Kalyug the upcoming battle in Hindi Motivational Stories by sangeet Kumar books and stories PDF | आज का कलयुग

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आज का कलयुग

आज जो दौर चल रहा है कहते है कि यह कलयुग का प्रथम चरण है कलयुग का पूर्ण रूप अभी बाकि है और वह इससे भी ज्यादा भयंकर व पीडादायक होगा ।

मेरी नजर मे कलयुग का आरंभ हो चुका है और इसका असर आप अपने आसपास देख भी सकते है। आजकल लोग अपने बच्चों और परिवार से ज्यादा अहमियत पैसे,धन-दौलत,प्रॉपर्टी और झूठी शान कमाने पर दे रहे है। लोग इन सबके चक्कर मे अपनों के साथ रिश्ते खराब कर रहे है ।

पति-पत्नी एकसाथ नहीं रह पा रहें है । उनके तलाक हो रहें है और यह आजकल ट्रेंड बन गया हैं कि अपने पति को खुद ही तलाक दो और फिर खुद ही पैसों की माँग करो और पति की मेहनत की कमाई लो और फिर प्रेमी के साथ मजे करो और यही नही कुछ पत्नियाँ तो पैसो के लिए अपनें ही पति का कत्ल करके अपने प्रेमी के साथ खुशी से रह रही है । आए दिन किसी न किसी पति की हत्या कर दी जाती है और न जाने कितनी माताओ को अपने बच्चों से अलग किया जा रहा है। यह कलयुग नही है तो क्या है?

आजकल छोटे बच्चे सोशल मीडिया पर बड़े लोगों से भी ज्यादा एक्टिव रहते है । पेरेंटस बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और बच्चे गलत चीजे सीख रहे है । बच्चों को बताने के लिए की क्या गलत है और क्या सही? उनके पेरेंटस के पास समय ही नहीं है । छोटे-२ बच्चे भी आजकल सोशल मीडिया पर प्यार, बदमाशी की विडियो डालते है और वह सब कुछ अपने से बड़े लोगो को देखकर सीख रहे हैं । बच्चों पर इन सबका बहुत ही गहरा असर पड़ता है लेकिन यह कलयुग है सब अपने-२ काम में व्यस्त हैं कौन किस पर ध्यान देता है ?

यहीं नहीं आए दिन लड़कियो, महिलाओं के साथ बलात्कार व मर्डर जैसी घटनाएँ रूह कपा देती है । आजकल यह सब आम घटनाए है । इसकी रोकथाम के लिए कोई कठोर कानून नहीं बना हैं । भगवान के नाम व उनको भी नहीं छोड़ा आजकल लोगों ने वे भगवान का सहारा लेकर फेमस होना चाहते हैं और हो भी गए है कुछ तो । लोगों की भावनाओं को आहत करके फेमस होना कलयुग नही तो क्या है ?

आजकल बच्चे भी अपने से बड़ों की इज्जत करना मूल गए है । कुछ बच्चे तो अपने माता-पिता की भी इज्जत नहीं करते और उन्हें प्लट कर जवाब देते हैं और आजकल कुछ लोग अपने माता-पता को वृदाश्रम में भेज देते हैं । वे माता-पिता को अपने साथ रखने में हिचकिचाते हैं जबकि उन्होंने ही उसे पालपोषकर इतना बड़ा और इतना काबिल बनाया लेकिन वह बच्चेअपने माता-पिता को बोझ समझते है और उन्हें वृदाश्रम में छोड़ आते हैं । सब अपने माता- पिता से दुर अकेले रहना पसंद करते हैं और जैसे ही उनकी पेंशन या कोई पैसे आते है तो वही बेटा पैसे लेकर चला जाता है और अगर पैसे उसको ना दे तो वह अपने माता-पिता पर भी हाथ उठाने से परहेज नहीं करता । यह कलयुग नहीं तो क्या है ?

अंत में मैं कहना चाहता हूं कि अगर आप ऊपर लिखी चीजो में से एक का भी पालन करते है तो अभी से समझ जाइए और अपने परिवार के साथ मिलकर रहिए क्योंकि एकता में बल होता है और आपका परिवार ही आपको आपके बुरे समय मे सहायता करेगा अन्य कोई नहीं।



Moral :- बुरे कर्म का फल बुरा ही मिलता है ।

आज के युग पर आधारित कुछ बाते :-
लेखक :- संगीत कुमार