Momal :Diary ki gahrai - 47 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 47

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

मोमल : डायरी की गहराई - 47

पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती है जिसका दिल धड़कता नही है और वो सिर्फ अब्राहम और मोमल को देखते रहती है। एक बार फीलिक्स ने उसे अपने कमरे में देख लिया तो उसने मोमल का रूप ले लिया लेकिन उसे नही मालूम था के फीलिक्स दिल देख सकता है जिस से उसे पता चल गया के ये औरत मोमल नही है। वो इस बारे में अब्राहम से बात करना चाहता था लेकिन उसे मौका ही नहीं मिल पा रहा था। रात को सोते समय भी फीलिक्स ने उस औरत को तालाब के किनारे पानी में पैर डुबाए बैठा देखा लेकिन इस बार उसने उसका पीछा नहीं किया ना ही कोई प्रतिक्रिया दिखाई बस देख कर सो गया। 

अब आगे :__
आज रविवार की सुबह थी इस लिए लूना और फेलिसिया अभी बिस्तर से उठी नही थी। रविवार की सुबह उन्हें ही सब से सुकून भरी मालूम होती है जिन्हें सुबह सुबह उठ कर कहीं जाना होता है। या तो स्कूल, कॉलेज या फिर ऑफिस। 
मोमल किचेन में कुछ ताज़े फलों का जूस और चाय बना रही थी। अब्राहम लॉन के पौधों को पानी देने बाहर गया। सुबह की भीनी खुशबू फैली हुई थी और पास के जंगल से कई तरह के चिडियों की आवाज़ें गूंज रही थी। उनमें से किसी की आवाज़ मीठी सी धुन जैसी थी जो मन को शांति प्रदान कर रही थी। किसी की तेज़ और कड़वी जो कान के पर्दे खोल दे। पानी देते हुए उसने देखा के फीलिक्स तालाब के किनारे खड़ा है। आसपास नज़रे दौड़ा रहा है जैसे चोरी छिपे किसी की तलाश कर रहा हो। 
अब्राहम ने उसे आवाज़ दी :" फीलिक्स!... क्या कर रहे हो वहां ?

फीलिक्स ने ब्लैक टीशर्ट और ट्राउज़र पहन रखा था। हल्की सी धूप खिली थी। जिसमे उसका गोरा रंग और चमकीला दिखाई दे रहा था। ट्राउज़र के जेब में दोनों हाथ डाल कर अब्राहम के पास आया और बोला :" कुछ नहीं बस यूं ही टहल रहा था। 
अब्राहम को याद आया के वो रात को कुछ बात करना चाहता था। उसने कहा :" हां तुम कुछ बात करना चाहते थे न!... क्या बात है बताओ!"

फीलिक्स ने सोचा के सुबह सुबह ये सब कहना सही है या नही लेकिन फिर सोचा के अभी बताना ही सही है दोनो बहने सोई हुई है जाग जायेगी तो फिर पीछा नहीं छोड़ेगी खास कर फेलिसिया। उसने रुके रुके लहज़े में कहा :" डैड दरअसल बात ये है की मैं ने एक........
इतना ही कहना था के लूना के ज़ोर से चीखने की आवाज़ आई। उसके चीखने के बाद फेलिसिया की भी चीखने की आवाज़ आई। अब्राहम फीलिक्स मोमल तीनों सब कुछ छोड़ छाड़ कर कमरे में दौड़े। कमरे में जा कर देखा तो दोनों बहन एक दूसरे से दहशत में लिपटी हुई है और मम्मा पापा की रट लगाए हुए हैं। उनकी नज़र नीचे फर्श पर टिकी हुई थी जहां देखने के बाद मोमल ने अपना दिल थाम लिया। अब्राहम हैरत में जम सा गया और फीलिक्स के रोंगटे खड़े हो गए। उन्हे दरवाज़े पर देख कर दोनों लड़कियां उनके पास आई और एक अब्राहम से और एक मोमल से लिपट गई। वे दोनो थर थर कांप रही थी। 
वहां फर्श पर एक लाश पड़ी थी और वो लाश लूना के कातिल पिता की थी। जिसके सीने में आर्टिफिशियल हाथी दांत गड़ा हुआ था जो दीवार पर सजावट के लिए लटकाया हुआ था और एक आंख को कलम घुसा कर बुरी तरह फोड़ दिया गया था। ये सब कब हुआ इन दोनो बहनों को कोई खबर नहीं थी। लेकिन लाश की आंखे पथरा गई थी और जिस्म बर्फ सा ठंडा लग रहा था। जो खून निकल आए थे वे भी कुछ जिस्म पर और कुछ फर्श पर बह कर जम गए थे जैसे जेली का थक्का हो। 

एक पल को अब्राहम ने सोचा के कहीं ये फीलिक्स ने तो नही किया इस खयाल से उसने एक नज़र फीलिक्स को सवालिया नज़रों से देखा। आखिर वो एक शैतान का वंशज है हो सकता है की उसने अपना आपा खो दिया होगा। फीलिक्स फौरन समझ गया उसने हवा निगलते हुए कहा :" मैं ने कुछ नहीं किया डैड!....आप ने मुझे खून करने से मना किया है और आपकी बात मेरे लिए पत्थर की लकीर जैसी है।"

दूसरे ही पल अब्राहम को अपने ऐसा सोचने पर मलाल हुआ। और सोचा के फीलिक्स भरोसे के काबिल है। हमे उस पर शक नहीं करना चाहिए। अब्राहम ने परेशानी में कहा :" हां ठीक है पुलिस को बुलाओ!.... लेकिन ये कैसे हो सकता है? कौन कर सकता है?"

उसने मोमल से लूना और फेलिसिया को बाहर ले जाने को कहा। दोनों बाप बेटे लाश का जायेजा लेने लगे लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था के ये किस का काम हो सकता है। फीलिक्स लाश के एक आंख पर गड़ा हुआ पेन उठाने ही वाला था के अब्राहम ने उस से लाश को हाथ लगाने से मना किया :" उसे छूना नही!...दूर से देखो पास मत जाओ! वरना पुलिस हम पर शक करेगी!"

डेनियल कहीं दूसरे शहर में टारंसफर हो गया था इस लिए उसने वहां के वर्किंग पुलिस को कॉल किया और हादसे की बात बताई। 

लूना और फेलिसिया बुरी तरह से सदमे में थी। उनका कांपना रुक नही रहा था। अब भी आंखे फटी फटी थी। सुबह नींद से उठते ही ऐसा मंज़र देखना किसी भूत को देखने से भी डरवना था। मोमल और फीलिक्स उन दोनों बहनों को संभालने में लगे हुए थे। अब्राहम परेशान परेशान हो कर इधर उधर टहल रहा था। घबराहट से रूह थर्रा गया था। कानों में जैसे लंबी सी सिटी बज रही थी। 

कुछ देर बाद पुलिस इंस्पेक्टर तीन कांस्टेबल के साथ आए जिनमें से एक लेडी थी। पुलिस ने लाश की छान बीन की। पुलिस उसे पहचान गई के इसे तो कुछ दिन पहले ही रिहा किया गया था। अब इसका ही कतल हुआ लेकिन लाश यहां कैसे ? 
कुछ देर तक पुलिस ने आसपास का जायेजा लिया फिर अब्राहम से कहा :" मिस्टर विल्डर!.... मर्डर तो यही हुआ है। इसके आंख में जो ये पेन गड़ा हुआ है ये आपकी बेटी का ही है? 

अब्राहम ने कहा :" हां ये उसी का है! और ये निकली हाथी का दांत भी यही दीवार पर टंगा हुआ था। लेकिन ये सब कब और कैसे हुआ हमे भनक तक नहीं लगी।"

पुलिस ने लूना से बात की उसने बताया के उन दोनो बहनों को कुछ भी पता नहीं के ये सब कब हुआ। वे जब उठी तब उन्होंने लाश देखा जो एक कोने में पड़ी थी जिसके बगल में एक बड़ी सी खिड़की थी। शायद वो खिड़की से अंदर आया होगा।"

लूना ने रोते रोते कहा :" सर प्लीज़ उसे ले जाइए हमे डर लग रहा है।"

इंस्पेक्टर ने एक टीम को बुलाया एंबुलेंस के साथ। कुछ ही देर में एम्बुलेंस आई और इन्वेस्टीगेटर की टीम आ कर वहां से लाश को उठाया। कई सारे जांच पड़ताल के बाद वे लाश को लेकर चले गए। 
इन सब में करीब तीन घंटे लग गए। इंस्पेक्टर ने अब्राहम से कहा :" आप लोग अभी कहीं बाहर नहीं जा सकते जब तक इन्वेस्टिगेशन चल रही है। देश या शहर से बाहर नहीं जा सकते। लाश की जांच होगी फिर कातिल का पता लग जायेगा।"

अब्राहम ने कहा :" मैं समझता हूं और इसमें हम आपका पूरा सहयोग करेंगे।"

इंस्पेक्टर भी एम्बुलेंस के पीछे पीछे चले गए।

सब अभी तक इसी कन्फ्यूजन में थे के आखिर ऐसा कैसे हो सकता है और किस ने किया होगा लेकिन फीलिक्स समझ गया था के हो ना हो ये उसी भूत का काम है जिसे उसने कई बार आसपास मंडराते देखा था। फीलिक्स गहरे सोच में डूबा हुआ था। वो उस औरत को पहचानने की कोशिश कर रहा था। 
उसे खोया हुआ देख कर अब्राहम ने पूछा :" क्या बात है फीलिक्स? तुम कुछ जानते हो तो बताओ।"

फीलिक्स ने कहा :" डैड मैं आप से बात करना चाहता था ना मुझे लगता है वो बात इस कतल से जुड़ा हुआ है।"

अब्राहम असमंजस में बोला :" अच्छा! ऐसी कौन सी बात है? 

फीलिक्स ने वहां बैठे सभी को एक नज़र देखा फिर कहा :" हम बाहर चल कर बात करें ? लूना और फेलिसिया पहले से डरी हुई है।"

अब्राहम ने कहा : हां चलो!"

दोनों बाप बेटे बाहर तालाब के पास खड़े हुए फिर फीलिक्स ने वो सारी बातें बताई जो उसने उस औरत में देखा था। पहले मॉल में फिर छत पर फिर अपने कमरे में मोमल का रूप लेकर फिर रात को तालाब के किनारे बैठी हुई। ये सब कुछ बताया और फिर कहा :" डैड वो कौन हो सकती है? और वो आप दोनो को क्यों देखती रहती है?

अब्राहम सोच में पड़ गया और दिल में एक भय की लहर दौड़ पड़ी। फिर उसने सोचते हुए कहा :" क्या वो तुम्हे जन्म देने वाली तुम्हारी गुजरी हुई मां तो नहीं? तुम उन्हे पहचान सकते हो?

फीलिक्स ने यकीन से कहा :" नही नही ये वो नही है!.... मुझे उनका चहरा थोड़ा थोड़ा याद है। वो नही है ये कोई और है।"

अब्राहम ने सोचते हुए एक लंबी सांस ली और फिर अचानक वो कहीं खो गया। आंखो में दहशत सी पैदा हो गई और धीमी आवाज़ में किसी एक तरफ नज़र टिकाए हुए बोला :" एलिस!"

फीलिक्स ने ठीक से सुनते हुए कहा :" क्या! क्या कहा आप ने ? एलिस?

अब्राहम ने कहा :" वो एलिस ही हो सकती है लेकिन उसे मरे हुए इतने साल हो गए अब वो यहां सिर्फ उसके पति को सज़ा देने तो नही आई होगी?.... समझ नहीं आ रहा है की वो एलिस ही है या कोई और!"

फीलिक्स ने कहा :" डैड रहने दीजिए ज़्यादा मत सोचिए !... जो भी है ये कतल कोई आम इंसान ने तो नही किया जिसने भी किया ठीक किया है।"

अब्राहम :" जो बाते तुम ने मुझे बताई ये सब पुलिस को भी बताना होगा भले ही उन्हें यकीन आए या ना आए!"

फीलिक्स :" हां मैं ज़रूर बताऊंगा।"

दिन तो भय और घनघोर अंधेरे कमरे में गुजारने जैसा था। लूना और फेलिसिया अब भी सदमे में थी। मुश्किल से मोमल ने उन्हे खिलाया पिलाया था। वे दोनो अपने कमरे की ओर देख भी नहीं पा रही थी। मोमल को भी बच्चों को उस कमरे में सोने के लिए भेजने में डर लग रहा था। आज उन्हे नींद तो आयेगी नही लेकिन रात होते होते वे और डरने लगी थी। 

(अगला भाग जल्द ही)