने देखने वाला लड़का नहीं, बल्कि सच्चाई गढ़ने वाला बनेगा।

वो दिन-रात अपने प्रोजेक्ट पर मेहनत करने लगा। लैपटॉप, किताबें, रिसर्च पेपर्स और नींदहीन रातें—नील अपने आप को साबित करने में लग गया।

लेकिन इस सबके बीच, वो सिया से दूर होने लगा। पहले की तरह देर रात बातें करना, छोटे-छोटे मैसेज भेजना—सब कम हो गया।

सिया बेचैन थी।

एक शाम उसने नील को रोका, "तुम मुझसे दूर क्यों हो रहे हो?"

नील ने गहरी साँस ली—
"मैं तुझसे दूर नहीं हो रहा, सिया। मैं तो तेरे और अपने रिश्ते को इतना मज़बूत बना रहा हूँ कि कोई तोड़ न सके। बस थोड़ा वक्त चाहिए।"

सिया की आँखें भर आईं। उसने पहली बार समझा कि सच्चा प्यार सिर्फ पास रहना नहीं, बल्कि दूर रहकर भी साथ निभाना होता है।


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🌸 पाँचवाँ मोड़ – पहली कसम

वो रात, जब नील ने अपना प्रोजेक्ट कॉलेज के सामने प्रेजेंट किया, सब दंग रह गए। प्रोफेसर तक ने कहा—
"नील, तुम्हारा आइडिया वाकई भविष्य बदल सकता है।"

सिया की आँखों में गर्व था।

प्रेजेंटेशन के बाद नील ने सिया का हाथ थामा और कहा—
"सिया, वादा करता हूँ... चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तुझे कभी अकेला नहीं छोड़ूँगा। ये पहली बारिश में जो रिश्ता शुरू हुआ था, वही मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच है।"

सिया ने मुस्कुराकर उसकी बात पूरी की—
"और मैं वादा करती हूँ कि चाहे कितनी भी आंधियाँ आएँ, मैं तेरे साथ रहूँगी।"


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🌸 छठा मोड़ – एक नई चुनौती

पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जब भी इंसान अपने रिश्ते और सपनों को सँवारने लगता है, ज़िंदगी नई चुनौतियाँ लेकर आती है।

नील को अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ी कंपनी से ऑफर मिला—लेकिन शर्त ये थी कि उसे विदेश जाना होगा, कम से कम तीन साल के लिए।

सिया के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।

नील के लिए ये सुनहरा मौका था, और सिया के लिए सबसे बड़ा डर—जुदाई।

"क्या तू मुझे छोड़कर चला जाएगा?" सिया की आवाज़ काँप रही थी।

नील ने उसकी आँखों में देखा, फिर आसमान की तरफ—जहाँ हल्की-हल्की बारिश की बूंदें गिर रही थीं।

"सिया... मैं वादा करता हूँ, चाहे मैं जहाँ भी रहूँ, तू हमेशा मेरी पहली बारिश रहेगी। ये दूरी भी हमें तोड़ नहीं पाएगी।"

सिया ने आँसुओं के बीच मुस्कुराते हुए सिर हिलाया।
लेकिन उसके दिल में एक नया तूफ़ान उठ चुका था—क्या सचमुच उनका प्यार इन दूरियों को सह पाएगा?


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✅ एपिसोड 6 यहीं समाप्त होता है।
अगला एपिसोड (7) होगा—"जुदाई की बारिश" 🌧️ जहाँ दूरी, तड़प और इंतज़ार उनके रिश्ते को नई परीक्षा में डालेगा।


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Writer: Rekha Rani