💖 दो दिलों का सफर 💖
♥ दो दिलों की मुलाकात ♥
(एक तस्वीर, एक कहानी, और दो दिल...)
पुराने पहाड़ी शहर की बारिश भरी एक सुबह थी। कोहरे में ढकी गलियों में सन्नाटा पसरा था, और हल्की-हल्की बारिश किसी कविता की तरह गिर रही थी। एक पुरानी-सी कॉफी शॉप की खिड़की के पास बैठा था अर्जुन — एक पेशेवर फोटोग्राफर, जो हर दृश्य को एक कहानी की तरह देखता था। उसका कैमरा सिर्फ तस्वीरें नहीं, एहसास पकड़ता था।
उसी कॉफी शॉप में दाखिल हुई आर्या — एक साधारण-सी लड़की, अपनी डायरी लिए, अपने शब्दों की दुनिया में खोई हुई। वो अक्सर यहां आकर लिखती थी — बारिश, खामोशी, और कॉफी की खुशबू उसकी रचनात्मकता को चुपचाप जगाती थी।
वही पर कॉफी शॉप में अर्जुन और आर्या की मुलाक़ात हुई।
अर्जुन, एक पेशेवर फोटोग्राफर, अपने कैमरे के पीछे से दुनिया को महसूस करता था।
आर्या, एक साधारण-सी लड़की, जिसकी ख्वाहिश थी कि उसके शब्द किसी की रूह तक उतर जाएँ।
आर्या उस दिन अपनी डायरी लेकर कॉफी शॉप आई थी — जैसे अक्सर आती थी। अर्जुन खिड़की के पास बैठा बारिश की तस्वीरें खींच रहा था।
जब उसकी नज़र आर्या पर पड़ी, वो एक पल को ठहर गया।
वो उसके पास गया और बोला,
"माफ कीजिए... आपकी मुस्कान को कैमरे में कैद करना चाहता हूँ। ये... कुछ अलग है।"
आर्या मुस्कुराई,
"कैमरे में कैद होकर मैं भी अलग दिखूँगी?"
"नहीं," अर्जुन ने कहा, "जैसी हैं, वैसी ही रहिए। बस दुनिया को भी दिखाना है कि सादगी में सबसे ज़्यादा खूबसूरती होती है।"
इस कहानी को प्यार से भरने के लिये #Gautam Suthar कुछ कहानी को भावनात्मक रूप से आगे बढ़ाता है–
♦ दो दिलों का सफर ♦
आर्या ने हँसते हुए हामी भर दी।
वहीं से उनका सफर शुरू हुआ — चुपचाप, लेकिन भीतर कुछ बदलता हुआ।
अर्जुन उसे शहर के सबसे खूबसूरत और शांत जगहों पर ले जाने लगा। वो तस्वीरें खींचता, और आर्या हर तस्वीर के पीछे एक कहानी बुनती।
एक दिन आर्या ने अर्जुन को एक कागज़ थमाया।
"ये क्या है?" अर्जुन ने पूछा।
"हमारी कहानी..." उसने मुस्कुराकर कहा, "तुम्हारी तस्वीरों में मैंने जो महसूस किया, उसे शब्दों में उतारा है।"
अर्जुन ने पढ़ना शुरू किया — हर पंक्ति उसके दिल को छू रही थी। उसे अहसास हुआ कि उसकी खामोशी को किसी ने पहली बार समझा है। वो शब्दों में अपना प्रतिबिंब देख रहा था।
वक़्त बीतता गया। फिर एक शाम, जब सूरज हल्के बादलों के पीछे छिप रहा था, और हवा पेड़ों को धीमे-धीमे झुला रही थी — अर्जुन ने घुटनों पर बैठकर पूछा:
"क्या तुम मेरी ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत तस्वीर बनोगी?"
आर्या की आँखें भर आईं | आर्या की आंखों से आंसु बह निकले ,वो आंसु खुशी के थे |
"मैं तो कब से तुम्हारी कहानी बनना चाहती थी," उसने धीमी से कहा।
उनकी शादी बेहद सादगी से हुई — ना कोई तामझाम, ना कोई दिखावा। सिर्फ करीबी दोस्त, कुछ तस्वीरें, ढेर सारा प्यार, और एक डायरी में दर्ज होती नई शुरुआत।
आज भी, अर्जुन और आर्या साथ रहते हैं — एक कैमरा और एक डायरी के साथ। वो जगह-जगह घूमते हैं, तस्वीरें लेते हैं, और कहानियाँ लिखते हैं।
"दो दिलों का सफर" सिर्फ एक कहानी नहीं है — ये उन दो रचनात्मक आत्माओं की यात्रा है, जिन्होंने एक-दूसरे में अपना रंग पाया।
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