Momal :Diary ki gahrai - 37 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 37

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मोमल : डायरी की गहराई - 37

पिछले भाग में हम ने देखा कि अमावस की पहली रात में फीलिक्स को एक मैदान में पिंजरे में बंद किया गया था। काफी अंधेरा था और फीलिक्स वहां कीड़े मकोड़ों के डर से सिमट कर घांस पर बैठा था। मोमल और अब्राहम का दिल जैसे आग में जल रहा हो। उसे छोड़ कर वे दोनों घर आए लेकिन उनका मन फीलिक्स पर ही लगा था।

अब आगे :__

घर आ कर मोमल अपने बिस्तर पर गुमसुम बैठ गई, एक तरफ अब्राहम उदास बैठा था। लूना सो रही थी उसे कुछ पता नहीं था के उसका भाई कहां है। वो दोनों खामोश बैठे थे की उन्हे बादल गरजने की आवाज़ आई। ये आवाज़ सुनते ही मोमल और अब्राहम ने एक दूसरे को घबराकर देखा कि फिर से ज़ोर की आवाज़ आई। मोमल ने जल्दी करते हुए खिड़की से पर्दे हटाए और बाहर झांकने लगी। अब्राहम भी आ कर देखने लगा। देखा तो मौसम का मिजाज़ पूरी तरह से बिगड़ चुका है। रह रह कर बिजली भी चमक रही थी। अंधेरे में बिजली की चमक से काले घने बादल भी नज़र आ रहे थे। मोमल ने आंखों में खौफ लिए कहा :" बारिश !... अगर बारिश होने लगे तो फीलिक्स वहां नही रह पायेगा। हमे उसके पास जाना होगा।"

अब्राहम ने आसमान की ओर देखते हुए कहा :" ये बारिश बरसने वाली है। हम फीलिक्स को रात भर भीगने के लिए नही छोड़ सकते और तो और मैदान में बिजली गिरने का भी खतरा होता है। मैं जाता हूं उसके पास तुम यहीं रहो।"

मोमल ने ज़िद की :" नही मैं भी आ रही हूं! मैं किसी भी खतरे में आप दोनो को अकेला नहीं छोड़ सकती! जो भी होगा हम साथ में उसका सामना करेंगे। मैं साथ रहूंगी तो मुझे तस्साली रहेगी।" 

अब्राहम ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उसने एक न सुनी। और साथ में चली गई। 
रात के करीब पौने बारह बज रहे थे। फीलिक्स डरा हुआ गरजते और चमकते आसमान को देख रहा था। इतने में उसने देखा के उसके पिंजरे के ऊपर बहुत सी चिड़ियां उड़ रही है। सारे कौवे जैसे लेकिन आकार में बड़े। देखते देखते अचानक उसके पिंजरे के सामने एक बड़ी सी पंछी आ गई और वोही पर साईं साईं उड़ने लगी। जब फीलिक्स ने उसकी लाल आंखों में देखा तो उसकी आंखे भी पंछी की तरह ही लाल हो गई। उसके जिस्म से काला धुवां निकलने लगा जैसे वो जल रहा हो। उसकी सांसे और धड़कन तेज़ थी। वो धीरे धीरे उस चिड़िया के वश में आ रहा था। उसने पिंजरे के रॉड को दोनों हाथों से कस कर पकड़ लिया। वो आंखे बंद करना चाह रहा था लेकिन खुद को पंछी की आंखो में देखने से रोक नही पा रहा था। उसने अपने दांतों पर ज़ोर दिया और रॉड को दबाने लगा। किसी तरह आंखे बंद करने की कोशिश करने लगा। उसने मोमल और अब्राहम को याद करना शुरू किया। उनकी बातें और सिख याद करते करते एक बार आंखे बंद कर ली और सर झुका कर पालकों को मजबूती से बंद कर के रखा। उसके आंखे बंद करने पर सारी पंछी काई काई सी आवाज़ें निकालने लगी। 
इतने में बारिश शुरू हो गई। मोमल और अब्राहम भीगते हुए दौड़े चले आ रहे थे। जैसे ही पंछी ने उन्हे देखा वो मुड़ी और जा कर अपने बड़े बड़े नाखून से अब्राहम के गले को काटने के इरादे से झपटा मारा। उसके ऐसा करते ही अब्राहम सही समय पर नीचे की ओर झुक गया लेकिन फिर भी उसके गर्दन पर खरोच लग गई। मोमल चीख पड़ी :" अब्राहम !"

वो पंछी उन दोनों के पीछे गई और अपना रूप बदल कर एक विशाल दानव बन गया। उसके एक एक कदम बढ़ाने से जैसे ज़मीन कांप रही थी। क़रीब दस फीट ऊंचा और भयानक शकल। उसकी आंखे लाल और बीच में एक काली लकीर थी। चहरा खुरदुरा सा और बड़े बड़े कान थे। 

मोमल की आवाज़ सुन कर फीलिक्स ने दहशत में आंखे खोल कर देखा तो उसके सामने एक भयानक मंज़र था। उसकी रूह कांप उठी। वो उस दानव को देख कर चिल्लाया जिसकी आंखे बारिश और बिजली की रौशनी में चमक रही थी :" मॉम डैड आपके पीछे !"
उसका इतना ही कहना था के दानव ने मोमल और अब्राहम को दबोच लिया। फीलिक्स चीख रहा था :" मॉम डैड!.... छोड़ो मेरे मॉम डैड को वरना अच्छा नहीं होगा।"

वो बेबस पिंजरे में कैद बस हाथ पैर मार रहा था।

दानव ने भारी आवाज़ में कहा :" अगर इनकी सलामती चाहते हो तो पिंजरा तोड़ दो वरना तुम्हारी जगह मैं उन्हे ले जाऊंगा।"

अब्राहम ने उसके हाथ पर ज़ोर ज़ोर से मुक्के मारे लेकिन उसका कुछ भी नहीं हो रहा था। इतने बड़े शरीर में उसका मुक्का जैसे एक बच्चे के हाथ से मारा हुआ मुक्का लग रहा था। अब्राहम के पास एक चाकू था उसने किसी तरह अपने जेब से चाकू निकाला और उसके बड़े से कलाई में पूरी ताकत लगा कर चाकू घोंप दिया। दानव ने छटपटा कर उसे छोड़ दिया और गुर्राने लगा। 

उसने मोमल को अब भी दूसरे हाथ में दबोच रखा था। उसमे गशी छा रही थी। ऐसा लग रहा था बस बेहोश हो जायेगी। 

अब्राहम फीलिक्स के पास दौड़ा और बोला :" फीलिक्स अपने ऊपर काबू रखो इसकी बातों में मत आओ!"

अब्राहम के गर्दन से खून निकल रहा था जो बारिश के पानी से बह कर उसके सफेद कुर्ते को रंग रहा था। 

फीलिक्स की नज़र दानव के पंजे में फंसी मोमल पर थी। वो देख सकता था के उसकी हालत ठीक नहीं है। उसने एक नज़र अब्राहम के खून बहते गर्दन पर भी डाली। 

अब्राहम ने उसके लाल आंखों को देख कर फिर से कहा :" तुम्हे अपने जज्बातों पर काबू रखना होगा वरना हमारी सारी कोशिशें बेकार हो जायेगी। फीलिक्स सुन रहे हो मुझे। तुम्हे कुछ भी करने की ज़रूरत नही है बस शांत हो कर यही रहो, मैं मोमल को छुड़ा लूंगा।"
जब अब्राहम ने देखा के वो सिर्फ मोमल को लाल आंखों से देख रहा है तो उसने तेज़ आवाज़ में कहा :" मेरी बात सुनो फीलिक्स। तुम समझ रहे हो ना मैं क्या कह रहा हूं?"

फीलिक्स की आंखों से आंसु टपक रहे थे। वो खामोश हो था। दोनों हाथों से पिंजरे के रॉड को खींचने लगा। एक बार ज़ोर से चिल्लाया :" मॉम !

और एक झटके में दो रॉड तोड़ दिया। इतनी तेज़ रफ्तार से  दानव के सामने गया के अब्राहम को वो नज़र ही नहीं आया। उसे ऐसा लगा के जैसे उसके सामने से कोई हवा का झोंका गुज़र गया हो। 

दानव के सामने जा कर उसने कहा :" मेरी मॉम को छोड़ दो मैं तुम्हारे साथ जाने के लिए तैयार हूं लेकिन अगर मेरे मॉम डैड को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हे नही छोडूंगा।"

उस छोटे से लड़के के आंखों और बातों में उसके उमर से ज़्यादा गुस्सा और नफरत भरा था। 

अब्राहम चिल्लाते हुए उसकी ओर दौड़ा  :" नही फीलिक्स! रुक जाओ।"

दानव ने मोमल को छोड़ दिया। वो ज़मीन पर गिर पड़ी। फीलिक्स ने दबे आवाज़ में कहा :" I'm sorry mom dad!.... मैं आप दोनो को और खतरे में नही डाल सकता। मैं जा रहा हूं मेरी बहन को मेरी तरफ से अलविदा कह दीजिएगा।"

जब तक अब्राहम दौड़ कर उसके पास आता तब तक वो दानव ने पंछी बन कर फीलिक्स को अपने पैरों से पकड़ा और लपक कर उड़ा ले गया। 
झमाझम बारिश की बूंदें उनके दिलों में पत्थर की तरफ बरस रही थी। 

अब्राहम ने मोमल को उठाया वो बेसुध हो कर फीलिक्स को जाते हुए देख रही थी। कुछ ऊपर जा कर वो चिड़िया और फीलिक्स गायब हो गए, वे अब नज़र नही आ रहे थे।

बारिश जोरों से बरस रही थी। रात का अंधेरा था, बिजली कड़कने की आवाज़ थी और ठंड लगा देने वाली बर्फीली हवाएं चल रही थी। ये ऐसी भयानक रात थी के ज़िंदगी में कभी भी दोबारा इसका सामना करने की हिम्मत न हो। 
वो दोनो बेबस वहां खड़े भीग रहे थे। 
मोमल को सदमा लगा था। उसकी सिर्फ आंखे बरस रही थी लेकिन खामोश थी। अब्राहम ने उसे थाम कर धीरे धीरे चलते हुए घर ले आया। उसने कांपते आवाज़ में कहा :" मोमो क्या हुआ तुम्हे ? फीलिक्स चला गया तुम समझ रही हो ना?

उसने उसके बाजुओं को पकड़ कर ज़ोर से हिलाया। मोमल बेसुध सी फर्श पर बैठ कर बहुत रोने लगी। उसके रोने की आवाज़ रात में गूंज रही थी लेकिन बारिश की आवाज़ के कारण वो बस घर तक ही सीमित थी। दूसरे कमरे में लूना की नींद टूट गई और उठ कर उसने सब से पहले फीलिक्स के बिस्तर पर देखा लेकिन उसे वहां न पाया तो सीधा अब्राहम और मोमल के कमरे की ओर चली आई, दरवाजे के पास सहमी हुई खड़ी हो कर अपने मां बाप को इस तरह रोते हुए देखने लगी। उसके समझ से सब कुछ कोसो दूर था। कुछ देर खड़े रहने के बाद उसने कहा :" मम्मा पापा !"

उसकी आवाज़ सुन कर मोमल उठी और उसे गले से लगा कर और ज़्यादा रोने लगी। अब्राहम का खून देख कर लूना भी रो रही थी। उसे लग रहा था के अब्राहम को चोट लगी है शायद इस लिए मम्मा रो रही है लेकिन भैया कहां है? 
वो मन ही मन ये सब सोच रही थी। 
उसने अपने छोटे छोटे हाथों से मोमल के आंसू पोंछ कर कहा :" मम्मा आप रोएंगे तो पापा को दवाई कौन लगा देगा! आप पहले पापा का ट्रीटमेंट कर दो, देखो ना पापा को दर्द हो रहा होगा खून निकल रहा है।"

अब्राहम को इस बात का ध्यान ही नहीं था के उसके गर्दन पर ज़ख्म लगा है। उसने धीरे से मुड़ कर अपने गर्दन में देखा फिर कुर्ता उतार कर कुर्सी पर रख दिया। मोमल ने किसी तरह खुद पर काबू किया। लेकिन अब भी हाथ पैर कांप रहे थे। मन विचलित था और ऐसा महसूस हो रहा था जैसे सीने में दिल धड़कते हुए थक गया हो। 

अब्राहम ने लूना से कहा :" बेटा तुम जा कर सो जाओ मैं ठीक हूं! छोटी सी चोट है दो दिन में ठीक हो जायेगी।"

लूना जाने लगी लेकिन फिर मुड़ कर बोली :" पापा कमरे में भैया नहीं है। क्या वो वाशरूम में हैं?

ये सवाल सुन कर उनके दिल में एक और धक्का सा लगा। मोमल उस से अपना चहरा छुपा रही थी और ड्रॉअर से फर्स्ट एड बॉक्स निकाल रही थी। 
अब्राहम ने कुछ पल सोच कर कहा :" नही वो अंकल हैरी के यहां गया है। वो घर पर अकेले थे न इस लिए उसे ले गए हैं।"

लूना  :"ओह!... तो नाना जी मुझसे मिले बिना ही चले गए ?

अब्राहम :" तुम सोई हुई थी ना बेटा इस लिए!"

अपने मां बाप को इस हाल में देख कर वो उदासी से अपने कमरे में चली गई और सिकुड़ कर सो गई। 

मोमल ने रुई से अब्राहम का ज़ख्म साफ करते हुए सिसक कर बोली :" ये गहरा ज़ख्म है। स्टिच करना पड़ेगा। हम ने फीलिक्स को खो दिया अब्राहम?"

उसके हाथ कांप रहे थे। अब्राहम ने उसे धीरे से गले लगाया और पीठ सहलाते हुए कहा :" हम ने कोशिश की लेकिन बदकिस्मती ये हुई के बारिश शुरू हो गई। जो कुछ हुआ हमे उसका अंदाज़ा नही था। तुम अपने मन को शांत करो, हमे लूना को सच्चाई बताना होगा वरना वो इंतज़ार करती रहेगी।"

मोमल ने खुद को संभाला और अब्राहम के ज़ख्म पर बैंडेज कर करने लगी। उसने रो रो कर आंखें सुझा ली थी। पट्टी खत्म कर के कहा :" कल सुबह ही जा कर स्टीच करवा लीजिएगा वरना ठीक होने में बहुत समय लग जायेगा।"

टेबल पर उनके शादी की फोटो रखी हुई थी। जिसमे वे चारो थे। अब्राहम, मोमल फीकिक्स और लूना। फोटो में वे चारो बहुत खुश नज़र आ रहे थे। 
जब मोमल की नज़र फीलिक्स के मुस्कुराते चहरे पर पड़ी तो उसने अपने मन में कहा :" क्या तुम वापस हमारे पास नहीं आ सकते ? मैं ने तुम्हे अपना बेटा माना है और हमेशा मेरी यादों में ज़िंदा रहोगे। मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी।"

अब्राहम ने उसे सोने के लिए कहा। रात तो गुज़र ही चुकी थी। ना नींद थी ना दिल को चैन, सब मनहूस सा लग रहा था। बस दो घंटे बचे थे सुबह होने को। सुबह होते होते बारिश थम गई। 

To be Continued........