कहानी 10 लोगों की है, जिनमें 5 लड़के और 5 लड़कियां हैं। ये सभी दोस्त शहरों से पढ़ाई के लिए नागपुर आए थे। उन्होंने नागपुर के एक प्रसिद्ध कॉलेज में एडमिशन लिया। 10 लोगों में 5 कमरे मिले। सभी एक-दूसरे के प्रेमी थे, लेकिन विजय और अमृता को खुद भी यह नहीं पता था कि वे प्यार करते हैं या नहीं। वे सब अपने-अपने कमरे की तरफ जाने को तैयार थे। उनका कमरा थोड़ा दूर था, एक छोटा सा गांव था। वे सभी एक गाड़ी में निकले और रास्ते में राधा को काले कपड़े पहने हुए एक रहस्यमय व्यक्ति को अपने बाजू से गुजरते हुए देखा। राधा जोर से चिल्लाई, और गाड़ी रोक दी। सब ने पूछा, "क्या हुआ?" राधा बोली, "वहां से कोई गया था।" सब ने कहा, "यह तुम्हारा वहम होगा। चलो, जल्दी से अपने कमरे पर पहुंचो।"उनका रूम तो ठीक था, पर उस घर के पीछे एक शमशान भूमि थी, जहां 60-70 कब्रें थीं। राधा को ऐसा लगा कि कोई उन्हें देख रहा है। वह चुपके से मनीष से कहती है, "हमें कोई देख रहा है।" मनीष बाहर जाकर देखता है, लेकिन बाहर कोई नहीं था। वह राहत की सांस लेते हुए अंदर आकर कहता है, "बाहर कोई नहीं है, तुम सो जाओ।" फिर सभी सोने चले गए, लेकिन राधा को रात भर नींद नहीं आई। वह सारी घटनाओं के बारे में सोच रही थी।अगली सुबह, सभी दोस्तों ने कॉलेज जाने के बाद शॉपिंग करने का प्लान बनाया। शॉपिंग करते-करते रात हो गई। तभी अजय बोलता है, "चलो, रात हो चुकी है, सब गाड़ी में बैठो।" सभी गाड़ी में बैठते हैं और वापस लौटते हैं। अचानक, गाड़ी के सामने एक कौवा सीसे से टकराकर मर जाता है। यह देखकर राधा बोलती है, "इस गांव में कुछ तो गड़बड़ है।" राज बोलता है, "गड़बड़ नहीं है, कौवे को अंधेरे में कुछ दिखा नहीं, इसीलिए वह मर गया।"उस कौवे को एक तरफ गाड़ कर वे सभी अपने घर लौटते हैं। घर पहुंच कर सभी फ्रेश होते हैं और सामान एक तरफ रखकर खाना खाने बैठ जाते हैं। तभी राधा बोलती है, "दोस्तों, तुम्हें नहीं लगता इस गांव में कुछ गड़बड़ है?" सब पूछते हैं, "क्या गड़बड़ है?" राधा बोलती है, "पहली रात को किसी ने मुझे देखा, फिर घर के पास कोई झांका। अभी कौवा मारा गया और..." मनीष बोला, "ऐसा कुछ नहीं है, राधा, डर मत। अभी सो जाओ।"तभी विजय और अमृता रुकते हैं। विजय बोलता है, "तो फिर तुम क्या बातें कर रही थी राधा? तुम डर गई थी, न?" अमृता बोली, "मैं नहीं डरी। क्या तुम डर गए हो, विजय?" विजय बोला, "नहीं, मैं नहीं डरा।" फिर अचानक जंगल से एक कौवा जोर से चिल्लाता है। वह कौवा काले कपड़े वाले एक इंसान के पास जाता है, जो जिंदा इंसान को कच्चा खा रहा था। उसके पास एक काले सोने से बनी तलवार थी।तभी राधा की दोस्त पायल और वैष्णवी आधी रात को 2 बजे उठ जाती हैं क्योंकि उन्होंने राधा की बातें सुनी थीं। वे सो नहीं पा रही थीं, तो दोनों रात में मैगी बना कर छत पर जाकर खाती हैं। तभी पायल का ध्यान शमशान भूमि की ओर जाता है, और वह वैष्णवी से कहती है, "वहां से कोई हमें देख रहा है।" वैष्णवी कहती है, "हां, हमें कोई देख तो रहा है।" फिर पायल कहती है, "हम उसे चुपके से पकड़ते हैं।"वे दोनों बहुत सोचने के बाद, छत पर दो गद्दे रखकर सभी को बुलाकर शमशान भूमि पहुंचती हैं। वहां वह इंसान रोता हुआ दिखाई देता है। सब डरते हैं, लेकिन राज आगे बढ़कर उससे पूछता है, "तुम कौन हो?" आदमी डरते हुए कहता है, "मैं अपनी फैमिली से मिलने आया था।" राज पूछता है, "यह तुम्हारी फैमिली थी क्या?" आदमी कहता है, "नहीं, इन में से मेरा घर के तीन लोग हैं, मेरा बेटा, बेटी और पत्नी।" राज पूछता है, "तुम इतनी रात को क्यों आए हो?" आदमी बोलता है, "मैं भी उनके हाथों मरने आया था।" राज फिर पूछता है, "किसके हाथों?" आदमी कुछ नहीं बताता और गाड़ी लेकर भाग जाता है।