PYAAR KA ZEHER - 72 THE LAST EPISODE in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का जहर - 72 (अंतिम भाग)

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प्यार का जहर - 72 (अंतिम भाग)

कुछ देर बाद. . .

' अच्छा सुनो दिव्या में अब जा रहा हु. तुम्हे आना हो तो आओ. मुझे लेट हो रहा है. बहार चाय की टपरी पर मेरे दोस्त मेरा इंतजार कर रहे है. लेकिन पता नही तुम इतनी जिद्दी कब से हो गए. ' 

' ओह रियली तो अब आप से डायरेक्ट तुम वाह यार आपके ये अचानक वाले बदलाव. अच्छा है आप जाओ हम भी नही आ रहे अब तो. आपको जाना हो जाओ.

' अरे गुस्सा क्यों हो रहे हो. चलो भी अब में वेट कर रहा हो आप गुस्सा मत करो पता है ना गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नही है. दिव्य बोली. . . '

' हा ठीक है हम बस 5 मिनट में आए आप बस 5 मिनट वेट कीजिए ठीक है. और हा घर वालो को बोल कर आती हु की. हम बाहर जा रहे है. राहुल बोला. . . '

' ठीक आप जाओ भी अब. लेट हो रहा है. मेरे दोस्त रिशु के कई सारे कॉल्स आ चुके है. प्लीज आप जल्दी कीजिए. जल्दी आइए.

10 मिनिट के बाद. . .

' सॉरी यार रिशु भाई देख ना भाई तेरी दिव्या भाभी कितना लेट करती है. नखरे करने लगी बाद में तैयार होने गई. तुमको इस लिए इतना वेट करना पड़ा. रिशु बोला. . . ' 

' कोई बात नही राहुल भाई ये तो अक्षर दो प्यार करने वालों के बीच चलता रहता है. इसमें क्या सॉरी बोलना इट्स ओके. दिव्या बोली. . . ' 

' हा देखिए ना रिशु भाई. ये मेरे में क्या क्या बोल रहे है. बल्कि लेट इनकी वजह से हुआ है. और नाम मेरा बदनाम कर रहे है. रिशु बोला. . . ' 

' अरे भाभी जी इट्स ओके नो प्रोब्लम चलता है. इतना तो इतने में क्या गुस्सा करना. जस्ट चिल बस ये सब छोटे मोटे विचारो की वजह से लड़ो मत. राहुल बोला. . . ' 

' हा तो रिशु भाई बताओ क्या काम था. जो आपने हमे इतनी जल्दी बुलाया. कोई इंपोर्टेंट बात है क्या. अगर इंपोर्टेंट है तो बताओ. रिशु बोला. . .' 

' दिव्या भाभी आप यहा पर बैठ कर वेट करना हम लोग बस कुछ ही देर में आए ठीक है. पर हा यही से कही पर भी जाना मत. वरना हम आपको कहा ढूंढ ते फिरेंगे. दिव्या बोली. . . ' 

' लेकिन जल्दी आना आप लोग. वरना में ज्यादा देर तक वेट नही करने वाली. फिर आप जानो और आप लोगो का काम. राहुल बोला. . . ' 

' अरे माय जान टेंशन ना लो. हम यूं गए और यूं आए ठीक है. आप बस थोड़ी देर बैठो हम बस अभी आए. और हा कुछ ऑर्डर कर देना तब तक के लिए. वरना ऐसे मत बैठे रहना ओके. दिव्या बोली. . .' 

' ठीक है आप जल्दी जाओ और जल्दी आओ. अब ज्यादा लेट मत करो जल्दी जाओ. में यहा पर बैठे बैठे बोर हो जाऊंगी. ' 

कुछ देर बाद. . .

' अरे रिशु भाई तुम ने मुझे इस बीच के बीचों बीच क्यू लाकर खड़ा कर दिया. सब ठीक तो है ना मेरे भाई. कुछ गडबड तो नही है ना. रिशु बोला. . . ' 

हा मेरा तो सब ठीक है. लेकिन मुझे लगता है. की अब तुम्हारा कुछ भी ठीक नहीं रहेगा. क्यू की तुमने मेरी दिव्या को फसा कर उसको अपने वश में कर लिया है. और में यह हरगिज नहीं होने दूंगा. आज में तुम्हे अपने इन हाथो से मार कर मेरी दिव्या को हमेशा हमेशा के अपनी बना लूंगा. राहुल बोला. . .' 

' ये क्या बकवास कर रहे हो यार. तुम अपनी भाभी के बारे में ऐसा कैसे बोल सकते हो. होश में तो हो. दिव्या सिर्फ मेरी है. और किसी की नही हो सकती. और क्या सबूत है तुम्हारे पास. की वो तुम्हारी है. रिशु बोला. . .' 

' ये सब अब उपर जाकर उपर वाले को पूछना वो सब बता देगा. फिलहाल तुम्हे अपने हाथो से मरूंगा. और वो भी तड़पा तड़पा कर नही बल्कि एक झटके में खतम कर दूंगा तुम्हे. राहुल बोला. . . ' 

' बचाओ अरे कोई है प्लीज हेल्प मि. दिव्या प्लीज हेल्प मि. मुझे इस कमीने से बचाओ. दिव्या!!!!!!ह. रिशु बोला. . . ' 

' ये लो तुम्हारा खेल तो खतम हो गया. जल्दी से तुम्हारी लाश का ठिकाना ढूंढता हु. ऐसा करता हु की इस ब्रिज के नीचे ही फेक देता हु. ' 

कुछ देर बाद. . .

' ये राहुल और रिशु भाई को इतनी देर क्यों लग रही है. मुझे किसी गलत चीज होने के विचार क्यू आ रहे है. क्या हुआ होगा सब ठीक तो होगा ना. मुझे लगता है. मुझे भी वहा उन लोगो को पास जाना चाहिए. अनजान व्यक्ति बोला. . .' 

' अरे सुनो मैडम आपके पास जो सर थे ना उनकी तो लाश पानी में तैर रही है. जल्दी जाइए वरना लाश भी नही मिलेगी आपको आपके प्रेमी की. दिव्या से. . . ' 


' क्या उस कमीने रिशु ने हमे धोका दिया हैं. में उसे छोडूंगी नही. राहुल!!!!!!!!!!!!!! राहुल. तुम मुझे ऐसे छोड़ कर नही जा सकते राहुल!!!!!!!!!!!!! राहुल. . .' 

                                                                    समाप्त

               [ दोस्तो यह स्टोरी यहा तक रहेगी. अब इसका दूसरा सीजन बहुत जल्द लायेंगे. धन्यवाद ]