Yaado ki Asarfiya - 24 in Hindi Biography by Urvi Vaghela books and stories PDF | यादों की अशर्फियाँ - 24 - उपसंहार

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यादों की अशर्फियाँ - 24 - उपसंहार

उपसंहार 

स्कूल सिर्फ सिलेबस, परीक्षाएं और मार्क्स तक ही सीमित नहीं होती, उनके अलावा भी बहुत कुछ होता है, 

 कहा हमने एक नए क्लास, नए टीचर्स और नए फ्रेंड्स के साथ शुरू की हुए यह सफर इतनी परिचित हो गई। हर साल यही होता है, हर साल सब कुछ नया होता है, बुक्स, सिलेबस, टीचर्स, क्लास कुछ नहीं होता है तो वह पुराने दोस्तों जो अभी भी अपनी शैतानी को नहीं छोड़ पाए, अपनी शरारत और मुस्कान के साथ हमारे नए साल को और बेहतर बना देता है। सच कहूं तो हर नया साल पुराने साल से बेहतर होता चला गया पर फिर भी कुछ तो ऐसा रह जाता था जिसकी वक्त के साथ किसी से नहीं भरी। 
 
   अब जब उन नादान बातों को, कुछ बेतुकी हरकतों को याद करते है तो खुद पर ही हस देते है यह सोचकर की ऐसा करने में क्या मिलता था। जैसे बेंच के बिना वजह कुछ भी लिखना, पेन के प्वाइंट को तोड़ देना और सबसे खास बुक के पिछले पेज में साइन करनी जो सच में बिना काम थी। दोस्तो से छोटी छोटी बात पर रूठ जाना, बॉयज के साथ हमारी ऐसी जंग होती की मानो भारत पाकिस्तान आमने सामने हो तो कुछ ही देर में पड़ोसी देश बन जाते। होमवर्क नहीं किया इस बात को छुपाने के लिए किए गए हजारों तरीके, रूल्स को तोड़कर उनसे बचने के 100 तरीके की बुक भी छपवा सके, इतने किस्से हमने अपनी स्कूल लाईफ में हमने बुने थे।
 
   हमारी सफर कुछ कुछ तरह से सबके जैसी ही थी, शायद कुछ खास नहीं था या शायद था भी। पर यह सफर यहां नहीं रुक सकती। कुछ सवाल हमारे मन में थे जो पूरे वेकेशन हमारे साथ रहे पर उनके जवाब सिर्फ 10th में ही मिल सके। कई दोस्त जाने वाले थे तो कई नए दोस्त बनने वाले भी थे जैसे जिंदगी की सफर कभी नहीं रुकती। कुछ जाने पर कुछ आता ही है। वैसे ही हमारी सफर तो और मुसीबत और शरारतों से भरने वाली थी। स्कूल और ट्यूशन दोनों में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।  
 
  सबसे अहम सवाल तो यह था की मेरे द्वारा जो गुस्से में ही सही पर की गई गलती की सजा क्या होगी? ध्याना मेम यह बात धीरेन सर को बता देंगे तो? इस बात किसी को अंदाजा तक नहीं था। मुझे तो याद तक नहीं रहा। हम सब अपना लास्ट वेकेशन क्योंकि 10th में तो सिर्फ पढ़ाई ही करने की थी, उसे एंजॉय करने निकल पड़े थे पर सभी मन में सिर्फ एक ही सवाल था की मेम इस तरह बिना बताए क्यों चले गए? और उसकी जगह अब कौन आएगा?
 
 अब सभी सवाल के जवाब सिर्फ वेकेशन के बाद ही मिलेंगे मतलब 10th में ही मिलेंगे जब हम सब अपनी दूसरी सफर को शुरू करेंगे। 

***

हम सब अब वेकेशन के बाद मिलेंगे पर कुछ खास जरूर होगा जो इस साल से भी बेहतर होगा जो न आपने सोचा होगा ना हमने सोचा था। स्कूल को याद करने की कई वजह होगी पर आने वाला साल आखिरी तो था ही पर सबसे यादगार भी था। तो मिलते है अगली सफर के साथ।