हिमानी आगे आगे चलती है और बाकी सब पीछे पीछे, हंशित अपने कैमरे से तस्वीरे निकाल रहा था।
यार लव ये लड़की तो वाकई तीखी मिर्च जैसी है इसकी जोड़ी तो अपने हंशित के साथ खूब जचेगी दोनो एक जैसे ही है जिद्दी देख जरा दोनो केसा एक दूसरे से मुंह फूला कर चल रहे है। कुश ने कहा
"क्या तुम लोग भी कैसी बाते कर रहे हो अगर दोनों में से किसी ने भी सुन लिया तो बेवजह गुस्सा करेंगे ओर वो नकचड़ी गाइड हमें लेकर भी नही जाएगी इसलिए जरा जोड़िए कम मिलाओ और जिस काम से आए है वो कर लो पहले।
एक बार अगर बारिश शुरू हो गई तो फिर सब बेकार हो जाएगा ये पहाड़ है कोई पठार नही" श्रुति ने कहा
"वैसे ये सही कह रही है उस लड़की से ज्यादा पंगे मत लो बेवजह रूठ गई तो हमारा हीरो तो मनाने से रहा" जॉन ने कहा उसकी बात सुन सब हंसने लगे
उन्हें इस तरह हस्ते देख हंशित ओर हिमानी ने पीछे मुड़कर देखा और हंशित बोला" क्या हुआ क्यू हस रहे हो"
"कुछ नही भाई बस ऐसे ही हसी निकल गई कोई बात याद आ गई थी" कुश ने कहा
"यहां ध्यान से चलये ये पहाड़ है यहां जरा सी चूक बहुत बड़ा हादसा बन सकती है ये कोई आपका शहर नही है जहां सड़को पर जैसा चाहे चलो आवारा गर्दी करते हुए 'हिमानी ने कहा
"सुना मैडम जी ने क्या कहा आराम से चलो वरना नीचे गिर जाओगे ये कोई शहर की सड़क नही है" हंशित ने कहा ओर हसने लगा
उसको देख उसके दोस्त भी हसने लगे।
"ऐसा भी क्या कहा मैने जो आप लोग इतना पागलों की तरह हस रहे है, आप शहरी लोगो का यही एक मसला है उन्हे किसी की बात समझ नही आती है बस उन्हे दूसरो पर हंसना आता है " हिमानी ने कहा
"ऐसा नही है हिमानी तुम गुस्सा मत हो हम लोग ऐसे ही है' श्रुति ने कहा
हिमानी बिना कुछ जवाब दिए आगे बढ़ती रही,
"मैडम जी थोड़ी देर रुक जाए कब से चले जा रहे है मैं तो थक गया" लव ने कहा
ये सुन हिमानी रुकी और बोली' साहब आप लोगो को जहा जाना है वो जगह अभी दूर है ऐसे ही रुकते रूकते गए तो अंधेरा यही हो जाएगा ओर शाम को मुझे घर भी पहुंचना है अब आप ही सोच ले रुकना है या चलना है"
"क्या यार लव तू तो अभी से थक गया अंदर तो तू बहुत बड़ी बड़ी बाते कर रहा था, चल अब चल वरना देर हो जाएगी पहुंचने में तू तो मुझसे भी पहले थक गया तू तो लड़का है और मैं लड़की" श्रुति ने कहा
ये सुन सब हसने लगे हिमानी भी मुस्कुराई, हंशित की नज़र उस पर गई और वो उसे मुस्कुराता हुआ देखने लगा। लेकिन तब ही हिमानी ने उसे देख लिया और उसने जल्दी से अपनी निगाह नीचे कर ली
अब चले या नही हिमानी ने पूछा
"चलो चलो हिमानी कोई नही रुक रहा" श्रुति ने कहा
सब चलने लगे, ये कितनी खडूस लड़की है जरा सी देर रुक जाते तो कोन सी आफत आ जाती लव ने कहा
धीरे बोल उसने सुन लिया तो यहां तक आना बेकार हो जाएगा ओर वो हमे यहां छोड़ कर भाग जाएगी। जॉन ने कहा
"सही कहा तूने भाई बहुत ही अकडू लड़की है' लव ने कहा
सब लोग बाते करते हुए आखिर कार पहुंच ही गए जहा से नीचे का नजारा बेहद खूबसूरत दिख रहा था और सामने बर्फ से ढकी पहाड़िया भी।
आसमान धुएं की तरह दिख रहा था। हंशित ने खूब सारी तस्वीरे ली उन्होंने वहा खाना खाया और काफी देर बाद नीचे उतरने लगे तब ही अचानक हिमानी के पैर के नीचे पत्थर आया और वो गिरने को हुई।
लेकिन तब ही हंशित ने उसे कमर पर हाथ डाल कर पकड़ लिया।
दोनो किसी रोमांटिक कपल की तरह लग रहे थे दोनो एक दूसरे की आंखो में खो से गए उन्हे पता नही चला की बाकी लोग उन्हे देख रहे है।
"वाह क्या रोमांटिक सीन है, काश मेरी भी बाहों में कोई ऐसे ही आकर गिर जाए और मैं उसे सहारा दू" कुश ने कहा
"चुप बे ढक्कन तेरी बाहों मे गिरने से अच्छा है की लड़की ज़मीन पर गिर जाए उसे शायद कम चोट लगेगी" श्रुति ने कहा
"बस भाई कितना देखेगा उसकी आंखो में डूब मत जाना" जॉन ने कहा हल्के से
तभी हिमानी को पैर में थोड़ा दर्द हुआ और उसने चारों और देखा जहा सारे लोग उन दोनो को ही देख रहे थे।
"छोड़ो मुझे तुम लडको को तो बस मौका चाहिए" हिमानी ने कहा और उससे दूर हुई
"तुम ठीक तो हो" हंशित ने पूछा
तब ही श्रुति भी वहा आई और बोली " हिमानी तुम ठीक तो हो तुम्हे कही ज्यादा तो नही लगी
"नही नही ठीक बस पत्थर नीचे आ गया था पैर के और कुछ नही हुआ अब ठीक हू चलते है" हिमानी ने कहा
और थोड़ा लंगड़ाती हुई आगे बड़ी
" कितनी अजीब लड़की है थैंक्यू तक नही कहा इसने तो हंशित ने कहा पीछे चल रहे अपने दोस्तो से
"चल छोड़ कोई बात नही वैसे तुम दोनो बाहों में बाहें डाले बेहद खूबसूरत लग रहे थे, और तू, तुझे क्या हुआ था उसकी आंखो में ऐसे देख रहा था मानो कोई प्रेम कहानी चल रही हो उसकी आंखो में और वो भी तेरी आंखों में ऐसे ही देख रही थी मानो तेरी आंखों को पढ़ना चाह रही हो कसम से कितने रोमांटिक लग रहे थे तुम दोनो कही ये तेरी सोल मेट और हमारी भाभी तो नही जिस तरह की तुम्हारी पहली मुलाकात हुई उसके बाद उसका हमारा गाइड बन कर हमारे साथ आनी मुझे तो ये गॉड का कोई इशारा लग रहा है क्यू ना भाईयो" जॉन ने कहा
"ए कुछ भी मत बोलो तुम लोग, बेवजह की खुशफहमिया मत पालो बस उसका पैर फिसला और मैं नजदीक खड़ा था तो उसे पकड़ लिया बस इसमें इतना सोचने वाली बात क्या है मेरी जगह तुम भी हो सकते थे वहा" हंशित ने कहा
"थे तो नही, वहा तू था उसे तुझे ही गिरने से बचाना था अब तू इसे किस्मत का इशारा समझ या कुछ और हमारे लिए तो ये कुछ और ही है" लव ने कहा
"ओर ये कुछ और का नाम क्या है जरा बताना" हंशित ने पूछा
"मेरे भाई वही जो मजनू को लैला से हुई थी, रांझा को हीर से हुई थी और जिसकी दुनिया हमेशा से दुश्मन रही है मेरे भाई मोहब्बत, शायद ये आगाज़ ए मोहब्बत है "कुश ने कहा
"ऐसा कुछ भी नही है जैसा तुम समझ रहे हो वो बस एक इत्तेफाक था जो हो गया" हंशित ने कहा
"ठीक है भाई मान लिया की ये दोनो इत्तेफाक थे लेकिन अगर अब कुछ और होगा तो समझ लेना ईश्वर का कोई इशारा है और वो तुम दोनो को करीब ला रहा है" कुश ने कहा
"चलो ठीक है देखेंगे अब ज़रा ध्यान से नीचे देख कर उतरो कही खाई में ना गिर जाओ" हंशित ने कहा
कमीने हम यहां तेरी प्रेम कहानी की बाते कर रहे है और तू हमारे मरने की दुआ मांग रहा है शेम आन यू हंशित शेम आन यू। जॉन ने कहा
वो लोग धीरे धीरे नीचे उतर कर आने लगे सूरज डूबने लगा था और ऊपर से पहाड़ों के बीच सूरज डूबने की तस्वीर बेहद अच्छी आ रही थी हंशित ने वहा से भी सेटअप लगा कर खूब तस्वीरे ली।
वो नीचे उतर आए।
मैं तो बहुत थक गया जाकर रूम पर आराम करूंगा। कुश ने कहा
सही कहा भाई टांगे जवाब देने लगी है, ये अब बिस्तर चाहती है। लव ने कहा
तब ही वहा भव्या आती ओर कहती" अरे दीदी आप यहां केसे सेलानियो को लेकर मंदिर दर्शन के लिए नही गई आरती शुरू होने वाली है"
ये कोन लोग है
हिमानी कुछ और कहती तभी लव उस पर लाइन मारते हुए कहता है" हेलो क्या तुम इनकी बहन हो तुम तो हस मुख लग रही हो अपनी दीदी से बिलकुल अलग हो"
हिमानी ने उसकी तरफ देखा, भव्या को थोड़ी हसी आई वो अपनी हसी रोक कर बोली" आपकी तारीफ"
"इस ना चीज को लव कहते हैं" लव ने कहा
दोनो कुछ और कहते तब ही हिमानी बोल पड़ती है" यहां केसे आई तू घर पर कोन है"
"घर पर कोई नही है सब शाम की आरती के लिए गए है मैं भी वही जा रही थी लेकिन आप मिल गई वैसे बताया नही ये लोग कोन है" भव्या ने पूछा
आपकी दीदी तो नही बताएंगी लेकिन हम बता देते है मेरा नाम हंशित है, ये मेरी दोस्त श्रुति और ये तीनों लव, कुश और जॉन है और हम सब यहां अपने प्रोजेक्ट के लिए तस्वीरे लेने आए है और आपकी दीदी हमे वो जगह दिखा रही है सुना है आपकी दीदी जैसा कोई गाइड नही इस केदारनाथ में जो हमे खूबसूरत जगह घुमा सके क्या ये सही बात है। हंशित ने कहा
हिमानी ने उसकी तरफ देखा गुस्से से
"जी सही सुना है आपने दीदी के दिल में बसता है केदारनाथ धाम, यहां की हर एक जगह दीदी ने अपनी आंखो में बसा रखी है यू कहे कि पहली मोहब्बत है केदारनाथ दीदी का" भव्या और कुछ कहती लेकिन तभी हिमानी ने उसे खामोश कर दिया और बोली" तुझे देर नही हो रही है पूजा में जाने के लिए यहां खड़ी बाते कर रही है' "
"दीदी वो पूछ रहे थे तो बता दिया" भव्या ने कहा
"सब कुछ बताएगी अगर उन्होंने पूछा है तो " हिमानी ने गुस्से मे कहा
"दीदी नाराज तो मत हो" भव्या ने कहा
तभी हंशित बोला" आपका नंबर मिल सकता है कल हम कैसे मिलेंगे दोबारा"
नही है कोई नंबर शंबर बस लड़की देखी नही नंबर मांगना चालू आ जाना ८ बजे ठीक उसी दुकान पर जहां आज आए थे।
अच्छा अब मैं जाति हू मुझे भी पूजा करने जाना है आप में से कोई चलेगा साथ ।
हंशित बेचारा मुंह देखता रहा उसका, भव्या अपनी दीदी को इस तरह बात करते पहली बार देख रही थी।
मैं तो बहुत थक गया हूं लव ने कहा ओर मैं भी कुश बोला, हंशित जाएगा नही, आप श्रुति को ले जाओ बाकी हम सब रूम पर जा रहे है जॉन के साथ चलो भाईयो। लव ने कहा
श्रुति, भव्या और हिमानी मंदिर की तरफ चल दी। हंशित हिमानी को पलट पलट कर देख रहा था
भव्या उसे ऐसा करते देख रही थी।
"बड़ी खडूस लड़की है अपना नंबर नही दिया हमने कोन सा उसे रात को मैसेज करना थे," कुश ने कहा
"चल छोड़ यार ये छोटे शहरों की लड़किया होती ही ऐसी है एटिट्यूड में रहती है" हंशित ने कहा और चारो रूम पर आ गए। थैंक गॉड आज का दिन तो अच्छे से गुज़र गया अब पता नही आगे क्या होगा, क्या यूं ही उस खडूस और नक चढ़ी लड़की के साथ हम घूमते रहेंगे कितनी बोरिंग लड़की है वो। जॉन ने कहा
"हाँ, यार सही कहा तूने इतना भी कोई बोरिंग होता है क्या" कुश बोला
"छोड़ो अब तुम लोग ये बातें। थोड़ी देर आराम करते है फिर ये सारी तस्वीरे सेलेक्ट करके और एडिट करके वेबसाइट पर भी अपलोड करना है" हंशित ने कहा
उसके बाद वो सब बिस्तर पर गिर पड़े।
आगे की कहानी अगले भाग में