स्वाति क्लास में आ जाति है! ओर माया भी तभी वो दोनो देखती हैं। सभी बच्चे तो आज बहुत ही खुश हैं.. ये देख कर माया और स्वाति एक दूसरे की ओर देखने लगते है! स्वाति अपने कंधे पर उचकते हुए कहती है: पता नहीं क्या हुआ है ?? चल मानुषी से पता करते है ।
स्वाति लंगड़ाते हुए ओर माया के हाथ को पकड़ते हुए चली अपनी सीट पर चली जाति है ।। तभी उसे मानुषी के पास जाकर पता चलता हैं कि कॉल की पिकनिक ऑर्गनाइज कर रही है . ये सुनकर हम सब बच्चे बहुत ही खुश हैं...
ये सुनकर स्वाति थोड़ी खुश होती है! थोड़ी नहीं .. तभी माया कहती है: कौनसा प्लेस है??
स्वाति: ha वो तो बता! ..
मानुषी: यार वो तो अभी नहीं कहा लेकिन हमे इतना ही पता चला हैं कि कोई पिकनिक ऑर्नाइज हो रही है! .. क्या तुम दोनो चलोगे?
माया: क्यो नहीं! स्वाति भी आएगी! हे न स्वाति? तभी स्वाति उन दोनो की ओर देख कर कहती है: मुझे भी आने का बहुत ही मन है लेकिन मम्मी को एक बार पूछना पड़ेगा! देखते हैं! मां क्या कहती है!
माया: अगर आंटी नहीं माने तो हमे कहना हम जरूर उन्हें मन लेंगे!
स्वाति: जी क्यो नहीं! वो तीनो आपस में ही स्माइल करने लगती haib......
कॉलेज खतम होने के बाद ...
कॉलेज के खत्म होते ही स्वाति माया ओर मानुषी के हेल्प से बस स्टॉप पर आ जाती है .. लेकिन अभी भी बस की देरी थी! मानुषी और माया के घर का डायरेक्शन उल्टा होने के वजह से वो दोनो पहले ही जा चुकी थी! ..
स्वाति बड़ी बेशबरी से इंतेज़ार कर रही थी बस का! लेकिन तभी उसके फोन पर नोटिफिकेशन आता है! .. जो बस के रिलेटेड था! दरहसल उने अपने फोन पर इसी ऐप रखी हुई थी! जिसकी वजह से उसे पता चलता रहता है ; बस कहा तक पहुंची लेकिन तभी उसे पता चल पा रहा है! की बस के आने में एक घंटे की देरी है! ये देखते ही स्वत परेशान हो जाति है! ओर कहती है: घर जाकर कितना सारा होमवर्क भी है! हे भगवान ऊपर से ये पैर दर्द भी कुछ ज्यादा ही कर रहे है...
स्वाति यह पर बैठ थी! दूसरी ओर ..
स्टाफ रूम में ..
आदित्यa बैठा हुआ था! ओर सभीबतीचर खड़े थे,n तभी आदित्य सब को बैठ ने के लिए भी कह देता है; उनमें से एक हिमांशु सर कहते है: सर शिमला और मनाली कैसा रहेगा??
आदित्य: हम ये उतना भी बुरा नहीं हैं...
प्रीति: सर क्या हम लद्दाख चल सकते hain?
आदित्य: नहीं मुझे नहीं लगता हैं कि कोई पेरेंट्स हमे अपने बच्चे को लेकर जाने के लिए इतने सारे दिन की छुटिया देंगे! ।
प्रीति: तो फिर सर क्या महाबलेश्वर?
आदि: ये जगह भी अच्छी हैं.. तो आप सब लोग आपस में सब कुछ डिसाइड कर दो . बाद में मुझे प्लान का शेड्यूल मेरे केबिन में दे देना ठीक है! ।
सभी लोग खड़े होते हुए कहते है: ठीक हैं सर।
आदित्य वह से निकल कर सीधे अपनी कार में आ जाता है! ओर घर जाने के लिए मॉड देता है.. आदित्य अभी कॉलेज के गेट से बाहर ही आ रह था! तभी उसे दूर स्वाति बैठी हुई दिखाई देती है! .. पहले तो वो सोचता है! लेकिन बाद में उसकी ओर कार चला लेता है! स्वाति के पास जाते ही आदित्य कार को रोक देता है! ओर कहता है: तुम अभी तक?
स्वाति जब आदित्य की आवाज सुनती है: तो उनकी ओर देखते हुए कहती है: वो मेरी बस आज काफी लेट है .
आदित्य; ओह कितनी?
स्वाति: एक घंटा! स्वाति इतना कह कर अपने फोन में गेम खेलने लगती है!।। तभी आदित्य कहता है: अगर तुम चाहो तो में तुम्हे छोड़ देता hu! .
आदित्य की बात सुनकर स्वाति कहती है: नहीं उनकी जरूरत नहीं है! वो इतना कह कर सोचने लगती है!.
आदित्य : क्या सच में?
स्वाति: hm शायद.. ।
आदित्य: तुम इतनी जिद्दी क्यों हो? ।
स्वाति; में नहीं हु! वो इतना कह कर आदित्य के कार में पैसेंजर सीट में आकर बैठ जाति है! आज अपने बाजू में देख कर आदित्य उसकी ओर देखने लगता हैं..
स्वाति: क्या हुआ सर?
आदित्य: कुछ नहीं चलो!
आदित्य करीबन घंटे में स्वाति के घर लेकर पहुंचता है! तभी स्वाति जिद करते हुए कहती है: प्लीज सर आज आप को आना पड़ेगा! आदित्य उसकी बात सुनकर अंडर चले जाता है! लेकिन जब वो दोनो अंडर जाते है! तो वह की हालत देख कर पूरी तरह से हैरान हो जाते है ।।।
To be continued 💫 🦋 💙