internet wala love - 96 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | इंटरनेट वाला लव - 96

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इंटरनेट वाला लव - 96

प्लीज आंटी जी अब रस्म शुरू करवाए. अब लेट मत कीजिए. बाते तो बाद में होती रहेंगी. अगर लेट हो गया. तो फिर ये रस्म अधूरी रह जायेगी. तो फिर मेरी दोस्त की शादी पूरी हो नही पाएगी.

हा बेटा बिलकुल क्यू नही. ये लो गौरी बेन ये लो इस को हल्दी की थाली के बाजू में रखो. और अब शुरू करो हल्दी की रस्म.

बारात वाले दिन. . .

अरे समीर बेटा सुनो तो दूल्हे और दुल्हन के लिए वरमाला लाए की नही. अरे ऐसे चुप क्यों हो. बोलो लाए हो ना. दूल्हे और दुल्हन के वरमाला.

वो वो आंटी जी एक्युअली वरमाला तो लाना रह गया है.

क्या, हे भगवान ये सब एंड मोमेंट में ही क्यों ऐसा होता है. अब क्या करेंगे. सुनो समीर बेटा किसी को जल्दी भेजो वरना खुद जाओ और लाओ वरमाला.

जी जी आंटी अभी हम खुद ही जाकर लेकर आजाते है. आप बस 5 मिनट रुको. में बस यू गया और यू आया.

हा ठीक है जाओ और जल्दी लेकर आओ. हम यहा इंतजार कर रहे है. लेट मत होना देखो वरमाला के लिए सब परेशान है.

अरे ये कैसे लोग है. इन लोगो को सब पहले से इंतजाम कर के रखना चाहिए. ये लोग अब वरमाला ढूंढ रहे है. है होती है किसी भी बात की.

प्लीज आप इधर उधर की बाते ना करे. शादियों में तो अक्षर ऐसा होता रहता है. आप थोड़ा शांत रहे देविका जी. समीर बेटा गया है ना वो लेकर अभी आ जाएगा.

कुछ देर बाद. . .

बस बस आंटी जी बहस मत कीजिए में आगया हु. अब फेरे शुरू करवाए. ये लो वरमाला. और दीजिए दूल्हे और दुल्हन को.

ये लो पंडित जी. ये वरमाला दूल्हे और दुल्हन को दीजिए. और फेरे शुरू करवाए. मुहूर्त भी नकल ता जा रहा है.

जी लाइए वरमाला. ये लो हितेश बेटा और भूमि बेटी. इस वरमाला को एक दूसरे के गले में पहना कर पहला फेरा शुरू करो.

साथ फेरो के बाद. . .

अब वर और वधू अपने माता पिता के पाऊं छू कर आशीर्वाद ले लो.

अरे रे.. नही नही हमारी बहु ऐसे पाऊं नही छूती. हमारी बहु तो गले लगती है. आ जाओ गले लग जाओ. ओ मेरी प्यारी बच्ची. खुश रहो और फूतो फलों.

अरे जीते रहो बेटा जीते रहो. भगवान तुम दोनो की जोड़ी हमेशा ऐसे ही जोड़ कर रखे.

ठीक रात 9 बजे. . .

अरे समीर भाई और आस्था जी आप लोग अभी तक यही घूम रहे हो. अभी सोने नही जाना क्या.

हम लोग तो सो जायेंगे पर आप और भाभी मत सो जाना ठीक है आज का जो कार्य है वो जरूर करना ठीक है. ऑल द बेस्ट.

अरे समीर भाई तुम भी कमल करते हो. में कोई जंग थोड़ी लड़ने जा रहा हु. जो तुम मुझे ऑल द बेस्ट कहने आए हो.

अरे हितेश जी ये जंग लड़ने जैसा ही है आप ने अब शादी की कर ली है. तो अब आपको भी पता चल जायेगा. की शादी को असल में कहते क्या है.

अरे आस्था जी आप भी ऐसा बोल रही है. इन समीर भाई की बातो में आकर ये घाटियां सी बकवास कर रहे हो. अब तुम लोग जाओगे भी या में तुम लोगो को धक्के मार कर निकालू. बोलो तो जरा.

हा अब तो भाई धक्के मार कर भी निकाल देंगे. आखिर कार बीवी जो आ गई है. कोई बात नही भाई देख लेंगे हम आपको.

अरे नौटंकी बाजों अब तुम लोग ऐसे नही मानोगे. रुको तुम लोगो को तो में.. .

अरे भाई जा रे जा रे. आगे मत आओ आगे मत आओ. आप रूम से मत निकालो. हम जा रे. अब आप शुरू करो अपनी जंग. 

पढ़ना जारी रखे. . .