Bloody Hard Romance in Hindi Thriller by mehi books and stories PDF | Bloody Hard Romance

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Bloody Hard Romance

Mumbai

एक खाली बेसमेंट जहा एक लड़की बुरी हालत में कैद थी। ओर उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे । वो अपने आपको छुड़ाने की कोशिश में लगी हुई थी । वही 4 लोग जो वहा उस लड़की पर नजर रख रहे थे । उनमें से एक बोला ज्यादा न छटपटा कोई फायदा नही है। यहां से नही निकल पाएगी । तभी दूसरा आदमी बोला भाई चल चाय पीने बाहर चलते है । अभी आ जायेंगे थोड़ी देर में। दूसरा आदमी बोला हां चल भाई । कहकर वो चारो वहा से निकाल गए । उस लड़की ने उनके जाते ही फिर से अपनी कोशिश शुरू कर दी । लगी मशक्कत के बाद आखिर वो लड़की रस्सी से अपने हाथ खुलने कामयाब हो गई । वो लंगड़ाते हुए वहा से खड़ी हुई और मोका देख कर बाहर की तरफ निकल गई ।"",

वो लड़की लंगड़ाते हुए मुंबई के बाहरी इलाके में सुनसान सड़क पर भाग रही थी । उसके पैर में चोट लगी थी और उसकी पूरी बॉडी पर चोटों के निशान थे वो लगातार बिना रुके बस भागने में लगी हुई थी । उसने इस वक्त ankle length gown पहना हुआ था जो साइड से थोड़ा फटा हुआ था । " वो भागते भागते अचानक एक पेड़ के पीछे छुप गई । वो हांफ रही थी और बहुत जोर जोर से गहरी सांस ले रही थी । उसकी आंखो में आंसू थे और उसकी नीली आंखे बहुत लाल थी  उसके होंठ फटे हुए थे और सुख चुके थे उसके चेहरे पर थकान साफ दिख रही थी ।  कुछ पल रुकने के बाद उसने फिर से भागना शुरू कर दिया । भागते भागते वो कब जंगल ने enter हो गई उसे पता ही नही चला। थोड़ी देर बाद उसने अपने कदम रोक और एक नजर चारो तरफ घुमाई उसने देखा की वो जंगल में आ गई है फिर उसने सामने देखा और सामने देखा सामने एक नदी थी  । नदी को देखते ही उस लड़की की आंखों में चमक आ गई थी और उसने मुंह से धीरे से निकला " प प पानी "

और वो तेजी से नदी की तरफ बढ़ गई । नदी के पास पहुंचने के बाद और धीरे से नीचे बैठी और उसने अपने हाथ पानी में डाल दिए और अपने हाथो से पानी पीने लगी । उसने थोड़ा सा ही पानी पिया था की वो वही नदी के किनारे  अचानक से बेहोश हो

गई । 

out of Mumbai (पुरानी फैक्ट्री)

एक बड़ी सी  फैक्ट्री जो जल कर धुआं धुआं हो रही थी " उसके आसपास के कुछ लोग इस फैक्ट्री में लगी आग को बुझाने में लगे हुए थे " लेकिन आग को उन धधकती लपटों पर कोई असर नहीं हो रहा था । आग बढ़ती ही जा रही रही थी " । वही उस फैक्ट्री से कुछ दूरी पर एक कार खड़ी थी " और उसके बोनट पर अबीर लेटा हुआ था और सिगरेट के काश लेते हुए ये नजारा देख रहा था ! 
अबीर उन आग की लपटों को देखते हुए खुद से बोला " बिलकुल इन्ही आग की लपटों की तरह है " अबीर राजवंश का गुस्सा" ,, मुझे नंबर वन पर रहने की आदत है " और कोई मुझे सेकंड करने की कोशिश करेगा तो उसकी बर्बादी बिलकुल इसी तरह होगी । अबीर के गुस्से की लपट उसे इस कदर लपेटेगी  की सामने वाला उसमे उलझ कर रह जायेगा पर बच नही पाएगा । कहते हुए अबीर के फेस पर एक इविल इस्माईल आ गई थी । वो बोनट से उतरा और गाड़ी में बैठ कर वहा से निकल गया।

अबीर राजवंश। उमर 25 साल, 6.2 हाइट, गेहुंआ रंग, मस्कुलर बॉडी, बेहद हैंडसम, रॉयल एटीट्यूड वाला सख्त मिज़ाज लड़का।

अबीर दिखने में जितना हैंडसम था, उतना ही गुस्सैल मिज़ाज भी था। एक दम बेरहम टाइप का था। लेकिन मुंबई से लेकर कई देशो में वो टॉप बिजनेसमैन था। अलग-अलग देशों में उसके बिजनेस की ब्रांच थी। अबीर राजवंश एक जानी मानी हस्ती थी। जिसके साथ हर कोई बिजनेस करना चाहता था। लेकिन इन सब से अलग एसा कोई गलत काम नही था, जो अबीर ने ना किया हो।

हर तरह के गैरकानूनी कामों में उसका एक अहम रोल था।  पर ये बात ज्यादा तर किसी को पता नही थी। बस कुछ खास लोगो को ही पता थी । अबीर राजवंश गुनाहों का बादशाह था । 

अबीर राजवंश के क्रुएल बनने के पीछे उसका गुजरा हुआ कल था । एक भयानक अतीत जिसने अबीर से उसका सब छीन कर उसे अकेला कर दिया था। ओर वही कुछ पुरानी यादें जो उसे हर पल बैचेन रखती थी। या ये कहो की दिन ब दिन अबीर राजवंश को और ज्यादा खतरनाक बना रही थी । 

( राजवंश इंडस्ट्रीज )

अबीर अपनी कंपनी पहुंचा और सीधे टॉप फ्लोर पर बने अपने केबिन में गया ।" अबीर अपनी चेयर पर बैठा और अपनी नजरे अपने लैपटॉप पर गढ़ा ली। वो बहुत ही सीरियस होकर अपने लैपटॉप में कुछ देख रहा था तभी उसके केबिन का गेट किसी ने नॉक किया । अबीर लैपटॉप से अपनी नजरे हटाए बिना ही बोला " कमिंग " 

अबीर के इतना कहते ही केबिन का गेट खुला और 3 लोगो की तेज़ आवाज़ पुरे कैबिन में गूंज गई " happy birthday too you " happy birthday too you "  कहते हुए एक लड़के ने एक केक अबीर की टेबल पर रख दिया ।। अबीर उन तीनो को बस चुपचाप देख रहा था " "

उसके सामने उसके कॉलेज के दोस्त  आदिल " हर्ष " और प्रिया खड़े थे !  

अबीर उन तीनो को एक तक देख रहा था और फिर अचानक से अपनी चेयर से खड़ा हुआ और ग्लास विंडो के सामने जाकर खड़ा हो गया और सामने देखते हुए बोला " तुम लोगो को पता है ना में अपना बर्थ डे नही मनाता! फिर ये सब क्यू करते हो तुम लोग ! 

तभी आदिल झट से आगे बड़ा और अबीर के सामने जाकर खड़ा हो गया और बोला " भाई तुझे क्या लगता है तू माना करेगा और हम मान जायेंगे । तभी प्रिय बीच में ही बोली " अबीर तुम्हे आज तो पार्टी देनी ही पड़ेगी और इस बार हम कोई बहाना नही सुनने वाले ! कहते हुए प्रिया हस दी!  

हर्ष बोला " so dude" बताओ आज कौनसे क्लब ले जा रहे हो ! बड़ा मजा आने वाला है आज तो कहते हुए हर्ष में अपना एक हाथ ऊपर किया और प्रिया के हाथ से ताली बजा दी ।  

अबीर अपने अपनी पीठ ग्लास विंडो की तरफ की ओर प्रिया और हर्ष को देखते हुए बोला " मुझे ये सब पसंद नही है " तुम लोगो को पार्टी करनी है तो कार्लो बिल में पे करूंगा । बट मुझे ये सब पसंद नही है । 

तभी आदिल बोला " सो तू आज भी वही जाने वाला है । 

अबीर बोला " हां " क्युकी वही मेरा सुकून है ।और हर बार की तरफ आज भी में वही जाऊंगा । 

हर्ष बोला " ठीक है दोस्त " अगर तुम वहा जाने वाले हो तो इस बार हम भी तुम्हारे साथ चलेंगे एंड वही एंजॉय करेंगे । Yoooooo " 

अबीर कुछ बोल पाता इससे पहले ही आदिल बोला " तू हमे बिलकुल माना नही कर सकता क्युकी अगर तुमने मना किया भी ना तो भी हम लोग नही मानने वाले  । कहते हुए आदिल हर्ष और प्रिया तीनों एक साथ हस दिए । 

पर अबीर के फेस पर ना कोई स्माइल थी ना कोई खुशी " वो बस शांत था । और ये बात आदिल बखूबी जानता था । 

आदिल और अबीर दोनो काफी क्लोज थे । एक आदिल ही था जिसे अबीर अपना मानता था । जो बिना कहे अबीर का हाल उसके चेहरे से जान लेता था । 

आदिल बोला " चल ब्रो अब तुम अपना काम करो हम बाहर वैट कर रहे है । इतना कहकर आदिल प्रिया और हाथ तीनों kabin से बाहर निकल गए । 

उनके जाते ही अबीर का फेस एक दम सीरियस हो गया और वो वापस ग्लास विंडो से बाहर देखने लगा । उसके दिमाग में कुछ यादें घूम रही थी । जिसमे एक लड़की थी जो चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी । अबीर बचाओ अबीर  " अबीर बचाओ अबीर "  जेसे जेसे यादें बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे ही अबीर पसीने से भीग रहा था। तभी अचानक उसका फोन बजा और वो उन यादो से बाहर आया ।  अबीर ने अपने आप को शांत किया और अपने फोन को रिसीव किया।  अबीर शांति से कॉल पर किसी की बाते सुन रहा था । अबीर ने बिना कुछ बोले कॉल कट किया और एक मैसेज टाईप किया । ओर वापस से ग्लास वॉल से बाहर देखने लगा । ओर फिर उन्हीं यादों में खो गया । " ""