Saat fere Hum tere - Secound - 42 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ४२

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ४२

कुछ घंटों तक कोई भी खबर नहीं आई और फिर जो खबर आई उससे विक्की के पैरों तले जमीन खसक गई।
नर्स ने आकर कहा जल्दी चलिए संजना के पास समय बहुत कम है कभी भी कोलेप्स कर सकती हैं।
विक्की दौड़ कर आपरेशन थियेटर गया और वहां संजना मौत के मुंह पर थी।
विक्की संजना का हाथ पकड़ लिया और बोला संजू तुम्हें कुछ नहीं होगा?
संजना ने हंस कर कहा अब अलविदा कहने का समय आ गया विक्कू मेरी बच्ची का ख्याल रखना हां!बस इतना कह कर संजना ने हमेशा के लिए आंख बंद करके चली गई इस दुनिया से।
विक्की ने चिल्लाते हुए कहा डाक्टर, प्लीज़ देखो।
डाक्टर, नर्स वहां आकर देखा तो सब कुछ थम चुका था।बी पी मशीन भी एक ही आवाज कर रही थी।
डाक्टर ने संजना का पल्स रेट देखा और फिर दिल की धड़कन देखा तो सब कुछ शांत हो गया था।
डाक्टर ने कहा आई एम् साॅरी। मैं कुछ नहीं कर सका।।
नर्स ने कहा आपरेशन होने के तुरंत बाद ही संजना को दर्द शुरू हो गया था और फिर जैसे ही इंजेक्शन दिया गया तो बस हार्ट बीट कम हो गया था।
विक्की रोते हुए कहा अरे ये कैसा इन्साफ किया भगवान तूं ने।।

कुछ देर बाद ही डाक्टर ने संजना की पार्थिव शरीर को विक्की को सौंप दिया और फिर डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया।
अनिक और विक्की संजना की पार्थिव शरीर को लेकर अपने बंगले में आकर गए।
विक्की चिल्लाने लगा और फिर बोला क्या सोच कर संजना को शादी किया था मैंने।
विक्की की आवाज सुनकर सारा दौड़ कर नीचे पहुंच गई।
और देखा कि संजना का शरीर जमीन पर रखा गया था।
अनिक जल्दी से माला फुल लेकर आ गया।।
कुछ देर बाद संजना को एक दुल्हन की तरह सजा दिया गया पंडित जी भी आ गए थे उन्होंने कहा विक्की तुम फिर से संजना की मांग भर दो।सुहागन चली गई वो।।
विक्की रोते, रोते संजना का मांग पुरा सिन्दूर से भर दिया और फिर हमेशा, हमेशा के लिए विदा करने की सारी तैयारियां शुरू हो गई।
माया बार,बार फोन कर रही थी आखिर विक्की ने फोन उठाया और फिर बोला दीदी सब कुछ खत्म हो गया डाक्टर भी मेरी संजना को नहीं बचा पाए।
माया ने कहा हौसला रख मेरे भाई तेरे पास तो संजना की निशानी है प्यार की।।
विक्की ने कहा हां दीदी पर मैं अकेले कैसे सम्हाल पाऊंगा उस नन्ही परी को।।
माया ने कहा कल हम लोगों पहुंच रहे हैं।
अनिक ने कहा विक्की अब संजना को अंतिम विदाई के लिए ले जाना होगा पंडित जी का कहना है ज्यादा देर नहीं करना चाहिए।
विक्की ने कहा हां ठीक है चलो।
फिर कुछ देर बाद विक्की के फौजी दोस्त भी आ गए और सब बहुत ही अफसोस कर रहे थे कि अचानक ये सब कैसे हो गया?
फिर सब निकल गए।
सारा खड़ी , खड़ी रोने लगी और फिर वो संजना के कमरे में जाकर नन्ही परी को गोद ले लिया और फिर उसे प्यार करने लगी और फिर बोली बेटा तुम तो मासुमियत से देख रही हो? तुम को तो कुछ भी पता नहीं कि तुम्हारी मां कहां चली गई?
सारा रोने लगी तो राधिका ने कहा अरे बाबा रो नहीं छोटी बेबी देख रही है और फिर मैडम को बहुत तकलीफ़ हो रही थी और उसे आराम नहीं मिल रहा था उसे तो मुक्ति मिल गई।
भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
उधर श्मशान घाट पर बहुत ही अच्छे से संजना का दाह संस्कार हो गया और फिर विक्की अनिक वापस आ गए और फिर सब नहाकर साफ वस्त्र पहनकर एक जगह बैठ गए।


सारा और ऐना मिल कर सबको मिठाई और शर्बत पीने को दिया।
फौजी भाई लोग सब विक्की को सांत्वना दें कर चलें गए।।

विक्की पुरी तरह से टूट गया था और फिर सारा ने कहा भाई चलो अब चलते हैं सो जाते हैं।
आज रात सारे लोग भाई के रूम में सोएंगे।
विक्की पुरी रात संजू की फोटो को अपने दिल से लगा कर जाग रहा था अपने बचपन की दोस्ती को याद करते हुए कहा कि अगर हम दोस्त रहते तो शायद अच्छा होता क्योंकि शादी करके तो उसे खो दिया मैंने!!
शायद दोस्ती निभा पाता, प्यार और शादी नहीं।।
हे भगवान! ये कैसा इन्साफ किया आपने पहले नैना को ले लिया और अब संजू को भी।
ऐसे ही सुबह हो गई और फिर बेबी के रोने की आवाज से विक्की,अनिक और सारा उठ गए और फिर तीनों मिलकर चुप कराने की कोशिश करते रहे पर बेबी तो एक मिनट के लिए भी चुप नहीं हो रही थी।
फिर राधिका ने ही दुध का बोतल लेकर आ गई और बोली कि अब बेबी को दुध पिलाना होगा।
राधिका ने बेबी को गोद ले लिया और फिर दुध का बोतल बेबी के मुंह में डाल दिया।
और फिर दुध का बोतल खाली होते ही बेबी सो गई।
विक्की और अनिक ये सब नजारा देखते रहे।
सारा भी खुश हो गई।
फिर दोपहर तक सागर, माया बेटा सब आ गए

फिर काफी देर तक रोना धोना चलता रहा।।

फिर शाम होते ही सब एक साथ बैठ कर बस संजना की बात करने लगे और फिर एक, एक दिन निकलने लगा और फिर ग्यारह दिन बीत गए।
पंडित जी ने कहा कि जो भी हो पुजा और श्राद्ध विक्की को ही करना होगा।
विक्की ने कहा हां मुझे ही सब कुछ करना होगा मैं संजना को शान्ति प्रदान करना चाहता हूं।
फिर सब कार्य अच्छी तरह से हो गया।।
भोज के लिए सभी फौजी भाई आएं थे और फिर सब विक्की को गले लगा कर बोलें कि भगवान ने बहुत बुरा किया तुम्हारे साथ ऐसा किसी के साथ न करें।।
विक्की के आंखों से आंसु बहते जा रहें थे।।
सारा अपने गोद में बेबी को लेकर बैठ गई।

फिर इसी तरह एक महीने बीत गए।
पर विक्की के लवों पर संजू, संजू को पुकारना नहीं भुल पाया उसे लगता कि संजू तो है बस यही कहीं होगी?
माया अपने बेटे और संजना की बेटी को सम्हाल लिया था पर कितने दिन सम्हाल पाएंगी?
सागर ने कहा अब हमें वापस जाना होगा।
विक्की ने कहा हां और क्या आप लोगों को तो जाना होगा ही!
मैं सब कुछ देख लुंगा, भगवान ने जो दुःख दिया है उससे कैसे निकलना है।।

सागर ने कहा परसों हमारा फ्लाइट है!!
माया रोने लगी और फिर बोली भाई मुझे भी जाना होगा।
विक्की ने कहा हां दीदी, राधिका तो है ना आप चिंता मत करो।
अनिक ने कहा हां, मैं हुं ना सब ठीक हो जाएगा मेरा मन कुछ दस्तक दे रहा है।।
विक्की ने हंसते हुए कहा अरे बाबा अब क्या?
अनिक ने कहा हां, पता नहीं क्यों कुछ अच्छा होने वाला है शायद मुझे ऐसा फिलिंग हो रहा है।
फिर इसी तरह से माया भी वापस इंडिया चली गई।
कहते हैं जिंदगी किसी अपने के जाने से रूकती नहीं और मरती नहीं है बस जिंदगी है चलती रहती है रुकती नहीं।।


जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी।।

विक्की और सारा अपनी बेबी को लेकर खेलने लगें।
सारा बुआ ने कहा कि अले बाबा!
विक्की ने कहा पता है इसका एक नाम देना होगा ?नायेरा नाम कैसा रहेगा?
अनिक ने कहा हां अच्छा है।

क्या होगा अब क्या विक्की का अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ेगा?
क्या कोई आयेगा विक्की के जीवन में उसका सारा दुख अपना लेंगी।।

जानने के लिए अगला अध्याय जरूर पढ़ें।
क्रमशः