Punishment for deception in Hindi Motivational Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | धोखे की सजा

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धोखे की सजा

"धोखे की सजा"

एक समय की बात है, एक गांव में दो दोस्त रहते थे, जिनका नाम रोहन और मोहन था। रोहन एक ईमानदार और सच्चा व्यक्ति था, जो हमेशा अपने वादों को पूरा करता था। वह अपने दोस्तों और परिवार के प्रति बहुत वफादार था और हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार रहता था। दूसरी ओर, मोहन एक धोखेबाज और लालची व्यक्ति था, जो अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता था।

एक दिन, मोहन ने रोहन को एक योजना बताई कि वे दोनों मिलकर एक व्यापार शुरू करेंगे और बहुत सारा पैसा कमाएंगे। रोहन ने मोहन पर भरोसा किया और अपने सारे पैसे उस व्यापार में लगा दिए। लेकिन मोहन ने रोहन के साथ धोखा किया और सारा पैसा अपने पास रख लिया।रोहन को जब पता चला कि मोहन ने उसके साथ धोखा किया है, तो वह बहुत दुखी हुआ। लेकिन उसने मोहन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे माफ कर दिया। रोहन ने सोचा कि शायद मोहन को अपने किए का एहसास होगा और वह अपने व्यवहार को सुधार लेगा।

कुछ समय बाद, मोहन को एक व्यवसायिक अवसर मिला, जिसमें उसे एक बड़े व्यापारी के साथ काम करना था। वह बहुत उत्साहित था और उसने सोचा कि यह उसके लिए एक सुनहरा अवसर होगा। लेकिन जब वह उस व्यापारी से मिला, तो उसने पाया कि वह व्यापारी कोई और नहीं, बल्कि रोहन ही था।

रोहन ने मोहन को बताया कि उसने भी एक योजना बनाई है, जिसमें वह मोहन को एक बड़ा अवसर देगा। मोहन बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि वह फिर से रोहन को धोखा दे सकता है। लेकिन जब मोहन ने उस योजना के बारे में जाना, तो उसने पाया कि वह वास्तव में एक जाल था, जिसमें वह अपने सारे पैसे खो देगा।

मोहन को एहसास हुआ कि रोहन ने उसके साथ वैसा ही किया है, जैसा उसने रोहन के साथ किया था। मोहन ने रोहन से माफी मांगी और अपने किए की सजा स्वीकार की। रोहन ने मोहन को माफ कर दिया और उसे समझाया कि सच्चाई और ईमानदारी ही जीवन में सफलता की कुंजी है।

मोहन ने अपने व्यवहार को सुधार लिया और रोहन के साथ मिलकर एक नया व्यापार शुरू किया। इस बार, उन्होंने साथ में काम किया और दोनों ने बहुत सारा पैसा कमाया। मोहन ने सीखा कि धोखा देना और लालची होना जीवन में कभी भी फायदेमंद नहीं होता है।

शिक्षा:- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमें वापस मिलता है। अगर हम दूसरों के साथ धोखा करते हैं, तो हमें भी धोखा मिलेगा। इसलिए, हमें हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जीवन में सफलता पाने के लिए हमें अपने व्यवहार को सुधारना होगा और दूसरों के प्रति वफादार रहना होगा।







"धोखे की सजा"

एक समय की बात है, एक गांव में दो दोस्त रहते थे, जिनका नाम रोहन और मोहन था। रोहन एक ईमानदार और सच्चा व्यक्ति था, जो हमेशा अपने वादों को पूरा करता था। वह अपने दोस्तों और परिवार के प्रति बहुत वफादार था और हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार रहता था। दूसरी ओर, मोहन एक धोखेबाज और लालची व्यक्ति था, जो अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता था।एक दिन, मोहन ने रोहन को एक योजना बताई कि वे दोनों मिलकर एक व्यापार शुरू करेंगे और बहुत सारा पैसा कमाएंगे। रोहन ने मोहन पर भरोसा किया और अपने सारे पैसे उस व्यापार में लगा दिए। लेकिन मोहन ने रोहन के साथ धोखा किया और सारा पैसा अपने पास रख लिया।रोहन को जब पता चला कि मोहन ने उसके साथ धोखा किया है, तो वह बहुत दुखी हुआ। लेकिन उसने मोहन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे माफ कर दिया। रोहन ने सोचा कि शायद मोहन को अपने किए का एहसास होगा और वह अपने व्यवहार को सुधार लेगा।कुछ समय बाद, मोहन को एक व्यवसायिक अवसर मिला, जिसमें उसे एक बड़े व्यापारी के साथ काम करना था। वह बहुत उत्साहित था और उसने सोचा कि यह उसके लिए एक सुनहरा अवसर होगा। लेकिन जब वह उस व्यापारी से मिला, तो उसने पाया कि वह व्यापारी कोई और नहीं, बल्कि रोहन ही था।रोहन ने मोहन को बताया कि उसने भी एक योजना बनाई है, जिसमें वह मोहन को एक बड़ा अवसर देगा। मोहन बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि वह फिर से रोहन को धोखा दे सकता है। लेकिन जब मोहन ने उस योजना के बारे में जाना, तो उसने पाया कि वह वास्तव में एक जाल था, जिसमें वह अपने सारे पैसे खो देगा।मोहन को एहसास हुआ कि रोहन ने उसके साथ वैसा ही किया है, जैसा उसने रोहन के साथ किया था। मोहन ने रोहन से माफी मांगी और अपने किए की सजा स्वीकार की। रोहन ने मोहन को माफ कर दिया और उसे समझाया कि सच्चाई और ईमानदारी ही जीवन में सफलता की कुंजी है।मोहन ने अपने व्यवहार को सुधार लिया और रोहन के साथ मिलकर एक नया व्यापार शुरू किया। इस बार, उन्होंने साथ में काम किया और दोनों ने बहुत सारा पैसा कमाया। मोहन ने सीखा कि धोखा देना और लालची होना जीवन में कभी भी फायदेमंद नहीं होता है।*शिक्षा:* इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमें वापस मिलता है। अगर हम दूसरों के साथ धोखा करते हैं, तो हमें भी धोखा मिलेगा। इसलिए, हमें हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जीवन में सफलता पाने के लिए हमें अपने व्यवहार को सुधारना होगा और दूसरों के प्रति वफादार रहना होगा।