Monster the risky love - 38 in Hindi Horror Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दानव द रिस्की लव - 38

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दानव द रिस्की लव - 38

.तक्ष ने आदित्य को भड़काया....

........Now on ..............

 
आदित्य विवेक को मना करता है..... अदिति उसे समझती है..
अदिति : भैय्या..... विवेक ठीक‌ कह रहा है...(आदित्य अदिति को चुप करा देता है)
आदित्य : अदि तू आराम कर मैं देख लूंगा …...
अदिति चुपचाप लेट जाती हैं...लेकिन आदित्य अभी भी तिरछी नजर से विवेक को देख रहा था.. विवेक कुछ उलझन में लग रहा था इसलिए आदित्य ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे बाहर लाते हुए कहा....
आदित्य : ज्यादा मत सोचो विवेक मुझे पता है तुम अदिति को सही medicine ही दिलाओगे क्या पता डाक्टर से mistake हो गई हो....
विवेक : वैसे डाक्टर अवस्थी हमारे family doctor है उनसे mistake 
आदित्य : हो सकती है विवेक सबसे गलती हो जाती है.... शुक्र है अदिति ठीक है .....
विवेक : (मन में) डाक्टर अवस्थी से पुछना पड़ेगा अगर ग़लती की है तो अदिति की जान से खिलवाड़ करने के लिए छोड़ूंगा नहीं......
आदित्य : विवेक तुम भी आराम कर लो जाओ......
विवेक : भैय्या वैसे क्या आपको तक्ष अजीब नहीं लगता.....
आदित्य : विवेक तुम फिर तक्ष के बारे में सोच रहे हो..... मुझे तो वो अजीब नहीं लगा......और तुम कबसे ये भूत प्रेत में विश्वास करने लगे...(ईशान आता है).....
इशान : ठीक कहा आदित्य.... लगता हमारा विवू कहानियों में विश्वास करने लगा है.....
विवेक कुछ नहीं कहता बस चुपचाप बैठ जाता है....... उसके मन में अब भी उथलपुथल हो रही थी...
विवेक : (अपने आप से).... कैसे तक्ष के की सच्चाई का पता लगाऊं..वो अघोरी बाबा भी मारे गए.....ये जो कुछ भी हो रहा है जहां तक मुझे लग रहा है तक्ष ही इसका कारण है.....ओह ! गॉड प्लीज़ हेल्प .....!
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उधर .........
उबांक हॉस्पिटल की खबर लेकर घर पहुंचता है.....
उबांक : दानव राज..
तक्ष : ले आये वजह की खबर ......(अपने काम में मग्न तक्ष ने कहा)...
उबांक : दानव किसी को भी आप पर शक नही होगा...
तक्ष : क्यूं.......?
उबांक : दानव राज.. उस डाक्टर ने आदित्य को बताया है की कोई दवाई अदिति के लिए ठीक नही है. और दवाई उस लड़के ने ही अदिति को दिलाई थी तो आदित्य को उसपर शक हो रहा है...
तक्ष : बहुत खुब उबांक .....मेरा अगला वार देखो अब....
उबांक : (ललचाई नजरो से)..दानव राज ...आज किसका शिकार किया है.....?
तक्ष : मुझे पता था तू जरूर पुछेगा... (मांस का टूकडा देते है)....ले खा ले... आज मैंने एक लड़के को खा लिया.. ..(हंसने लगता हैं).....
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ऐसे ही वो रात बीत जाती है अगली सुबह डाक्टर से ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌discharge paper लेकर चारो घर की तरफ निकलते हैं.......
आदित्य : अदि ...अब तू बिना सवाल किते घर पर आराम करेंगी...
अदिति : (कुछ सोचकर).. ठीक है लेकिन आपको भी आफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी तब....
आदित्य : अदि... आफिस (ईशान बीच में बोलता है)
इशान : अदिति ठीक कह रही है आदित्य तू छुट्टी ले ले कुछ दिन अपनी बहन के साथ भी रह ....काम तो चलता रहता है.....
अदिति : प्लीज़ भैया.....
आदित्य : ठीक है आज से मैंने तीन दिनों तक छुट्टी ले ली मेरी sweety के लिए......(आदित्य अदिति के माथे पर किस करता है).....
इशान की कार आदित्य के घर के बाहर रुकती है......
इशान : लो आ गये......
आदित्य : ईशान अंदर चल नाश्ता करके जाना.....
इशान : नहीं यार 
आदित्य : कोई एक्सक्यूज नहीं चल अंदर विवेक चलो.....(चारो अंदर पहुंचते हैं)...
बबिता : साहब दीदी जी ठीक है.....
आदित्य : हां बबिता ..... बबिता सबके लिए नाश्ता लगा दो और अदिति को mix fruits cut करके रूम में ले आना.....
बबिता : जी साहब......(आदित्य अदिति को उसके कमरे में लेटा आता है).....
इशान : अब अदिति का ध्यान रखना......
आदित्य : हां …. विवेक (विवेक चारो तरफ कुछ ढुंढ रहा था)...
विवेक : भैय्या..... ये रही वो medicine.....
आदित्य : विवेक भूल जाओ इसके बारे में....(तभी तक्ष नीचे आता है और बबिता भी नाश्ता table पर रखती हैं)....
तक्ष : अदिति ठीक है आदित्य......
आदित्य : हां …. बैठो 
इशान : (विवेक से बोलता है धीरे से)... तू इसे नरभक्षी बता रहा है ये तो मुझे कही से भी नरभक्षी नही लगता...
विवेक : भाई आप नही जानते....
इशान : विवू तेरा वहम होगा बस .....(विवेक कुछ नहीं कहता बस चुप हो जाता हैं)...
तक्ष : विवेक तुमने अदिति को क्या दिया है.....?...अचानक बेहोश हो गई.....!
विवेक : (विवेक गुस्से में चिल्लाया)....what nonsense...
आदित्य : क्या कह रहे हो तक्ष .....?
तक्ष : आदित्य मैं वही तो पुछ रहा था.. ये तो खामखां चिल्ला दिया.... मुझे याद है इसने अदिति को कोई दवाई सी दी उसके तुंरत बाद अदिति बेहोश हो गई....
विवेक : ये क्या बकवास कर रहे हो मैंने उसे कुछ नहीं दिया... बबिता ही जूस लाई थी..... पुछो इनसे....
आदित्य बबिता की तरफ देखता है.........
बबिता : (डरकर )....साहब (तक्ष की तरफ इशारा करके)..ये सही कह रहे हैं इन्होनें अदिति दीदी को कुछ दिया और वो बेहोश हो गई........(विवेक कुछ कहता नही है बस हैरानी ह बबिता को देखता है)....
विवेक : झुठ क्यूं बोल रही है...
आदित्य : (झुंझलाकर) बस विवेक ....बबिता झुठ क्यूं बोलेगी.....
आदित्य को गुस्से में देखकर इशान उसे समझाता है.....
इशान : आदित्य विवेक से गलती हो गई होंगी... और विवू शांत रहो .......
विवेक गुस्से में तक्ष को देखता है जोकि उसी दिन देख रहा था..
विवेक : (मन में) मुझे भाई की नजरो में गिराकर अच्छा है किया... बहुत जल्द तुम्हारी सच्चाई तक पहुंच जाउंगा...
आदित्य : इशान बबिता झुठ नही बोलती बस विवेक को समझा दो अदिति की चिंता करने के लिए उसका भाई है.....
आदित्य की बात से विवेक को बहुत बुरा लगा... इशान उसकी मन की बात समझ चुका था.... विवेक बिना कुछ बोले चला जाता हैं.....
इशान : विवू.......आदित्य मैं भी चलता हूं....
आदित्य : देख नाराज होने की बात नही है .....
इशान : मैं समझता हूँ आदित्य मैं विवू को समझा दूंगा... मैं चलता हूं.... (इशान चला जाता हैं.. तक्ष को उसके जाने से बहुत सुकुन मिला लेकिन बबिता उदासी से सिर झुका लेती हैं).......विवू रूक......!
विवेक : चलो यहां से भाई.....(कार में बैठते हुए विवेक ने कहा).....
इशान : तुझे आदित्य की बातों ने heart किया है....
विवेक : बबिता ताई झुठ क्यूं बोल रही है वो तो जानती है न मैंने कुछ नहीं दिया..
इशान : विवू..... तुझे medicine आदित्य से पुछकर दिलवानी चाहिए थी......
विवेक : medi की बात नही है ये तक्ष जरूर कोई danger plan बनाया रहा है...
इशान : तू फिर तक्ष को घसीट रहा है...
विवेक : भाई आप नही जानते उसने मुझे कालेज में धमकी दी थी मेरी जासूसी करना तेरे लिए भारी पड़ सकता है....
इशान : उस तक्ष ने .....
विवेक : हां भाई......
तभी पीछे से आवाज आती हैं..........
 
.....….....….…to be continued ……........