D J Chapter 1 in Hindi Love Stories by R D Digital books and stories PDF | D J Chapter 1

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D J Chapter 1

इस कहानी में , 

              एक लड़की एक लड़के से बहुत प्यार करती है मगर उन दोनों के बीच एक रावण आ जाता है और दोनों के बीच इतनी गलत फेमिया भर देता है  , इतनी गलत फेमिया भर देता है , की दोनों प्रेमी अलग हो जाते है और दोनों का प्यार अलग हो जाता है। 

        ये कहानी भी एक ऐसी ही कहानी से जुड़ी हुई है की दोनों के बीच प्रेम भी है मोहब्बतें भी है और विश्वास भी है मगर  इनके अलावा एक विलन भी होता है.....

___________________गांधीनगर___________________

ये कहानी 5 साल पुरानी है ........ 

गांधीनगर शहर में एक लड़का रहता था  , उस लड़के का नाम दिग्विजय था जो सिफ अपने काम से काम करता और वह काम के सिवाह किसी को बोलता भी नही था । 

एक दिन वह स्कूल में गया और स्कूल में उससे एक लड़की तकरै उस लड़की का नाम जानवी था  , दिग्विजय तो उस के काम से काम रखता था मगर उस जानवी को दिग्विजय से प्यार.. हो गया  ,  फिर तो रोज वह जानवी दिग्विजय को देखने के लिए सुबह सुबह स्कूल में आजाती थी  ,  रोज स्कूल मे जब टीचर क्लास मे लेक्चर ले रहे होते है तब भी वह जानवी लेक्चर नही मगर दिग्विजय को ही देखती थी। 

एक दिन जानवी ने दिग्विजय को प्रपोज किया दिग्विजय ने जानवी को कहा की ( देखो जानवी में प्यार में यकीन नहीं करता इस लिए तुम मुझे भूल जाओ ) फिर जानवी ने भी कहा की ( दिग्विजय मे अनाथ हु मेरा इस दुनिया में कोई भी नही है मे अकेली हु और में सिफ तुम से प्यार करती हु ) इस बात के बाद दिग्विजय को पता चला की जानवी अनाथ है और उसके बाद दिग्विजय को जानवी का प्रपोजर स्विकारना पड़ा। 

फिर दिग्विजय और जानवी दोनों साथ साथ ही आते थे और साथ साथ ही जाते थे, दिग्विजय और जानवी साथ साथ खाने के लिए भी साथ में बैठ ते थे और दोनों ने मिल के एक शॉर्ट नाम बनाया " D J " ( दिग्विजय (D) & जानवी (J) ) उसके बाद दिग्विजय और जानवी के बीच प्यार और भी ज्यादा बढ़ गया।

_________________१ महीने बाद__________________

                     जानवी अनाथ थी और उसका इस दुनिया में कोई नहीं था , इस लिए जानवीने स्कूल में एक भाई बनाया , उसके बाद जानवी ने दिग्विजय को कहा की ( दिग्विजय मैंने स्कूल में एक भाई बनाया है ) फिर दिग्विजय ने कहा की ( ओके जानवी कोई बात नही ठीक है मगर तुम्हारे उस स्कूल वाले भाई का नाम क्या है? ) फिर जानवी ने कहा की ( उसका नाम करण है  ) जानवी ने करण को भाई बनाया उस बात से दिग्विजय को कोई आपत्ति नहीं थी मगर दिग्विजय को महसूस होने लगा था की कुछ ना कुछ तो होने वाला है। 

__________________५ दिन बाद __________________

करण के आने के बाद दिग्विजय और जानवी आपस में बात होना कम हो गया  , उस टाइम पहली बार D J की अनंतप्रेम कहानी बिखर रही हो ऐसा लगा। स्कूल में दिग्विजयने जो प्यार की मोहिम शुरू की थी वो धीरे धीरे टूट रही थी सब को लग रहा था अब  ये D J खतम हो जायेगा मगर उस वक्त दिग्विजय की चहिती की उनके सुख दुःख मे साथ देने वाली लड़की की एंट्री हुई जिसका नाम ( सपना ) था। सपनाने पता लगाया की ये सब हो क्या रहा है आखेर में सपनाने पता लगा दिया की D J आज अलग है तो उसकी वजह एक ही है जानवी का भाई करण की जो दिग्विजय और जानवी के बीच आग लगा रहा है ।

 दिग्विजय की चहिती सपना ने दूसरे दिन पूरे स्कूल के सामने करण को चाटा मारा और  करण को बेजत किया और जानवीने करण को कहा की ( तुम जानवी के भाई हो फिर भी तुम अपनी बहन की खुशी नही देख सकते तुम को तो सरम आनी चाहिए ) यह बात सुनकर करण को बहुत गुस्सा आ गया मगर करण करता ही क्या पूरे स्कूल के सामने। 

     दिग्विजय को पता नही था की सपनाने करण की बेजती की है उसी वक्त जानवी को उसकी फ्रेंडने आके कहा की ( जानवी..... जानवी..... दिग्विजय की फ्रेंड सपनाने पुरे स्कूल के सामने करण की बेजती की और सपनाने करण को कहा की -- तुम जानवी के भाई हो फिर भी तुम अपनी बहन की खुशी नही देख सकते तुम को तो सरम आनी चाहिए ) मगर करणने जानवी की आँखों में पट्टी बांध दी थी की ( में तुम्हारा भाई हूँ ) । 

उसके बाद दिग्विजय और जानवी अलग हो गए फिर करण खुश हो गया  , करणने कहा की ( में तेरी प्यार कहानी का रावण हूँ ). 

__________________५ महीने बाद_________________


         ५ महीने बाद जानवी को अपने आप पर पचतावा हुआ और जानवी को दौत हुआ की ( करण का आना , दिग्विजय और मेरा अलग होना कुछ तो गरबर है ) उसी वक्त जानवी सपना के घर गई और फिर सपनाने कहा की ( करण तुम्हे कभी भी बहन नहीं मानता था और करण तुमको सिर्फ अपनी गिर्लफ्रेंड मानता था इस लिए करणने प्लेन बनाया और तुम दोनों को अलग कर दिया ).

 फिर जानवी को पता चल गया और फिर जानवी रोने लगी फिर जानवी बोली की ( मैने दिग्विजय को रुलाया है दिग्विजय सही था फिर भी मैंने अपने भाई  करण पे यकीन किया और और सब कुछ बरबाद हो गया )  , फिर सपनाने कहा की(  अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है आज भी सब ठीक हो सकता है )  , ये बात सुनने के बाद जानवी दिग्विजय से मिलने गई। 

      जानवी को अपनी प्यार पे यकीन था की दिग्विजय मुझे कभी भी सोडके नहीं जायेगा  , फिर जब जानवी दिग्विजय से मिली तब दिग्विजय उसके इंतजार में बैठा हुआ था फिर जानवीने दिग्विजय को कहा की दिग्विजय ( हमारा प्यार अमर है ये " D J " नाम हंमेशा अमर रहेगा ) इसके बाद दिग्विजय - जानवी एक हो गए दोनों के बीच फिर से प्यार जाग गया और कुछ महीने बाद जानवी प्रेग्नेंट हो गई मतलब की दिग्विजय और जानवी का नन्हासा बेबी आने वाला था। 

     फिर करण को यह बात पता चली की दिग्विजय और जानवी का नन्हासा बेबी आने वाला है  , उसके बाद करण को पता चल गया की ( जानवी अब मेरी कभी नहीं होंगी ) उसके बाद करणने दिग्विजय - जानवी को मारने का प्लेन बनाया। 

 _______________रक्षाबंधन का दिन _______________


    रक्षाबंधन के दिन जानवी करण को राखी बांधने गई जानवी के साथ दिग्विजय था और दिग्विजय  की चहिती सपना भी साथ में थी , जैसे ही जानवीने करण को राखी बाँधी उसी वक्त करणने जानवी को कह दिया की ( जानवी में तुम्हे बहन नही मानता बल्कि में तुम्हे गिर्लफ्रेंड मानता हूँ  ) बात बात में करण दिग्विजय के और बढ़ा और कबार्ट में से चाकू निकाला और दिग्विजय के उपर वार करने जाने ही वाला था की जानवी बच मे आ गई और जानवी को चाकू लग गया और करणने जानवी को जख्मी कर दिया फिर दिग्विजय गुस्से में आके करण को मारने लगा और उसी वक्त सपना ने कहा की (  दिग्विजय जानवी की सांसे चल रही है जानवी को हॉस्पिटल लेजाना पड़ेगा ) और तब दिग्विजय जानवी को उठाके हॉस्पिटल ले गया। 


" हॉस्पिटल मे  "

जानवी  : दिग्विजय एक बात याद रखना तुमको जितना मैंने प्यार किया है ना उतना प्यार ओर कोई लड़की कर ही नहीं पायेगी की , हा ऐसा हो की कोई लड़की तुम्हे प्यार से रखेगी मगर तुम्हे वो खुशी तो कभी नहीं देगी जो में तुम्हे देने वाली थी। 

दिग्विजय : नहीं जानवी में तुम्हारे बीना कैसे रहूँगा तुम्हारे बिना ये जिंदगी जिंदगी नहीं होगी  , तुम्हारे एक भाईने देखो ये क्या कर दिया सब कुछ बरबाद कर दिया  , सब कुछ बरबाद कर दिया । 

जानवी : देखो दिग्विजय मुझसे एक वादा करो की आज मेरे मरने के बाद तुम्हारी जिंदगी में जो भी लड़की आयेगी उसको तुम मुझसे भी ज्यादा प्यार करोंगे और उसे कहना की कभी भी बनाये हुए भाई पे यकीन न करे वरना जानवी जैसा हाल होगा । 

दिग्विजय : I Love You जानवी........ 

जानवी : I Love You Too दिग्विजय........ अपना खयाल रखना क्योंकि अब तुम्हे रोज सुबह जगाने के लिए मेरा कॉल नहीं आयेगा अब तुम्हे अकेले ही सब करना हो हिम्म रखके जीना ओके क्योंकि कुछ महीने या साल थोड़ा दर्द होगा फिर आदत हो जायेगी । 


THE END

      To Be Continue......

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D J Chapter 2