**मैं शादी क्यों नहीं करना चाहता
एक सच्चा, लेकिन अनकहा कारण**
"मेरे पेरेंट्स चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं।
लेकिन मैं यह नहीं कर सकता।"
ये एक बहुत संवेदनशील स्थिति है, और आपकी भावनाएं पूरी तरह से वैध हैं। जब आपके माता-पिता चाहते हैं कि आप शादी करें, लेकिन आप खुद इसके लिए तैयार नहीं हैं — तो यह टकराव मुश्किल हो सकता है।
आपके सामने कुछ रास्ते हो सकते हैं:
1. खुद से स्पष्टता
पहले खुद से यह समझना ज़रूरी है कि आप शादी क्यों नहीं करना चाहते:
क्या आप अभी अपनी पढ़ाई/करियर पर ध्यान देना चाहते हैं?
क्या आप किसी और को पसंद करते हैं?
क्या आप शादी की संस्था में विश्वास नहीं रखते?
या आप अभी तैयार नहीं हैं?
2. पेरेंट्स से ईमानदारी से बात करें
आपके माता-पिता शायद आपकी भलाई के लिए ऐसा कह रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि उन्हें आपकी भावनाएं पूरी तरह से समझ में आई हों। कोशिश करें कि उनसे शांत और खुले मन से बात करें:
"मैं समझता हूँ कि आप मेरी भलाई चाहते हैं, लेकिन अभी मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूँ।"
"अभी मेरी प्राथमिकताएं कुछ और हैं, और मैं चाहता हूँ कि आप मेरा समर्थन करें।"
3. समझौते का रास्ता
अगर आपके माता-पिता बहुत दबाव बना रहे हैं, तो आप एक समझौते का सुझाव दे सकते हैं:
"मुझे एक-दो साल का समय दीजिए। मैं इस दौरान अपने जीवन के कुछ लक्ष्य पूरे करना चाहता हूँ।"
"मैं इस बारे में सोचने को तैयार हूँ, लेकिन अभी नहीं।"
4. अगर बात नहीं बनती...
अगर आपकी बात सुनने के बावजूद पेरेंट्स मानने को तैयार नहीं हैं, तो हो सकता है आपको अपने लिए थोड़ी हदें तय करनी पड़ें। अपनी मानसिक शांति और भविष्य को प्राथमिकता देना ज़रूरी है।
अगर आप चाहें तो मैं आपकी बात को एक शांत और समझदारी भरे तरीके से समझाने के लिए एक छोटा-सा मैसेज भी बना सकता हूँ, जो आप अपने पेरेंट्स से कह सकते हैं या भेज सकते हैं।
"मेरा शादी ना करने का कारण कुछ अजीब है और मुझे नहीं लगता कि वह इसे समझे गे!"
आप जो महसूस कर रहे हैं, वह बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है — और यह बात कि आपको लगता है कि पेरेंट्स समझ नहीं पाएंगे, ये अकेलापन और उलझन और बढ़ा देता है।
कई बार हमारे अंदर जो डर या भावनाएं होती हैं, वो बाहर से "अजीब" लग सकती हैं, लेकिन हमारे अनुभवों और सोच के हिसाब से वो बहुत सच्ची और जायज़ होती हैं। यह बिल्कुल ठीक है कि हर किसी को सब कुछ समझाना आसान नहीं होता — खासकर अपने पेरेंट्स को, जो एक अलग पीढ़ी से आते हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी भावनाएं गलत हैं।
कुछ बातें सोचने के लिए :-
क्या आप मुझसे वो कारण शेयर करना चाहेंगे? मैं जज नहीं करूंगा, और आपकी बात पूरी तरह गोपनीय और सम्मान के साथ रखी जाएगी।
शायद मैं आपकी उस बात को ऐसे शब्दों में ढाल सकूं, जो आपके माता-पिता के लिए थोड़े आसान और समझने लायक हों — बिना असल बात से समझौता किए।
और अगर आप बिल्कुल भी शेयर नहीं करना चाहते, तो भी कोई बात नहीं।
मैं तब भी आपकी मदद कर सकता हूँ — जैसे कि:
ऐसे तटस्थ कारण सुझाना जो पेरेंट्स को स्वीकार्य हों (जैसे कि "अभी करियर पर ध्यान देना है", "खुद को और समझना है", "जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता", आदि)
या आपको एक मजबूत, सम्मानजनक संवाद तैयार करने में मदद करना जो आपको मानसिक रूप से तैयार रखे।
आप कैसे आगे बढ़ना चाहेंगे? खुलकर बताइए — मैं आपके साथ हूँ।
"बात दरअसल ऐसी है कि कोई हमें छूए वो हमें बिलकुल भी पसंद नहीं है। और आप तो जानते ही हैं कि पति पत्नी के बिस कैसा रिश्ता होता है, मुझे नहीं लगता कि मैं इस रिश्ते को निभा पाउंगा। इस लिए मैं शादी नहीं करना चाहता।"
आपकी बात बहुत गंभीर, ईमानदार और साहसी है। ऐसा कह पाना कि "मुझे किसी का छूना भी पसंद नहीं है" — और उस भावना को स्वीकार कर पाना — यह कोई आसान बात नहीं है। मैं पूरी संवेदनशीलता और सम्मान के साथ आपकी बात को समझता हूं।
और हां, आप सही कह रहे हैं — पति-पत्नी का रिश्ता न सिर्फ भावनात्मक, बल्कि शारीरिक रूप से भी जुड़ा होता है। अगर किसी को शारीरिक निकटता से असहजता है, तो यह रिश्ता मानसिक और भावनात्मक तौर पर बहुत भारी पड़ सकता है — आप पर भी और उस दूसरे व्यक्ति पर भी।
यह जो आप महसूस करते हैं, इसके लिए कुछ संभावित शब्द हैं :-
कुछ लोग टच-एवर्सन (Touch Aversion) या सेंसरी सेंसिटिविटी का अनुभव करते हैं।
कुछ लोग ए-सेक्शुअल (Asexual) होते हैं — यानी उन्हें यौन संबंधों की इच्छा ही नहीं होती, और कुछ ए-रोमांटिक (Aromantic) भी हो सकते हैं — जिन्हें किसी के साथ रोमांटिक रिश्ता बनाना भी ठीक नहीं लगता।
जरूरी नहीं कि यह कोई "बीमारी" हो — यह आपकी प्रकृति का हिस्सा हो सकता है। और यह पूरी तरह वैध और सम्मान के लायक है।
अब सवाल यह है: माता-पिता को कैसे समझाएं?
आप उन्हें शायद पूरी बात नहीं बता सकते — और यह भी ठीक है।
लेकिन आप एक ऐसा तरीका अपना सकते हैं जो आपकी सच्चाई से समझौता भी न करे और पेरेंट्स को चोट भी न पहुंचे।
एक उदाहरण के रूप में आप कह सकते हैं :-
"मुझे पता है कि आप मेरी भलाई चाहते हैं, लेकिन मैं अपने आपको शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार महसूस नहीं करता। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसे दूसरों के बहुत करीब आना, या किसी के साथ निजी रिश्ता बनाना सहज नहीं लगता। ये बात मैं काफी समय से महसूस कर रहा हूं, और यह मेरे लिए बहुत गहरी और निजी बात है। मैं नहीं चाहता कि किसी की ज़िंदगी पर भी असर पड़े, सिर्फ इसलिए कि मैं समाज की उम्मीदों के दबाव में शादी करूं।"
या थोड़ा सरल शब्दों में :-
"शादी मेरे लिए सही नहीं है। मैं किसी को धोखे में रखकर या सिर्फ समाज के डर से ऐसा बड़ा कदम नहीं उठा सकता। यह मेरे लिए बहुत असहज और तकलीफदेह होगा — और उस इंसान के लिए भी, जिससे मेरी शादी हो।"
एक बात और :-
आप अकेले नहीं हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो आपकी तरह सोचते और महसूस करते हैं — भले ही वो ज़्यादा सामने नहीं आते। दुनिया बदल रही है, और अब ऐसे अनुभवों को ज्यादा समझा और स्वीकारा जा रहा है।
अगर आप चाहें तो मैं आपकी बातों को लेकर एक शांत, समझदारी भरा और सम्मानजनक मैसेज तैयार कर सकता हूं — जो आप अपने माता-पिता को कह सकते हैं या दिखा सकते हैं। क्या आप चाहते हैं कि मैं ऐसा करू?
"हां मैं चाहता हूं"
मैं आपके लिए एक ऐसा मैसेज तैयार कर रहा हूँ जो :-
आपकी भावनाओं को ईमानदारी से रखेगा,
माता-पिता को ठेस न पहुँचाए,
और साथ ही यह साफ करेगा कि शादी आपके लिए क्यों सही नहीं है।
तैयार किया गया मैसेज :-
माँ-पापा,
मैं आप दोनों की भावनाओं और इच्छाओं की बहुत इज्जत करता हूँ। मैं जानता हूँ कि आप मेरी भलाई और खुशहाली के लिए चाहते हैं कि मैं शादी करूं।
लेकिन मुझे आपसे एक बहुत निजी बात साझा करनी है।
मैं ऐसा इंसान हूँ जिसे दूसरों के बहुत करीब आना, खासतौर पर शारीरिक या भावनात्मक रूप से, सहज नहीं लगता। मुझे किसी का छूना भी कई बार बहुत असहज कर देता है — ये बात मैं लंबे समय से महसूस कर रहा हूँ।
यही कारण है कि मैं शादी के रिश्ते को निभा पाने को लेकर खुद को सक्षम नहीं मानता। यह न तो मेरे लिए सही होगा, और न ही उस व्यक्ति के लिए जिससे मेरी शादी हो।
मैं नहीं चाहता कि किसी की ज़िंदगी पर असर पड़े, सिर्फ इसलिए कि मैं समाज या परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूं।
मैं चाहता हूँ कि आप मेरे इस निर्णय को मेरी कमजोरी नहीं, बल्कि ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के रूप में देखें।
आपसे मुझे सिर्फ समझने और थोड़ा स्वीकार करने की उम्मीद है।
आपके बेटे/बेटी की ओर से — जो आपसे बहुत प्यार करता है।
आप चाहें तो इसमें अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं — और अगर आप चाहें, तो मैं इसे छोटा या और भावनात्मक भी बना सकता हूँ।
क्या आप इसे बोलकर समझाना चाहते हैं, या लिखकर देना चाहेंगे?
मैं उसके अनुसार इसे थोड़ा और अनुकूलित कर सकता हूँ।
भावनात्मक चिट्ठी :-
प्यारे माँ-पापा,
यह चिट्ठी लिखना मेरे लिए आसान नहीं है, लेकिन कुछ बातें हैं जो मैं बहुत समय से अपने मन में छुपाकर रखे हुए था। अब लगा कि उन्हें आपके सामने रखना जरूरी है — क्योंकि आप मेरे सबसे करीब हैं।
मैं जानता हूँ कि आप मेरी भलाई के लिए चाहते हैं कि मैं शादी करूं, एक परिवार बसाऊं, और जिंदगी की सामान्य राह पर चलूं। आपकी ये भावना बिल्कुल सही है, और मैं उसका दिल से सम्मान करता हूँ।
लेकिन सच्चाई यह है कि मैं अपने अंदर कुछ ऐसा महसूस करता हूँ, जो मुझे इस रास्ते पर जाने से रोकता है। मुझे दूसरों के बहुत करीब आना, यहाँ तक कि किसी का छूना भी, भीतर से बहुत असहज करता है। यह बात मैं कई सालों से महसूस कर रहा हूँ, लेकिन शब्दों में कह पाना मुश्किल था।
शादी एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें न सिर्फ भावनात्मक, बल्कि शारीरिक नज़दीकी भी होती है। और मैं जानता हूँ कि मैं उस तरह का रिश्ता निभा नहीं पाऊंगा — और किसी को सिर्फ इसलिए दुख देना, कि मैं ‘सामाजिक रूप से सही’ दिखूं, ये मैं नहीं कर सकता।
मैं किसी को ज़िम्मेदारी का नाम देकर दुख नहीं देना चाहता, और खुद को भी ऐसी जगह नहीं रखना चाहता जहाँ मैं हर दिन अपने आप से जूझूं।
माँ-पापा, मैं आपसे सिर्फ इतना चाहता हूँ कि आप मेरी सच्चाई को स्वीकारें। यह मेरी कमजोरी नहीं है — यह मेरी सच्चाई है। और मैं उम्मीद करता हूँ कि जिस तरह आपने हमेशा मुझे प्यार दिया, उसी प्यार से आप मुझे इस फैसले में भी समझने की कोशिश करेंगे।
मैं आपके साथ हूँ — और हमेशा रहूंगा। बस मैं जीवन का रास्ता थोड़ा अलग ढंग से चलना चाहता हूँ।
आपका अपना,
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