ek chingari: pyar or saazish ki dastaan in Hindi Love Stories by Meenakshi Gupta mini books and stories PDF | एक चिंगारी: प्यार और साजिश की दास्तान

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एक चिंगारी: प्यार और साजिश की दास्तान



एक चिंगारी: प्यार और साजिश की दास्तान

हरीपुर गाँव में, जहाँ खेत हरे-भरे थे और हवा में मिट्टी की सौंधी खुशबू घुली रहती थी, वहाँ दो दिल ऐसे मिले जिनकी धड़कनें एक-दूसरे के लिए ही बनी थीं. उसका नाम था अमन, जो गाँव का सबसे होनहार और मेहनती लड़का था. उसके माता-पिता बेहद साधारण परिवार से थे और बड़ी मुश्किल से घर चलाते थे. अमन ने अपनी मेहनत से पढ़ाई की थी और गाँव में ही एक छोटी-मोटी नौकरी करता था. और वो थी प्रिया, जिसके पिता गाँव के सबसे बड़े ज़मींदार और अमीर व्यक्ति थे. प्रिया के पास वो सब कुछ था जो एक इंसान ख्वाबों में देखता है – आलीशान घर, नौकर-चाकर और शहर की बेहतरीन शिक्षा. उसकी हँसी में फूलों सी ताज़गी थी और आँखों में सपनों की चमक. दोनों एक-दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते थे, ऐसी मोहब्बत जिसे देखकर गाँव के बड़े-बूढ़े भी मुस्कुरा देते थे. उनकी प्रेम कहानी बिल्कुल उस शांत झील की तरह थी, जिसमें चाँद की रोशनी उतरती हो – पवित्र और खूबसूरत.
लेकिन हर प्रेम कहानी की अपनी चुनौतियाँ होती हैं. अमन और प्रिया की भी थी. उनके परिवारों के बीच अमीर और गरीब की दीवार इतनी ऊँची थी कि उसे पार करना नामुमकिन सा लगता था. प्रिया के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी किसी बड़े और पैसे वाले परिवार में हो, जो उनके रुतबे के बराबर हो. अमन के माता-पिता को भी डर था कि प्रिया के अमीर परिवार से रिश्तेदारी उन्हें और मुश्किलों में डाल देगी और प्रिया के परिवार के पैसे रुतबे के लिए अमन उनका अपना बेटा उनसे दूर चला जाएगा , वो सिर्फ प्रिया का पति ही बनकर रह जाएगा और अपने माता पिता घर परिवार को भूल जाएगा . जब अमन और प्रिया ने अपने घरवालों को अपने प्यार के बारे में बताया, तो जैसे गाँव में तूफान आ गया. अमन के माता-पिता ने कहा, "बेटा, वो लोग बहुत बड़े हैं. हम उनके सामने कहाँ टिकेंगे? ये रिश्ता नहीं हो सकता!" प्रिया के घरवालों ने भी साफ कह दिया, "हमारी बेटी किसी मामूली लड़के से शादी नहीं करेगी. ये हमारे खानदान की इज्जत का सवाल है!"
मगर प्यार कब ऐसी बातों को मानता है? अमन और प्रिया ने फैसला कर लिया था कि वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते. कई रातें उन्होंने जागकर गुजारीं, घंटों तक एक-दूसरे को समझते रहे, और अंततः एक दिन उन्होंने अपने परिवारों के खिलाफ जाकर शादी करने का फैसला कर लिया. गाँव के पास के मंदिर में, कुछ करीबी दोस्तों की मौजूदगी में, उन्होंने सात फेरे लिए और हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए.
उनकी शादी की खबर सुनकर दोनों परिवारों पर बिजली गिर गई. यह उनके लिए अपमान और विद्रोह का चरम था. उनके प्यार को देखकर उन्हें खुशी नहीं हुई, बल्कि उनके दिल में गुस्सा और बदला लेने की भावना भर गई. उन्हें लगा कि उनके बच्चों ने उनकी इज़्ज़त नीलाम कर दी है. एक दिन अमन के पिता और प्रिया के चाचा, जो कभी एक-दूसरे से बात तक नहीं करते थे, गाँव के चौक पर मिले. उनके चेहरों पर एक ही भाव था – अपने बच्चों को सबक सिखाने की ज़िद. उन्होंने मिलकर एक षड्यंत्र रचा. उनका मकसद था अमन और प्रिया को अलग करना, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े.
उन्होंने धीरे-धीरे अमन और प्रिया के मन में एक-दूसरे के प्रति शक का बीज बोना शुरू किया. 
अमन और प्रिया के घरवाले अमन और प्रिया से मिलने आते और मीठी-मीठी बातें करते हुए उन दोनों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने का काम करते। कभी प्रिया के मन में ये बातें भरी जाती की प्रिया अपनी अमीरी की जिंदगी छोड़कर अमन के लिए गरीबी में आती है तो अमन को एहसानमंद होना चाहिए प्रिया का , प्रिया का परिवार भी प्रिया को कभी कुछ  सामान कभी कुछ पैसे देते अपने प्यार और आशीर्वाद के रूप में लेकिन अकेले देखकर अमन को ताने मारते प्यार के तरीके से, जिससे उसका आत्मसम्मान चोटिल होता ।वहीं अमन के परिवार वाले भी अमन को भड़काने में लगे रहते, कभी कहते प्रिया को रईसी की आदत है वो अमन से शादी करके पछता रही है।
अलग अलग तरीकों से दोनों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काया जाने लगा 
ये बातें एक चिंगारी की तरह काम कर रही थीं. शुरुआत में तो अमन और प्रिया ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब रोज-रोज, अलग-अलग तरीकों से उनके कानों में ज़हर घोला जाने लगा, तो उनके मन में अनजाने में ही एक छोटा सा शक पैदा हो गया.
अमन और प्रिया, जो कभी एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे, अब छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लगे. उनका प्यार फीका पड़ने लगा था. पहले जहाँ विश्वास का एक मजबूत बंधन था, वहाँ अब शक की एक पतली चादर बिछ गई थी. परिवार वालों की साज़िश इतनी गहरी थी कि उन्होंने अमन के फोन में प्रिया के नाम से कुछ आपत्तिजनक मैसेज भेज दिए, और प्रिया के फोन में अमन के नाम से. ये सब उनके रिश्ते को तोड़ने के लिए काफी था. अमन और प्रिया ने जब ये मैसेज देखे, तो उन्हें लगा कि उनका जीवनसाथी उन्हें धोखा दे रहा है. उनके बीच लड़ाई-झगड़े इतने बढ़ गए कि एक दिन अमन ने गुस्से में कह दिया, "शायद हमारी शादी एक गलती थी!" प्रिया भी गुस्से में बोल पड़ी, "हाँ, शायद यही सच है! अब मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती!"
रिश्ते में दरार इतनी बढ़ गई कि बात तलाक तक पहुँच गई. दोनों ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दे दी. जब वे पहली बार जज के सामने पेश हुए, तो उनके चेहरे पर उदासी और बेबसी साफ दिख रही थी. जज, श्रीमान गुप्ता, एक अनुभवी और समझदार व्यक्ति थे. उन्होंने ऐसे कई मामले देखे थे जहाँ परिवारों की दखलअंदाजी ने खुशहाल रिश्तों को तबाह कर दिया था. उन्हें अमन और प्रिया का मामला कुछ अलग लगा. उनके चेहरे पर अभी भी एक-दूसरे के लिए छिपा हुआ प्यार साफ दिख रहा था, लेकिन उनके बीच की कड़वाहट भी गहरी थी.
कई सुनवाइयाँ हुईं, वकील बहस करते रहे, लेकिन जज गुप्ता ने ध्यान से अमन और प्रिया की बातों को सुना. उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि उनके बीच का झगड़ा सिर्फ एक गलतफहमी या परिवार की साज़िश का नतीजा है. आखिरी सुनवाई से पहले, जज गुप्ता ने एक असामान्य फैसला लिया. उन्होंने अमन और प्रिया को अपने चैंबर में बुलाया. उन्होंने कहा, "मैं आज आप दोनों को अकेले में कुछ समझाना चाहता हूँ."
चैंबर में, जज गुप्ता ने शांत लहजे में उनसे बात की. उन्होंने कहा, "आप दोनों एक-दूसरे से बेपनाह प्यार करते थे, ये आपकी आँखों में आज भी दिखता है. लेकिन आप दोनों के बीच जो दूरी आई है, वह आपके परिवारों द्वारा बोए गए शक के बीज का नतीजा है. क्या आप वाकई एक-दूसरे को छोड़ना चाहते हैं, या आप अपने परिवार की ज़िद के आगे झुक रहे हैं?"
अमन और प्रिया ने एक-दूसरे की ओर देखा. जज की बातों में सच्चाई थी. उन्हें याद आया कि कैसे उनके परिवार वालों ने धीरे-धीरे उनके मन में एक-दूसरे के प्रति गलत धारणाएँ पैदा की थीं. अमन को याद आया कि उसकी माँ ने कैसे प्रिया के चरित्र पर सवाल उठाए थे, और प्रिया को याद आया कि उसके पिता ने कैसे अमन की वफादारी पर शक पैदा किया था. उनकी आँखों में आँसू आ गए. उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. उन्होंने एक-दूसरे को माफ कर दिया और एक बार फिर से अपने प्यार को एक मौका देने का फैसला किया.
अदालत से बाहर आकर अमन और प्रिया ने अपने परिवार वालों के सामने एक बड़ा फैसला लिया. उन्होंने कहा, "हमने फैसला कर लिया है. हम एक-दूसरे के साथ रहेंगे, लेकिन अब हम आपसे दूर रहेंगे." उन्होंने अपने गाँव और परिवारों को छोड़कर एक नए शहर में एक नया जीवन शुरू करने का फैसला किया.
उन्होंने एक छोटे से किराए के घर में अपनी नई दुनिया बसाई. अमन को एक अच्छी नौकरी मिल गई और प्रिया ने भी अपने लिए कुछ काम ढूँढ लिया. उन्होंने धीरे-धीरे एक-दूसरे का सहारा बनकर अपने रिश्ते को फिर से मजबूत किया. उन्होंने सीखा कि असली परिवार वो नहीं होता जो खून के रिश्ते से जुड़ा हो, बल्कि वो होता है जो मुश्किल समय में साथ दे और विश्वास रखे. उनकी छोटी सी दुनिया में प्यार, विश्वास और सम्मान का एक नया अध्याय शुरू हुआ. उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब प्यार सच्चा हो, तो कोई भी साजिश उसे तोड़ नहीं सकती, और एक छोटी सी चिंगारी भी पूरे अँधेरे को रोशन कर सकती है.
उम्मीद करती हूं कि ये कहानी आप सभी पाठकों को पसन्द आए 🙂
कृप्या अपनी बहुमूल्य समीक्षा अवश्य दें और आप चाहे तो मुझे फॉलो भी कर सकते हैं 
धन्यवाद 🙏