……Now on……
" तुम उस लड़की को ले जाओ ……बस मुझे छोड़ दो …"
तक्ष : तुझे छोड़ दूं ….मैं इतना दयालु नही हूं....(मन में) रात होने से पहले मुझे इसे यहां से ले जाना है …मैं अब इसके सामने अपने असली रुप में नहीं आ सकता.
" जाने दो मुझे. "
तक्ष अब कुछ नहीं बोलता बस अपने नाखुनो को उसके गले में गाड़ देता है ……बाहर क्या हुआ है अदिति को कुछ नहीं पता क्यूंकि उसे तहखाने में बंद कर रखा था ……तक्ष तहखाने में जाता है और उसे वहां से बाहर ले आता है. …तभी वहां आदित्य और सब पहुंचते हैं ….
अदिति : तक्ष मुझे बचाने के लिए thanks...…भैय्या (embraces) ……
आदित्य : अदि (भावुक हो जाता हैं) ……तक्ष तुम्हें तो चोट लगी है ……
तक्ष : इतनी सी चोट है ठीकाने हो जाएगी ……
अदिति : भैय्या..... तक्ष ने बचाया मुझे ….
आदित्य : तुमने कैसे ढूंढ लिया. ….
तक्ष : मैंने आपसे पहले ही कहा था उबांक ढूंढ लेगा….बस …शायद इन्हे मेरी बात पर यकिन नही था ……
विवेक : (मन में) मुझे तो अब भी तुझ पर भरोसा नहीं है ….बस मेरी अदिति ठीक है….
इशान : तुमने इन सबको मार दिया ……
तक्ष : हां ….हम गांव वालो की ताकत है ये ….
इंस्पेक्टर : mr aaditya…कत्ल के इल्जाम में हमे इन्हे arrest करना पड़ेगा ……
अदिति : ये तो गलत बात है ……
आदित्य : विवेक ……अदिति को घर ले जाओ हम अभी आते हैं ….
विवेक : ठीक है भैय्या..... अदिति चलो
अदिति : भैय्या मुझे घर क्यूं भेज रहे हो ……
आदित्य : तू जा ……(विवेक अदिति को लेकर चला जाता है)
विवेक : thank god तुम ठीक हो …मुझे उस vk से ज्यादा डर तो तक्ष से था कही तुम्हें
अदिति : (टोकते हुए) …मुझे तक्ष से कैसा खतरा विवेक ….उसने तो मुझे बचाया है. …
विवेक : बचाया तो है ……(मन में) इसका मतलब उसकी दुश्मनी मुझसे है ….अदिति उसे कभी तो पिशाच बताती है कभी नहीं …ये क्या गुत्थी है ….
अदिति : किस सोच में खो गये विवेक ….
विवेक : कुछ नहीं ……तीन दिन हो गये अपनी sweet heart से बात तक नही हुई ढंग से ……
अदिति : अच्छा ……(embraces)……बस अब कुछ मत बोलना …
विवेक : अदिति …. Icecream खाओगी …अरे तुमने तो बोलने से मना किया था
अदिति : विवेक कहां हैं icecream ….
विवेक : मैं तो मजाक कर रहा था….
अदिति : (चिढकर) …विवेक जाओ मैं बात नही करूंगी तुमसे ….
विवेक : अरे ! Sorry sorry …चलो
दोनों icecream parler में पहुंचते हैं ….…विवेक तो अदिति की खुशी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता है ….
विवेक : अब तो खुश है न मेरी sweet heart ……तुम्हे आराम कि जरुरत थी और madam ji को तो icecream खानी है …
अदिति : हां …. विवेक aunty ठीक है ……मैं उन्ही के पास आ रही थी
विवेक : तुम्हें अकेले नही आना चाहिए था ……चलो घर अब अगर हम से पहले भैय्या पहुंच गए तो मुझे ही डांट पड़ेगी ….
अदिति : ठीक है …
दोनों घर पहुंचते हैैं ……
बबिता : अदिति दी ……(अदिति को देखकर खुश हो जाती हैं)
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तक्ष : वैसे आप कैसे कह सकते हैं यहां हत्या हुई है...
इंस्पेक्टर चारो तरफ देखता है उसे वहां कंकाल ही कंकाल दिखते हैं ….आदित्य और इशान भी हैरान रह जाते हैं …जहां अभी कुछ ही पल death bodies फैली पड़ी थी वही अब कंकाल ही कंकाल फैले हुए हैं ……
इशान : ये सब कैसे हो गया ….
तक्ष : (मन में) इन्हे तो मैं पहले ही खा चुका था ….मेरी प्रेत शक्तियों ने इन्हे जगा रखा था पर अब रात हो रही है कही ये मेरा राज न जान जाऐ ……
उबांक : मैं कुछ करूं क्या दानव राज ….
तक्ष : नही उबांक ….तुम जादुई हो ये पता चल जाएगा सबको तुम रहने दो , मैं ही कुछ करता हूँ ….
तक्ष : आदित्य इन्हे ले जाने दो मुझे ….
आदित्य : नही तक्ष तुमने इन गुंडो को ही तो सबक सिखाया है ….
तक्ष इंस्पेक्टर के पास जाता है और उसके कान में कहता है …
तक्ष : तुम मुझे अपने साथ ले तो जाओगे पर ध्यान रखना कही तुम भी कंकाल न बन जाओ ….ऊपर देखो ये कोई साधारण सा तोता नही है ये मायावी चमकादड़ है …जो इंसानों के खुन के साथ साथ उनकी आत्मा को भी चूस लेती है ….तुम वहां अकेले होगे……सोच लो और चिल्लाने की भूल मत करना ये दोनों तो बच जाएंगे.... पर तुझे कौन बचाएगा.…?(इंस्पेक्टर तक्ष के नुकिले दांतो को देखकर घबरा जाता है) …
तक्ष इतना सबकुछ कहकर आदित्य के पास चला जाता है …
इंस्पेक्टर : आ …(डरते हुए) आप इन्हे ले जाईए……
आदित्य : आपको कारवाई नही करनी ….?
इंस्पेक्टर : नही नही अच्छा हुआ ये मर गये ….ले जाइऐ इन्हे …(चला जाता हैं)
आदित्य : तुमने ऐसा क्या कह दिया इससे तक्ष ….ये पूरा का पूरा पसीने से लथपथ हो गया.…
तक्ष : आदित्य ….मैं अपने गांव का सबसे खतरनाक पहलवान था इसलिए इन सबको मैंने अकेले ही ठीकाने लगा दिया …अगर तुम वही पहुंचना चाहते हो तो मुझे ले जाओ ….यही कहा था मैंने और इसका ये हाल हो गया.…
इशान : वाह रे पुलिस वाले (दोनों हंस जाते है..क्यूंकि असल बात क्या हुई थी कोई नही जानता …)
तीनो घर पहुंचते हैं ……
आदित्य : बबिता ..…अदिति आ गई…
बबिता : जी (आदित्य कि आवाज सुनकर अदिति बाहर आती हैं)
अदिति : भैय्या..... मैं आ चुकी हूं …
आदित्य : अदि ……(embraces )…….तू पागल थी अकेले रात को क्यूं गई.…. मैं कितना घबरा गयाथा …वो तो अच्छा है तक्ष ने बचा लिया. …
अदिति : sorry भैय्या..... आगे से आपको परेशान नही करूंगी …
इशान : अदिति तुम्हें अकेले बाहर जाने की जरुरत नहीं है .…
अदिति : ठीक है भाई.…
आदित्य : तक्ष क्यूं तुम अदिति का ध्यान रखोगे...?
तक्ष : (खुश हो जाता हैं)... हां क्यूं नही...!
आदित्य : ठीक है फिर अब मुझे अदिति की चिंता तो नही रहेगी...
अदिति : भैय्या.....
आदित्य : अदि no question जाओ अपने कमरे में आराम कर लो.... (अदिति चुपचाप चली जाती हैं)....
विवेक मुंह बना कर चला जाता है.......
..........to be continued......