Saat fere Hum tere - Secound - 32 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३२

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३२

विक्की ने कहा हां अब तो करनी पड़ेगी अब संजना भी आ जाएगी।सागर ने कहा हां अब वो सब टिकट बुक करवा रहे हैं कल सपना और अमन से बात हो गई थी ।माया ने कहा कि हां ठीक है चलो मैं अब चलती हूं।सागर ने कहा हां अंश अभी कुछ देर अपने दादा दादी के साथ खेल रहा है।कुछ देर बाद संजना का फोन आ गया और फिर बोली अरे तुम तो भुल ही गए। शादी करोगे तो?विक्की ने कहा हां यार संजू तुम भी ना कब आ रही हो।कल आ रही हुं।अब आकर शापिंग करने बाहर नहीं जाना है।संजना ने कहा हां पर कैसे।विक्की ने कहा बस अब आओ तो।सारा ने कहा भाभी अब आएंगी।विक्की ने कहा हां कल आ रही है।विक्की भी सोने चला गया।
संजना सुबह सुबह ही आ गई और फिर घर पहुंच कर चुपचाप अपने कमरे में जाकर सो गई।
सुबह उठते ही विक्की जाॅग करने गया और जब वापस आया तो देखा कि संजना सारा को उसका गिफ्ट्स दे रही थी और फिर विक्की ने कहा अरे वाह कब आई ?संजना ने कहा जब तुम खराटे ले रहे थे।माया ने कहा हां पर भाई तो कभी ऐसा नहीं सोता है।संजना ने कहा अरे बाबा अब ये सब अंश के लिए है दीदी।माया ने कहा अरे बाबा इतना कुछ।।संजना ने कहा अरे बाबा उसका हक है।फिर सब बैठ कर बातें करने लगे और फिर संजना ने कहा कि कब से शापिंग होगा।विक्की ने कहा हां कल से मेला लगेगा।सब खुब हंसने लगे।फिर सब नाश्ता करने लगे और फिर विक्की ने कहा हां ज्यादा समय नहीं है अरे हां संजू वहां पर कैसे सब हो गया।
संजना ने कहा हां सब अच्छे से हो गया। मेरे साथ बैंक एकाउंट बन्द कर दी और अब यहां तुम्हारे साथ जाकर करवाना है।विक्की ने कहा हां ठीक है कल हम चलते हैं।
फिर सब मिलकर खाना खाने लगे।शाम को विक्की ने कहा आज चाट पार्टी है कुछ देर बाद गार्डन में पहुंच जाइए।सागर ने कहा हां क्या बात है।सारा ने कहा हां भाभी के आने की खुशी में।।विक्की ने कहा हां वो तो है पर सारा की फरमाइश पर।सब ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।विक्की ने कहा मैं चाहता हूं कि संजना क़ो जरा सा भी महसूस न हो कि उसका कोई नहीं है अपना।इसलिए मेहंदी, लेडिज संगीत और जो जो जरूरी है सब कुछ होगा।संजना सुनकर ही रो पड़ी और फिर कहा कि हां यह सब मेरे अपने हैं।अब तो सपना और बाकी सब आ जाएंगे तो क्या बात होगी।विक्की ने कहा हां चलिए फिर सब समय से आ जाना।सब लोग खाना खाने के बाद सोने चले गए।विक्की संजना का हाथ पकड़ कर कहा देख संजू मैं तुम्हें पुरी खुशी देने की कोशिश करूंगा।संजना ने कहा हां मैं समझ सकती हुं विक्कू।चलो अब तैयार हो जातें हैं।विक्की ने कहा देखा कैसे दोस्त निकाल ये अनिक खुद की शादी हो रही है सब कुछ मुझे ही करना है।।संजना ने कहा हां ठीक है चलो अब सब कुछ खास बनेगा है ना।विक्की ने कहा हां ठीक है पर गुस्सा आता है ना।संजना ने कहा ओह मेरे सोना को गुस्सा भी आता है।विक्की ने कहा हां यार। चलो फिर।शाम को गार्डेन पर विक्की से सारी तैयारियां करवा दिया था जैसे अपने देश में होता है भीनी-भीनी महक और वहां अपनों का प्यार ऐसा देश है कहां, जहां करते हैं हम चांद तारों से बात।।पुरी तरह से एक भारतीय लुक देने की कोशिश किया था। छोटे-छोटे दुकान जहां पर लालटेन लगा था कुछ टेबल कुर्सी भी लगा था।फिर सब धीरे धीरे वहां पहुंच गए।माया ने देखते ही कहा भाई दिलखुश कर दिया और अपना अंश भी अपने पापा के साथ।गोलगप्पे, पापड़ी चाट, चिल्ला, ढोकला,दाल बाटी चोखा,आलू चाट , टिक्की,दही वाले गोल गप्पा, लस्सी, गाजर का हलवा और रबड़ी।।संजना ने कहा अरे वाह विक्कू तुमने तो मुझे मेरी हर खुशी दे दिया।विक्की ने कहा हां अब चलो सब खाते हैं।आज मुझे मेरे दो दोस्त याद आ रहे हैं अतुल बिमल अगर यहां होते।माया ने कहा हां भाई क्या हुआ कब आ रहे हैं।विक्की ने कहा मैंने टिकट बुक करवाया और भेज दिया है पर कुछ पता नहीं चल पाया कि कहा है दोनों?सारा ने कहा वाह क्या बात है मजा आ गया।फिर सब मिलकर गोल गप्पा खाने पहुंच गए।विक्की ने कहा चचा सबको खिलाओ।सागर के पापा मम्मी, माया, सागर, संजना और विक्की  सारा सब लाइन से खड़े हो गए।सब ने बहुत ही अच्छे से गोल गप्पा खाया और फिर विक्की की तारीफ करते नहीं थके।
विक्की ने अब दूसरे दुकान में चले।फिर सारे मिलकर पापड़ी चाट खाने पहुंच गए।।सारा ने कहा भाई क्या हमेशा के लिए ये दुकाने यहां लग सकती है?. विक्की ने कहा हां क्यों नहीं आइडिया अच्छा है।सब हंसने लगे।यहां पर सबके हाथ में पापड़ी चाट आ गया था।सब लोग खाने में व्यस्त हो गए ‌विक्की को अचानक याद आया कि नैना को भी यह सब बहुत पसंद था इस बात पर विक्की के आंखों से आंसू निकलते हुए देखा तो संजना ने कहा लगता है हरी मिर्च खा लिया।विक्की ने कहा हां यार एक हरी मिर्च खा गया जो नासूर बन कर आंख से निकल गया।वहां से अब सब दाल बाटी चोखा खानें पहुंच गए।भारतीय संस्कृति देख कर परदेस में कितना मन गदगद हो गया सबका।परदेस में अगर ऐसा हो जाए तो क्या बात है।
विक्की ने कहा हां सही कहा अंकल आपने यही होगा जरुर एक दिन ऐसा मैं करूंगा।माया ने कहा हां मैं भी चाहती हुं पर क्या हुआ जो बिमल और अतुल नहीं आया।कोई मुसीबत खड़ी हो गई क्या?विक्की ने कहा दीदी उनका कोई और नम्बर है क्या?माया ने कहा हां है तो एक नम्बर अतुल ने निलेश को दिया था निलेश के फोन पर होगा मेरे बैग में ही रहता है मैं देखती हूं।फिर माया ने बैग से निलेश का मोबाइल निकाला और फिर देख कर बोली हां एक नम्बर है।विक्की ने जल्दी से अपने मोबाइल पर सेव किया और फिर उस नंबर पर कॉल किया।फोन एक लेडी ने उठाया और फिर बोली कौन।विक्की ने कहा अतुल है?वो बोली हां है पर आप।विक्की ने कहा आप प्लीज उसे दिजिए फोन।फिर वहां से आवाज आई हैलो।विक्की ने कहा अतुल कहां हो? कैसे हो?. अतुल ने कहा विक्की तुम।विक्की ने कहा हां मैं।अतुल रोने लगा और फिर बोला कि मैं मैं।विक्की ने कहा हां क्यों क्या हुआ।बिमल बोला अरे भाई विक्की बहुत बुरा हुआ अतुल के साथ।विक्की ने कहा अरे बाबा अब क्या हुआ।बिमल ने कहा कि उसकी शादी तय हो गई थी पर उस लड़की ने धोखा दिया किसी और से शादी कर ली।विक्की ने सुन कर कहा अरे बाबा जाने दो ना तुम लोग बस यहां आ जाओ यारों। मेरी शादी हो रही है।अतुल ने कहा हां पर नैना आ गई क्या?विक्की ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है मेरी शादी संजना से हो रही है।बिमल ने कहा हां ठीक है हम आ रहें हैं टिकट भी मिला था पर ये अतुल है कि बस खुद को मारना चाहता है।विक्की ने कहा अरे पागल हो गया है क्या। तुम लोग बस यहां आ जाओ।बिमल ने कहा हां ठीक है।फिर अतुल ने कहा हां ठीक है चलो चलते हैं पर विक्की किसी और से शादी कैसे कर सकता है?बिमल ने कहा हां ठीक है सबको ऐसा सोचना चाहिए।अतुल ने कहा हां ठीक है मैं तैयार हो जाता हुं।रानी बुआ ने कहा हां चले जाओ तभी इस दुख से निकल पाओगे।
उधर विक्की ने माया को सारी बात बताई तो माया भी रोने लगी।
विक्की ने कहा हां मैं समझ सकता हूं पर क्या करें पर क्या करूं।वो लोग आ रहे हैं।संजना ने कहा हां हर किसी को नहीं मिलता यहां प्यार जिंदगी में।।विक्की ने कहा हां ठीक कहा तुमने। चलो अब हमलोग कुछ मिठाई खा लेते हैं।सारा ने कहा रबड़ी खाते हैं।फिर सब मिलकर रबड़ी खाते हुए बात करने लगे।संजना ने विक्की को अपने प्लेट से रबड़ी खिलाया और फिर विक्की भी मुस्कुराकर अपने प्लेट से एक चम्मच रबड़ी खिलाया।।अंश भी बहुत खुश नजर आ रहा था अपने पापा के गोद में।फिर सब ने गाजर का हलवा खाने लगे।माया ने कहा रामदीन काका रात का डिनर यहां हो गया अब कोई नहीं खाएगा।सब लोग हंसने लगे और फिर रामदीन ने कहा हां विक्की बाबा ने मना किया था दीदी।।संजना ने कहा हां ये ट्राई जरूर किजिए।विक्की ने कहा हां खिलाओ ना।सागर ने कहा हां मेरे भी मज़े है बीबी के हाथों से खाना खाने का अलग मजा है अंश को लेकर खुश हुं।
फिर माया ने कहा हां वही तो मेरी छुट्टी हो गई।सारा ने कहा भाई कल भी आएगा।विक्की ने कहा हां मेरी बहन है जो एक बार बोल दिया वो पत्थर की लकीर।सारा ने ताली बजा कर खुशी जाहिर किया और फिर विक्की के गले लग गई।संजना ने कहा हां ठीक है मैं भी सारा के साथ हुं।फिर सब खाना खाने के बाद अन्दर पहुंच गए और फिर सबने गुड नाईट बोल कर अपने अपने कमरे में चलें गए।विक्की ने कहा संजू कल से तुम्हारे दिन शुरू हो रहें हैं जल्दी तैयार हो जाना।दुकानें लग जाएगी।सारा ने कहा भाई मुझे भी दिलाओगे ना।विक्की ने कहा हां मेरी बहन।संजना ने कहा हां पर क्या क्या।विक्की ने कहा पहले तो साड़ियां और गहने मैचिंग।संजना ने कहा हां पर विक्की मुझे तो साड़ी गहने ये सब मैचिंग पसंद नहीं तुम भुल गए क्या?विक्की ने कहा नहीं भुला हुं पर कभी कभी आदतें बदली जा सकती हैं मेरे लिए।संजना ने कहा हां ठीक है कुछ ले लुंगी वरना साड़ी मैं कैरी नहीं कर पाती।विक्की सोचने लगा कि नैना को भी साड़ी पसंद नहीं था पर वो मेरे लिए पहना करती थी।संजना ने कहा विक्की कुछ कहां तुमने।
विक्की ने कहा नहीं कुछ नहीं और फिर मन में सोचा काश तुम सुन पाती।संजना ने कहा हां मैं सोने जा रही हुं।सारा ने कहा भाई तू खुश नहीं हैं ना?विक्की ने कहा हां मैं खुश हूं।सारा ने कहा नहीं भाई तू खुश नहीं हैं दिल रो रहा है तेरा।विक्की ने कहा अरे बाबा मेरी मां कब इतनी बड़ी हो गई तूं।सारा हंसने लगी और फिर बोली चलो सोने चले।फिर दोनों दादाजी के कमरे में जाकर सो गए।सारा ने पूछा भाई बाबा कैसे थे।विक्की ने कहा अच्छे थे?सारा ने कहा पर मैं तो बस यही सुनी कि बाबा ने मेरी मां को छोड़ दिया था।विक्की ने कहा जाने दो सारा कुछ अतीत ऐसे ही होते हैं जिन्हें न जानो तो अच्छा।सारा ने कहा हां ठीक है भाई।फिर दोनों सो गए।दूसरे दिन सुबह से ही पुरे बंगले को फुलों से और लाइटों से सजाया जा रहा था।फिर सब जल्दी जल्दी नाश्ता करने लगे और फिर विक्की ने कहा दीदी कुछ देर बाद ही साड़ी गहने सब आ जाएंगे।आप सबको जो जो लेना है वो ले लिजियेगा।मैं सबको ही शापिंग करवाना चाहता हूं।संजना ने कहा हां ठीक है तुम चिंता मत करो मैं हुं ना।नाश्ता करने के बाद विक्रम सिंह शेखावत ने कहा मुझे कुछ देर के लिए जाना होगा आप लोग सब देख लेना।संजना ने कहा हां ठीक है मैं लहंगा ले लुंगी।माया ने कहा हां साड़ी भी।कुछ देर बाद ही अतुल और बिमल भी आ गए।विक्की ने देखते ही गले से लगा लिया और फिर बोला अगर तुम लोग नहीं आते तो सब कुछ बहुत ही सुना सुना सा लगता।बिमल ने कहा हां आता कैसे नहीं यार की शादी में।अतुल थोड़ा सा चुपचाप था तो विक्की ने कहा अरे यार जो गया सो गया जिंदगी किसी के लिए रूकती नहीं है।बिमल ने कहा हां ठीक कहा तुमने पर ये है कि मर रहा है।विक्की ने कहा हां मैं समझ सकता हूं।अतुल ने कहा नैना को भुला दिया?विक्की ने कहा हां वही समझो।अतुल ने कहा पर तुम्हारी आंखों में कुछ और है।विक्की ने कहा चलो मैं आ रहा हूं तुम लोग नाश्ता कर लो।फिर विक्की की आंख भरी हुई थी और फिर वो गाड़ी में बैठ कर रोने लगा कहते हैं कि रोने से दुःख थोड़ा कम हो जाता है।अब क्या विक्की संजना को जिंदगी भर का साथ देगा ये जानने के लिए अगला अध्याय जरूर पढ़ें।क्रमशः