कहानी की शुरुआत एक सामान्य सुबह से होती है, जब आदित्य, करण, रोहन, आलिया और निशा अपने-अपने घरों से बाहर निकलते हैं और सोसाइटी के गेट पर मिलते हैं। आज स्कूल का पहला दिन है और सभी के चेहरे पर नयी उम्मीदें और उत्साह हैं। हालांकि, सभी जानते हैं कि यह साल खास होने वाला है क्योंकि अब वे 18 साल के हो चुके हैं और आने वाले समय में बहुत कुछ बदलने वाला है।
आदित्य सबसे पहले आता है और सबको देखकर मुस्कराता है। "क्या तुम लोग तैयार हो?" वह पूछता है।
करण अपनी शरारत भरी मुस्कान के साथ कहता है, "मैं तो हमेशा तैयार हूं, पर क्या तुम लोग तैयार हो? आज तो नए एडवेंचर्स का इंतजार है।"
रोहन, जो हमेशा अपने गैजेट्स में खोया रहता है, जवाब देता है, "मैंने तो अपनी स्मार्टवॉच और फोन दोनों चार्ज कर लिए हैं, सब कुछ ट्रैक करने के लिए।"
आलिया, जो बहुत शान्त और समझदार लड़की है, कहती है, "हमें ज्यादा मस्ती नहीं करनी चाहिए, आज कुछ महत्वपूर्ण डिसीजन लेने हैं।"
निशा अपनी कला की दुनिया से बाहर आकर कहती है, "मुझे तो एक अच्छा स्केच बनाना है, लेकिन पहले स्कूल जाना तो जरूरी है।"
सभी स्कूल के लिए चल पड़ते हैं, लेकिन रास्ते में करण ने एक मजेदार प्लान बना लिया है। वह सबको एक चैलेंज देता है, "जो सबसे पहले स्कूल पहुंचेगा, उसे सबकी ड्रिंक और स्नैक्स का बिल भरना. दूसरा एपिसोड: "एक नया चैलेंज"
स्कूल में पहले दिन की हलचल के बाद, आदित्य, करण, रोहन, आलिया, और निशा अगले दिन एक साथ लंच टाइम पर मिले। उनकी बातचीत में एक नया इंटरेस्टिंग टॉपिक था — इस साल का "स्पेशल प्रोजेक्ट"।
आलिया ने कहा, "हम सबको मिलकर एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाना चाहिए, कुछ ऐसा जो हमारे स्कूल की यादगार बन जाए।"
करण ने शरारत से कहा, "क्या तुम कह रही हो कि हम कोई बड़ा इवेंट या शो ऑर्गनाइज करें?"
रोहन ने सिर झकाया, "मैं तो कुछ तकनीकी करना चाहता हूँ। एक नया ऐप या वेबसाइट बना सकते हैं, जो हमारे स्कूल के लिए फायदेमंद हो।"
निशा जो हमेशा कुछ क्रिएटिव करना चाहती थी, बोली, "हम एक आर्ट और टेक्नोलॉजी का फ्यूजन कर सकते हैं, कोई ऐसा प्रोजेक्ट जो सभी को प्रभावित करे।"
आदित्य ने सोचा और कहा, "यह आइडिया बहुत अच्छा है। हमें सही दिशा में सोचना होगा और फिर हर किसी की मदद से इसे एक नया रूप देना होगा।"
पाँचों दोस्तों ने मिलकर एक नए प्रोजेक्ट का आइडिया तैयार किया। वे चाहते थे कि स्कूल में एक ऐसा इवेंट आयोजित करें, जिसमें कला और तकनीकी दोनों का समावेश हो। उनका लक्ष्य था, न केवल स्कूल के बच्चों को जोड़ना, बल्कि शिक्षकों और माता-पिता को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल करना।
पर प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले, उन्हें एक चैलेंज का सामना करना पड़ा। स्कूल के दूसरे ग्रुप ने भी एक बड़ा इवेंट प्लान किया था, और वे पहले ही प्रोजेक्ट के लिए तैयार थे। अब एक और चैलेंज सामने था: "क्या उनकी टीम उस ग्रुप से ज्यादा क्रिएटिव और इंटरेस्टिंग आइडिया लेकर आ सकती है?"
करण ने जोश से कहा, "हमसे बड़ा कोई नहीं है, दोस्त। हम इस चैलेंज को जीत सकते हैं।"
निशा ने अपने गहरे विचारों में कहा, "हमें सोचना होगा कि हम अलग क्या कर सकते हैं। हमें कुछ ऐसा करना चाहिए, जो हर किसी के दिमाग में बसा रहे।"
आलिया ने कागज और पेन निकाला और कहा, "हमारी टीम की ताकत यही है कि हम सभी अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचते हैं। हमें हर किसी की ताकत का सही इस्तेमाल करना होगा।"
इस चैलेंज ने सभी को एकजुट किया। अब उनका लक्ष्य था कि वे सबसे यूनिक और यादगार इवेंट का आयोजन करें, ताकि वे दूसरों को दिखा सकें कि दोस्ती, मेहनत और क्रिएटिविटी से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।
एपिसोड खत्म होता है जब सभी दोस्त अपनी-अपनी जिम्मेदारियाँ तय करते हैं और इवेंट की तैयारी शुरू करते हैं, यह जानते हुए कि जो भी हो, वे हमेशा एक-दूसरे के साथ रहेंगे और एक टीम के रूप में काम करेंगे।