Jagya lost his Veera in Hindi Thriller by Ud5duf7 Jfydu books and stories PDF | जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा

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जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा

एक काली रात के अंधेरे के साये मे पंजाब का एक प्रसिद्ध शहर "अमृतसर" का आधे से ज्यादा हिस्सा सोया पड़ा था। शहर के बाहर की ओर थोडी ही दूरी पर सुनशान सड़क पर बरसो से बंद पड़ी फैक्टरी मे भी आधी रात को हलचल हो रही थी। वह फैक्टरी गैर-कानूनी कामों के लिए फैमस् थी। सभी को पता है कि फैक्टरी में ग़लत काम होते हैं। पर फिर भी कोई प्रशासन वाला या कोई अन्य उस फैक्टरी में हो रहे काम पर कोई ऐक्शन नहीं लेता।
 उस रात, फैक्टरी के भीतर 12-13 ट्रकों में गैर कानूनी सामान की लोडिंग हो रही थी। वहीं पास में खड़ा एक शख्स, जो हर चीज पर, हर वस्तु, हरेक शख्स पर जो वहाँ काम कर रहे थे,
उन पर अपनी दृष्टी बनाए हुए था। जिसका नाम है मिर्जा । मिर्जा, वहाँ काम कर रहे हरेक आदमी को जल्दी से जल्दी काम खत्म करने को कहता है और दवाब बनाता है। बारी बारी से, एक-एक ट्रक फैक्टरी से बाहर चले जाते हैं। जो लोग वहाँ काम कर रहे थे। वे भी सभी वहाँ से चले जाते है। सभी लोगो के जाने के बाद मिर्जा अपनी जेब से फोन निकाल कर एक काॅल कर कहता है, "सामान यहाँ से चल दिया है। संम्भाल लेना"। इतना कह कर मिर्जा भी वहाँ से चल देता है। फैक्टरी बंद हो जाती है। मानो जैसे वहाँ कोई है ही नहीं। मिर्जा पैदल पैदल सड़क के किनारे चलता हुआ शहर की ओर बढ़‌ता जाता है। धीरे-२ एक-एक कर शहर की जगमगाती लाईटस बंद हो जाती थी। मिर्जा शहर तक पहुंचता भी नहीं था कि पूरा शहर अंधेरे मे समा जाता है। उसी अंधेरे में मिर्जा आगे बढ़ा चला जाता

अगली सुबह धीरे धीरे सूरज चढ़ने के साथ-२ बाज़ार की दुकाने खुलने लगती है। हर कोई अपनी दुकान खोल उसमे झाडू पोछ करता है। बाज़ार की भीड़ धीरे-२ बढ़ने लगती है। वाहनों का शौर कानो में पड़ने लगता है। उसी बाजार में घुमता हुए एक २०-२२ साल का जवान लड़‌का, नेपाली लड़का घुम रहा था। उसके हाथ में एक तकीया था। जिसे लेकर वह एक गिफ्ट गैलरी में जाता है। दूकान का मालिक दूकान की सफाई कर धूप बत्ती करता है। धूप बत्ती करता हुआ दु‌कान का मालिक उसके पास आता है और इशारे में पूछता है।

दुकानदार – हाँ, भाई... क्या चाहिए.

रामफल - उउउ.... दुकानदार जी, मुझे एक आईशा टाकिया (ऐसा तकीया) चाहिए।

रामफल हाथ में लिए एक तकिए की ओर इशारा कर कहता है। लेकिन भाषा में नेपाली गुण होने के कारण दुकानदार समझता है कि वो आईशा टाकिया जो अभिनेत्री है, उसे माँग रहा है। दु‌कानदार थोड़ा अकड और रोब से कहता है।

दुकानदार - कैटरीन कैफ ना देदू , तुझे....

रामफल - उउउ... मुझे ना कैटरीना चाहिए, ना मुझे करीना चाहिए। मुझे तो बस आईशा टाकीया चाहिए।

उसे सुनने के बाद दुकानदार उसे एक टक देखकर कहता है।

दुकानदार - भाग...। यहां से भाग....

रामफल उउउ.... टाकिया....

दुकान दार - भाग जा यहाँ से.....

दुकानदार पूरे गुस्से में उस लडके पर चिल्लाता है।

दुकानदार - आया बड़ा आईशा टाकिया का लगता। यहाँ अपनी setting खराब हुई पड़ी है और तु..... चल भाग।

रामफल दुकान से चला जाता है।

वहाँ से आने के बाद रामफल सीधा एक फौजी कर्नल के घर जाता है। रामफल कर्नल के घर का नौकर है। जो उसके घर पर झाडू पौछा, खाना व बर्तन आदि का काम करता है।

बाजार से आने के बाद रामफल कर्नल के घर की ओर जा रहा था। वह नाचता गाता हुआ जाता है। अपनी मस्ती में वह गुनगुनाते हुए ओर सिर हिलाते हुए चलता हैं। जैसे ही वह कर्नल के घर मे घुसने लगता है तो उसे आशा की आवाज सुनाई दे जाती है। वह बोल रही थी, चिल्ला रही थी। आशा कर्नल की एक लौती बेटी है। उसका मन हमेशा videography, instagram, vlog or house tour, जैसे कामों में लगा रहता है। आज वह अपने Room tour की video बनाने के लिए तकीया लाई थी। जो रामफल पहले ही ले जा चुका था। आशा तकिया पूरे घर मे ढूँढ चुकी थी। अपनी माँ से भी पूछ चुकी थी। मगर उसे तकिया कहीं नहीं मिलता, पूरे घर में ढूढने पर भी। रामफल बाहर खड़ा चुप चाप सारी बाते सुनता है। तकीये का नाम सुनते ही वह जो तकीया हाथ में लिए था, पड़ोसी के घर फेंक देता है। और खुद चुप-चाप घर में घुसता है। दबे पाँव आने के बाद भी वह आशा की नजरों से बच नहीं पाता। वह उसे घर में चुपके से घुसता देख लेती है। आशा गुस्से में उसकी ओर जा कर उसे गुस्से में कहती है।

आशा - आ गया चोर..... रामफल बड़ी हैरानी और खुले मुह के साथ आशा की माँ को देखता है। आशा की माँ, आशा को समझाती कि किसी को ऐसा कुछ नहीं बोलते।
आशा - आप चुप रहिए। आपको कुछ नहीं पता.... ये सारा दिन घर में इधर-उधर मुह मारता रहता है। इसी ने चुराया होगा मेरा तकिया।

इतना कह कर आशा रामफल की घुरते हुए कहती है। 
आशा - कहाँ है मेरा तकिया......अगर मुझे मेरा तकीया नहीं मिला तो मै तुझे नहीं छोडूगीं। चोर कहीं के...

आशा रामफल को चोर-२ कहती है। तो ये रामफल को अच्छा नहीं लगता। इस बात से रामफल नाराज हो जाता है। वह आशा की माँ को कहता है।
रामफल - उउउ... बीबी जी, आपकी बेटी ने मुझे चोर कहा है और आपके सामने कहा। आपने कुछ नहीं कहा..... आपके सामने मेरी बेज्जती हुई है। मै इस घर में नहीं रहूँगा... जय पशुपतिनाथ। 
पशुपति का जयकारा लगा कर रामफल घर से चला जाता है। आशा की माँ उसे रोकती भी है। पर, वह रुकता नहीं और वह घर छोड़ कर चला जाता है।