गाँव के किनारे एक छोटा सा घर था, जहाँ आर्यन और रिया रहते थे। दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त थे, साथ खेलते, पढ़ते, और एक-दूसरे की मदद करते थे। उनके बीच एक अनजाना सा रिश्ता था, जिसे वे खुद भी समझ नहीं पाते थे। जब भी आर्यन रिया से मिलता, उसे लगता जैसे समय थम जाता हो। रिया के चेहरे पर एक मुस्कान, उसकी आँखों में गहरी मासूमियत, सब कुछ आर्यन को अपने अंदर समेट लेता था।
रिया भी आर्यन को बहुत पसंद करती थी, लेकिन उसे यह अहसास नहीं था कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं, कुछ और भी है। वह उसे भाई जैसा समझती थी, या फिर यह कहें कि उसकी अपनी दुनिया थी, जिसमें आर्यन का होना बहुत मायने रखता था। दोनों एक-दूसरे से अलग होते हुए भी कभी एक-दूसरे से दूर नहीं जा सकते थे।
एक दिन, गाँव में बड़े पैमाने पर एक मेला हुआ। मेला एक खुशियाँ और रंग-बिरंगे झूले लेकर आया था, और इस मौके पर आर्यन और रिया ने एक साथ जाने का तय किया। वे दोनों पूरे दिन साथ रहे, झूला झूलते, मिठाई खाते, और आपस में बेतहाशा हँसी मजाक करते। लेकिन मेला खत्म होने के बाद, आर्यन का मन कुछ उदास था। रिया ने यह देखा और पूछा, "क्या हुआ आर्यन? तुम कुछ उदास लग रहे हो।"
आर्यन ने गहरी साँस ली और कहा, "रिया, तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।"
रिया ने धीरे से कहा, "क्या बात है आर्यन? मुझे डर लगा रहा है।"
आर्यन ने उसके चेहरे को देखा और कहा, "रिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। बचपन से आज तक, तुम्हारे बिना मेरी ज़िंदगी अधूरी है। मैं यह नहीं कहता कि तुम मेरी ज़िंदगी में हर हाल में रहो, लेकिन यह सच है कि अगर तुम मुझे छोड़ दोगी तो मैं अपनी ज़िंदगी किसी और के पास नहीं रह सकता। मेरी दुनिया सिर्फ तुम हो।"
रिया चुप रही। उसके दिल में भी एक हलचल थी, लेकिन उसे यह डर था कि कहीं वह आर्यन को खो न दे। रिया ने धीरे से कहा, "आर्यन, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन मुझे डर है। हमारी ज़िंदगी आसान नहीं होगी। मैं नहीं चाहती कि हम दोनों अपनी ज़िंदगी को किसी डर के साथ जीएं। अगर हम दोनों का प्यार सच है, तो हमें अपनी राहें अलग करनी होंगी।"
आर्यन को यह बात बहुत कठोर लगी, लेकिन उसने कभी भी रिया को ज़बरदस्ती नहीं किया। उसने अपनी आँखों में आंसू लिए, "तो फिर हम कभी नहीं मिल पाएंगे?"
रिया की आँखें भी भर आईं। "नहीं आर्यन, हम कभी नहीं मिलेंगे, लेकिन यह सच है कि तुम्हारे बिना मेरी ज़िंदगी भी अधूरी रहेगी।"
समय गुजरता गया। आर्यन और रिया दोनों ने अपनी ज़िंदगी में नई राहें चुनीं। आर्यन ने एक नई नौकरी शुरू की, और रिया ने अपनी पढ़ाई पूरी की। दोनों के दिलों में एक-दूसरे का प्यार हमेशा बना रहा, लेकिन वे एक-दूसरे से दूर थे। दोनों के जीवन में नए लोग आए, परंतु एक अजनबी से भी ज्यादा खामोश रूहानी रिश्ता एक-दूसरे के दिलों में बना रहा।
कई सालों बाद, एक दिन रिया ने आर्यन को एक फोन कॉल किया। दोनों ने बहुत कुछ नहीं कहा, बस यह महसूस किया कि उनका प्यार कभी खत्म नहीं हुआ। आर्यन ने कहा, "अगर तुम नहीं मिली होती, तो शायद मेरी ज़िंदगी भी अधूरी होती। मुझे किसी और के पास रहकर भी चैन नहीं आता।"
रिया ने हलके से मुस्कुराते हुए कहा, "तुम सही कहते हो, हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए कि हम अब एक-दूसरे की ज़िंदगी में नहीं हैं। हम दोनों ने अपने रास्ते अलग किए हैं, और यही हमारी किस्मत थी।"
दोनों की ज़िंदगी में बहुत कुछ बदल चुका था। आर्यन अब शादीशुदा था, और रिया भी अपने जीवन में खुश थी। लेकिन उन दोनों की आँखों में वह प्यार हमेशा के लिए जिन्दा था। कभी ना-कभी वे एक-दूसरे के बारे में सोचते थे, और एक गहरी यादों में खो जाते थे।
किसी और के पास रहेंगे, इस वादे के बावजूद, वे दोनों हमेशा एक-दूसरे के दिलों में बसते रहे। जिंदगी ने उन्हें अलग किया, लेकिन प्यार का कोई अंत नहीं होता। प्यार वही रहता है, बस रास्ते बदल जाते हैं।